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वीमेंस यूनिवर्सिटी की छात्राओं का कमाल, किचन वेस्ट से बना रहीं ऑर्गेनिक खाद

वीमेंस यूनिवर्सिटी के जूलॉजी विभाग की छात्राएं पढ़ाई के साथ कॉलेज के सूखे कचड़े और किचन वेस्ट को रीसायकल कर ऑर्गेनिक खाद बना रही हैं. खाद बनाने के लिए केंचुए का इस्तेमाल किया जाता है.

ऑर्गेनिक खाद
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Published : Mar 24, 2019, 9:04 PM IST

जमशेदपुरः बदलते परिवेश में पर्यावरण में होने वाले बदलाव से हर कोई त्रस्त है. इन्हीं परेशानियों से बचाव को लेकर जमशेदपुर के वीमेंस यूनिवर्सिटी की छात्राओं को ऑर्गेनिक खाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. छात्राएं कॉलेज परिसर में ही किचन वेस्ट से ऑर्गेनिक खाद बना रही है और अपने आसपास के लोगों को इसके बारे में बता भी रही है.

ऑर्गेनिक खाद


सुखे कचरे और किचन वेस्ट से बना रही ऑर्गेनिक खाद

बिष्टुपुर स्थित वीमेंस यूनिवर्सिटी के जूलॉजी विभाग की छात्राएं पढ़ाई के साथ कॉलेज के सूखे कचड़े और किचन वेस्ट को रीसायकल कर ऑर्गेनिक खाद बना रही हैं. छात्राओं ने बताया है कि खाद बनाने की इस प्रक्रिया से वो अपने आसपास के लोगों को भी अवगत करा रही है.

कॉलेज परिसर में ही तीन गड्डों में बना रही खाद

कॉलेज परिसर में ऑर्गेनिक खाद बनाने के लिए तीन अलग-अलग गड्ढे बनाए गए हैं. जिनमें कॉलेज का प्लास्टिक रहित कचड़ा और हॉस्टल के किचन वेस्ट को एक जगह जमा किया जाता है. यहां तीन अलग-अलग प्रक्रिया के बाद ऑर्गेनिक खाद बनने की प्रक्रिया पूरी होती है. इस प्रक्रिया में किसी भी रासायनिक पदार्थ का इस्तेमाल नहीं किया जाता.

ये भी पढ़ें-लोकसभा चुनाव 2019: सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशिक्षण शिविर का आयोजन

खाद बनाने में केंचुए का होता है इस्तेमाल

यूनिवर्सिटी की प्राचार्या डॉ पूर्णिमा कुमार ने बताया है कि खाद बनाने के लिए केंचुए का इस्तेमाल किया जाता है. केंचुआ अवशिष्ट को कम्पोस्ट खाद में बदलता है. जिसे यूनिवर्सिटी के बागान में इस्तेमाल किया जाता है.


जमशेदपुरः बदलते परिवेश में पर्यावरण में होने वाले बदलाव से हर कोई त्रस्त है. इन्हीं परेशानियों से बचाव को लेकर जमशेदपुर के वीमेंस यूनिवर्सिटी की छात्राओं को ऑर्गेनिक खाद बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. छात्राएं कॉलेज परिसर में ही किचन वेस्ट से ऑर्गेनिक खाद बना रही है और अपने आसपास के लोगों को इसके बारे में बता भी रही है.

ऑर्गेनिक खाद


सुखे कचरे और किचन वेस्ट से बना रही ऑर्गेनिक खाद

बिष्टुपुर स्थित वीमेंस यूनिवर्सिटी के जूलॉजी विभाग की छात्राएं पढ़ाई के साथ कॉलेज के सूखे कचड़े और किचन वेस्ट को रीसायकल कर ऑर्गेनिक खाद बना रही हैं. छात्राओं ने बताया है कि खाद बनाने की इस प्रक्रिया से वो अपने आसपास के लोगों को भी अवगत करा रही है.

कॉलेज परिसर में ही तीन गड्डों में बना रही खाद

कॉलेज परिसर में ऑर्गेनिक खाद बनाने के लिए तीन अलग-अलग गड्ढे बनाए गए हैं. जिनमें कॉलेज का प्लास्टिक रहित कचड़ा और हॉस्टल के किचन वेस्ट को एक जगह जमा किया जाता है. यहां तीन अलग-अलग प्रक्रिया के बाद ऑर्गेनिक खाद बनने की प्रक्रिया पूरी होती है. इस प्रक्रिया में किसी भी रासायनिक पदार्थ का इस्तेमाल नहीं किया जाता.

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खाद बनाने में केंचुए का होता है इस्तेमाल

यूनिवर्सिटी की प्राचार्या डॉ पूर्णिमा कुमार ने बताया है कि खाद बनाने के लिए केंचुए का इस्तेमाल किया जाता है. केंचुआ अवशिष्ट को कम्पोस्ट खाद में बदलता है. जिसे यूनिवर्सिटी के बागान में इस्तेमाल किया जाता है.


Intro:Jamshedpur
Jitendra kumar
9431301511

जमशेदपुर ।

जमशेदपुर के वीमेंस यूनिवर्सिटी की छात्राएं कॉलेज परिसर में किचन वेस्ट से ऑर्गेनिक खाद बना रही है । प्राचार्या पूर्णिमा कुमार ने बताया है कि छात्राओं द्वारा बनाए गए ऑर्गेनिक खाद का इस्तेमाल कॉलेज के बागान में किया जा रहा है और काउंटर सेल भी किया जा रहा है ।


Body:जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित वीमेंस यूनिवर्सिटी की छात्राएं पढ़ाई के साथ साथ कॉलेज के सूखे कचड़े और किचन वेस्ट को रीसायकल कर ऑर्गेनिक खाद बना रही हैं । छात्राओं ने बताया है कि खाद बनाने की ऐसी प्रक्रिया से वो अपने आसपास के लोगों को अवगत करा रही है ।
गौरतलब है कि हाल ही के दिनों में बिष्टुपुर स्थित वीमेंस कॉलेज को वीमेंस यूनिवर्सिटी बनाया गया है जिसका ऑनलाइन उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था ।
अब यूनिवर्सिटी की छात्राएं पढ़ाई के साथ साथ ऑर्गेनिक खाद बनाने में जुट गई है ।जूलॉजी विभाग द्वारा छात्राओं को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है । कॉलेज परिसर में ऑर्गेनिक खाद बनाने के लिए तीन अलग-अलग गड्ढे बनाए गए हैं जिनमें कॉलेज का प्लास्टिक रहित कचड़ा और हॉस्टल के किचन वेस्ट को एक जगह जमा किया जाता है । जहां तीन अलग-अलग प्रक्रिया के बाद ऑर्गेनिक खाद बनने की प्रक्रिया पूरी होती है ।इस प्रक्रिया में किसी भी रासायनिक पदार्थ का इस्तेमाल नही किया जाता है ।

यूनिवर्सिटी की प्रचार्या डॉ पूर्णिमा कुमार ने बताया है कि खाद बनाने के लिए केंचुआ का इस्तेमाल किया जाता है केंचुआ अवशिष्ट को कम्पोस्ट खाद में बदलता है जिसे ऑर्गेनिंक खाद के रूप में हम यूनिवर्सिटी के बागान में इस्तेमाल करते हैं और ऑर्गेनिक खाद का काउंटर सेल भी किया जाता है उन्होंने बताया कि छात्राएं इस प्रक्रिया को अपने आसपास के लोगों को भी बता रही है ।
बाईट डॉ पूर्णिमा कुमार प्रचार्या

यूनिवर्सिटी परिसर के अंदर छात्राओं में वर्मी कंपोस्ट खाद को बनाने की प्रक्रिया को लेकर एक उत्साह का माहौल भी है छात्राएं जूलॉजी विभाग के प्रशिक्षक द्वारा खाद बनाने की प्रक्रिया को समझ रही थी ।

यूनिवर्सिटी की छात्रा सुमन ने बताया कि किसानों के लिए यह प्रक्रिया काफी फायदेमंद है इससे अच्छा और सस्ता उपाय और कुछ भी नहीं है बेहतर उपज के साथ साथ किसान इसके जरिए रोजगार भी कर सकते हैं ।
बाईट सुमन कुमारी छात्रा

छात्राओं ने बताया है कि वो आर्गेनिक खाद बनाने की प्रक्रिया को आस पास के लोगों को भी बता रही है इस खाद के इस्तेमाल से फल सब्जी की उपज अच्छी होगी ।
बाईट अपूर्वा कुमारी
बाईट प्रियंका कुमारी




Conclusion:बहरहाल यूनिवर्सिटी की छात्राओं द्वारा आर्गेनिक खाद बनाने की मुहिम से किसानों को लाभ मिलेगा वही यूनिवर्सिटी परिसर में स्वच्छता अभियान भी साकार हो रहा है ।
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