जमशेदपुर: शहर के साकची स्थित करीम सिटी कॉलेज सभागार में प्रेस क्लब ऑफ जमशेदपुर की ओर से 56वें राष्ट्रीय प्रेस दिवस को लेकर सेमिनार का आयोजन किया गया (Seminar in Jamshedpur), जिसमें राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने शिरकत की (Rajya Sabha Deputy Chairman Harivansh Narayan Singh). हिंदी मीडिया की चुनौती और अवसर विषय पर व्याख्यान देते हुए उपसभापति ने आजादी से पूर्व और वर्तमान में मीडिया के बदलते स्वरूप पर अपने विचारों को रखा.
सेमिनार में प्रेस क्लब ऑफ जमशेदपुर से जुड़े सभी पत्रकार, सभी प्रमुख पत्र पत्रिकाओं के संपादक और सहकर्मी, करीम सिटी कॉलेज मास कम्युनिकेशन के साथ अरका जैन यूनिवर्सिटी, नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी के पत्रकारिता विभाग के विद्यार्थी के अलावा समाज के प्रबुद्ध लोगभी शामिल हुए. मालूम हो कि हरिवंश नारायण सिंह वरिष्ठ पत्रकार रहे हैं, वो वर्तमान में राज्यसभा में उपसभापति के पद पर आसीन हैं.
सेमिनार को संबोधित करते हुए उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने कहा आज की पत्रकारिता वैसी ही है, जैसे आजादी के पहले थी. भारत की आजादी के दौरान की पत्रकारिता दुनिया की पत्रकारिता से भिन्न थी, जिन लोगों ने अपनी छाप छोड़ी नए मापदंड और प्रतिमान बनाया. जिन्होंने निजी उद्यम से अपने विचारों के तहत नयी लकीर खींचना चाहते थे, वो मुख्य धारा की पत्रकारिता से एकदम अलग थी. इनमें कुछ नाम महत्वपूर्ण हैं, जिन्हें आज याद किया जाता है, महात्मा गांधी, अबुल कलाम आजाद, बाल गंगाधर तिलक, बाबा साहेब अंबेडकर ने पत्रकारिता की, इन लोगों ने मुख्यधारा की पत्रकारिता में अपनी प्रतिबद्धता के साथ कार्य किया.
उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने आज की पत्रकारिता के संबंध में बताया कि दुनिया भर में पत्रकारिता के क्षेत्र में आयी चुनौतियां और उसके प्रभाव में पत्रकारिता पर उसके असर का दो वर्ष तक अध्ययन कर एक किताब प्रकाशित की गई, जिसका नाम है एलीमेंट ऑफ जर्नलिज्म. इस किताब का प्रकाशन संयुक्त राज्य अमेरिका की एक कमिटी ऑफ कन्सर्न ने अपने अनुभवों पर आधार पर किया. इसमें मूल बातें यही लिखी हैं कि जिस सच को उजागर करना पत्रकारिता का धर्म था, ये अपने रास्ते से भटकी है. उन्होंने कहा आज पूरी दुनिया पर जलवायु परिवर्तन और अनेकों ऐसी समस्याएं है, जिसे हम अपनी पत्रकारिता से प्रमाणित तथ्यों के साथ सामने रखकर एक नयी तरह की पत्रकारिता कर सकते हैं. उन्होंने पत्रकारिता को नयी दिशा देने और प्रतिबद्धता की पत्रकारिता से इन चुनौतियों से लड़कर उसे अवसर में बदलने का विचार दिया.