जमशेदपुर: बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने लोगों से दीपावली पर मिट्टी के दीये जलाने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि वर्तमान समय में हमारे लिए दिवाली में मिट्टी के दीये का प्रयोग करना समय की मांग तो है ही, यह 'लोकल के लिए वोकल' के जीवनमंत्र को साकार करना भी है.
रघुवर दास ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस संदेश को याद दिलाया है, जिसमें उन्होंने कोरोना महामारी से उत्पन्न संकट के दौर में देश को 'लोकल' से मिली सफलता का उल्लेख करते हुए अपील की थी कि 'हर भारतीय लोकल के लिए वोकल बने, देश के लोग न सिर्फ लोकल प्रोडक्ट्स खरीदें, बल्कि उसका गर्व से प्रचार भी करें.
उन्होंने कहा कि सच है कि कोरोना ने हमें लोकल मैन्यूफैक्चरिंग, लोकल सप्लाई चेन और लोकल मार्केटिंग का भी मतलब समझा दिया है. उन्होंने कहा कि दीपावली में हमें समय ने जो सीख दी है उसे अपने जीवन-जगत में शामिल करना जरूरी है, हम दीपावली में अपने कुम्हार भाइयों को भूल जाएं, मिट्टी के दीये की खरीदारी नहीं करें तो हम समय, समाज और अपनी जिम्मेदारियों से चूक जाएंगे, हमारा जीवन-मंत्र टूटकर बिखर जाएगा.
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रघुवर दास ने कहा कि आज जो ग्लोबल ब्रांड लगते हैं, वे कभी ऐसे ही लोकल थे. जब यहां के लोगों ने इनका इस्तेमाल किया और प्रचार शुरू किया, इसकी ब्रांडिंग की, उस पर गर्व किया तो वे प्रोडक्ट्स लोकल से ग्लोबल बन गए. रघुवर दास ने कहा है कि मिट्टी के दीये में हमारा जीवन आदर्श है, जब हम मिट्टी के दीये में बाती लगाकर उसमें अपने हाथों से तेल डालकर जलाते हैं और घर आंगन रोशन करते हैं तो हमारी भारतीय संस्कृति का गौरव झिलमिला उठता है.
उन्होंने कहा कि माना जाता है कि जब भगवान राम रावण को हराकर और 14 साल का वनवास पूरा कर अयोध्या लौटे थे तो नगरवासियों ने पूरे अयोध्या को दीयों की रोशनी में नहला दिया था और तब से भारत में दीपावली का त्योहार मनाया जा रहा है.