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विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर पटरी पर दौड़ा देश का पहला 'इलेक्ट्रिक इंजन', देखने के लिए बच्चों की उमड़ी भीड़ - जमशेदपुर में विश्वकर्मा पूजा

जमशेदपुर में विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर देश के पहले इलेक्ट्रिकल इंजन का मॉडल बनाकर पटरी पर दौड़ाया गया. इस मॉडल को देखने के लिए बच्चों की भीड़ उमड़ पड़ी थी.

इलेक्ट्रिकल इंजन का मॉडल
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Published : Sep 18, 2019, 5:23 PM IST

जमशेदपुरः लौहनगरी में विश्वकर्मा पूजा बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. टाटानगर रेलवे इलेक्ट्रिक लोको शेड में विश्वकर्मा पूजा के दौरान देश के पहले इलेक्ट्रिक इंजन का मॉडल बनाकर पटरी पर दौड़ाया गया, जिसे देखने के लिए बच्चों की भीड़ उमड़ पड़ी थी.

देखें पूरी खबर

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पहली इलेक्ट्रिक इंजन के जानकारी देने के लिए बनाया गया मॉडल

इस मौके पर इलेक्ट्रिक लोको सेड के सीनियर टेक्नीशियन ने बताया कि मॉडल के जरिए आज की पीढ़ी को बताने का प्रयास किया गया है कि देश का पहला इलेक्ट्रिक इंजन का नाम क्या था और वह कैसा था. लोको सेड के सीनियर टेक्नीशियन ए नायक ने बताया कि देश का पहला इलेक्ट्रिक इंजन 1959 में फ्रांस से लाया गया था, जिसका मॉडल बनाकर पटरी पर चलाया गया है. उन्होंने बताया कि इंजन का नाम जगजीवन था जिसे चक्रधरपुर रेल मंडल के अंतर्गत डांगवापोसी से राजखरसांवा के बीच 120 किलोमीटर तक चलाया गया था.

जमशेदपुरः लौहनगरी में विश्वकर्मा पूजा बड़े ही धूमधाम से मनाया गया. टाटानगर रेलवे इलेक्ट्रिक लोको शेड में विश्वकर्मा पूजा के दौरान देश के पहले इलेक्ट्रिक इंजन का मॉडल बनाकर पटरी पर दौड़ाया गया, जिसे देखने के लिए बच्चों की भीड़ उमड़ पड़ी थी.

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पहली इलेक्ट्रिक इंजन के जानकारी देने के लिए बनाया गया मॉडल

इस मौके पर इलेक्ट्रिक लोको सेड के सीनियर टेक्नीशियन ने बताया कि मॉडल के जरिए आज की पीढ़ी को बताने का प्रयास किया गया है कि देश का पहला इलेक्ट्रिक इंजन का नाम क्या था और वह कैसा था. लोको सेड के सीनियर टेक्नीशियन ए नायक ने बताया कि देश का पहला इलेक्ट्रिक इंजन 1959 में फ्रांस से लाया गया था, जिसका मॉडल बनाकर पटरी पर चलाया गया है. उन्होंने बताया कि इंजन का नाम जगजीवन था जिसे चक्रधरपुर रेल मंडल के अंतर्गत डांगवापोसी से राजखरसांवा के बीच 120 किलोमीटर तक चलाया गया था.

Intro:जमशेदपुर।


जिला में विश्वकर्मा पूजा बड़े ही धूमधाम से मनाया गया है टाटानगर रेलवे इलेक्ट्रिक लोको शेड में विश्वकर्मा पूजा के दौरान देश का पहला इलेक्ट्रिक इंजन का मॉडल बनाकर पटरी पर दौड़ाया गया जिसे देखने के लिए बच्चों की भीड़ उमड़ पड़ी है।इलेक्ट्रिक लोको सेड के सीनियर टेक्नीशियन ने बताया है कि मॉडल के जरिए आज की पीढ़ी को बताने का प्रयास किया गया है कि देश का पहला इलेक्ट्रिक इंजन का नाम क्या था और वह कैसा था ।


Body:जमशेदपुर में विश्वकर्मा पूजा के दौरान लोको स्थित रेलवे के बिभिन्न विभागों में विश्वकर्मा पूजा की गई है। इलेक्ट्रिक लोको सेड में देश का पहला इलेक्ट्रिक इंजन का मॉडल बनाकर पटरी पर दौड़ाया गया है जिसे देखने के भीड़ जमा हो रही है ।
आपको बता दे कि देश मे पहला इलेक्ट्रिक इंजन 1959 में फ्रांस लाया गया था ।जिसे चक्रधरपुर रेल मंडल के अंतर्गत डांगवापोसी से राजखरसांवा के बीच 120 किलोमीटर तक चलाया गया था ।
पहला इंजन WAM--1--20250 रेल कर्मचारियों के लिए एक यादगार इंजन है ।

लोको स्थित इलेक्ट्रिक लोको सेड के सीनियर टेक्नीशियन ए नायक ने बताया है कि देश का पहला इलेक्ट्रिक इंजन 1959 में फ्रांस से लाया गया था जिसका मॉडल बनाकर पटरी पर चलाया गया है। उन्होंने बताया कि इंजन WAM-1-20250 का नाम JAGJEEVAN था।आज की पीढ़ी रेल के इतिहास को समझ सके इसके लिए मॉडल बनाकर जानकारी देने का प्रयास किया गया है।

बाईट ए नायक सीनियर टेक्नीशियन इलेक्ट्रिक लोको शेड टाटानगर


Conclusion:बहरहाल पूजा के साथ रेलकर्मियों ने रेल के इतिहास बताने का काम किया है जो सराहनीय कदम है।
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