जमशेदपुरः बदलते परिवेश में पर्यावरण में होने वाले बदलाव से हर कोई त्रस्त है. इन्हीं परेशानियों से बचाव को लेकर जमशेदपुर के वीमेंस यूनिवर्सिटी की छात्राओं को ऑर्गेनिक खाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. छात्राएं कॉलेज परिसर में ही किचन वेस्ट से ऑर्गेनिक खाद बना रही है और अपने आसपास के लोगों को इसके बारे में बता भी रही है.
सुखे कचरे और किचन वेस्ट से बना रही ऑर्गेनिक खाद
बिष्टुपुर स्थित वीमेंस यूनिवर्सिटी के जूलॉजी विभाग की छात्राएं पढ़ाई के साथ कॉलेज के सूखे कचड़े और किचन वेस्ट को रीसायकल कर ऑर्गेनिक खाद बना रही हैं. छात्राओं ने बताया है कि खाद बनाने की इस प्रक्रिया से वो अपने आसपास के लोगों को भी अवगत करा रही है.
कॉलेज परिसर में ही तीन गड्डों में बना रही खाद
कॉलेज परिसर में ऑर्गेनिक खाद बनाने के लिए तीन अलग-अलग गड्ढे बनाए गए हैं. जिनमें कॉलेज का प्लास्टिक रहित कचड़ा और हॉस्टल के किचन वेस्ट को एक जगह जमा किया जाता है. यहां तीन अलग-अलग प्रक्रिया के बाद ऑर्गेनिक खाद बनने की प्रक्रिया पूरी होती है. इस प्रक्रिया में किसी भी रासायनिक पदार्थ का इस्तेमाल नहीं किया जाता.
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खाद बनाने में केंचुए का होता है इस्तेमाल
यूनिवर्सिटी की प्राचार्या डॉ पूर्णिमा कुमार ने बताया है कि खाद बनाने के लिए केंचुए का इस्तेमाल किया जाता है. केंचुआ अवशिष्ट को कम्पोस्ट खाद में बदलता है. जिसे यूनिवर्सिटी के बागान में इस्तेमाल किया जाता है.