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जमशेदपुरः शिव-पार्वती विवाह की कथा सुन भक्त हुए भाव विभोर, आचार्य राजेन्द्र महाराज ने की अमृत वचनों की वर्षो - Tulsi vivah in Jamshedpur

जमशेदपुर में मारवाड़ी युवा मंच स्टील सिटी सुरभि शाखा के तत्वावधान में तुलसी विवाह के अवसर पर शिव-पार्वती विवाह कथामृत का आयोजन हुआ. कथावाचक आचार्य राजेन्द्र महाराज ने भक्तिपूर्ण भाव में कथा सुनाकर भक्तों को भाव विभोर कर दिया.

तुलसी विवाह
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Published : Nov 26, 2020, 7:59 AM IST

जमशेदपुरः मारवाड़ी युवा मंच स्टील सिटी सुरभि शाखा द्वारा तुलसी विवाह के अवसर पर गुरूवार को होने वाले 11 बेटियों के सामूहिक विवाह कार्यक्रम के दूसरे दिन वृदांवन के कथावाचक आचार्य राजेन्द्र महाराज ने शिव-पार्वती विवाह पर कथामृत का भक्तों को रसपान कराया.

उन्होंने कहा कि बुद्धि के अहंकार के कारण मनुष्य भगवान की भक्ति को भूल गया है, जबकि बुद्धि द्वारा परमात्मा की परीक्षा मनुष्य कभी नहीं कर सकता. शिवजी और देवी सती से जुड़ी एक प्रचलित कथा के संक्षेप में चर्चा करते हुए कहा कि हमें कभी भी किसी के घर बिना बुलाए नहीं जाना चाहिए.

अगर जीवन साथी सही बात कहे तो उसे तुरंत मान लेना चाहिए, उसका अनादर नहीं करना चाहिए. पुत्री या किसी अन्य स्त्री के सामने पति की बुराई या अपमान नहीं करना चाहिए. व्यासपीठ से कथावाचक ने कहा कि कि जीवन में चतुर्थ पुरुषार्थ धर्म, अर्थ, काम मोक्ष प्राप्त करने के लिए ही विवाह संस्कार करवाया जाता है.

नारी की महानता बताते हुए उन्होंने कहा कि सभी सफल पुरुषों के पीछे नारियों का हाथ रहा है देवभूमि भारत में ऐसी नारियां भी हुई है जो यमराज से अपने पति के प्राण भी बचा लिए.

इसमें सत्यवान सावित्री की कथा जगत प्रसिद्ध है शिव पार्वती संवाद सुनाते हुए शास्त्री ने कहा कि पार्वती कहती हैं कि महादेव रामकथा मुझे अतिप्रिय लगती है तथा आप मुझे राम के जन्म विवाह वनगमन लंका विजय तथा राजतिलक तक की पूरी कथा सुनाएं जिससे मुझे आत्म संतुष्टि मिल सके.

संत महिमा बताते हुए उन्होंने कहा कि संत धरती पर ईश्वर का ही स्वरूप हैं जिनको सच्चे संतों का साथ मिल जाता है भव सागर से सहज ही पार हो जाता है.

यह भी पढ़ेंः परिणय सूत्र में बंधने जा रहे हैं गोड्डा विधायक अमित मंडल, बिहार की शिवानी संग सात फेरे

उन्होंने कहा कि व्यक्ति को आडंबरवाद से दूर रहते हुए अपनी क्षमता से अधिक खर्च नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से दरिद्रता बढ़ती है. इस दौरान कलाकारों ने शिव तांडव और शिव बारात की सुंदर झांकी प्रस्तुत की. इससे पहले मुख्य यजमान रीना-सुरेश सेडूका (बिष्टुपुर) ने पूजा अर्चना की.

महाराज जी ने तुलसी विवाह भी करावाया. कोविड संक्रमण के कारण कार्यक्रम स्थल पर महिलाओं की उपस्थिति काफी कम रखी गयी थी. सुरभि शाखा से जुड़ी महिलाएं भी ऑनलाइन कथा सुनी और भाव-विभोर हो उठी.

साकची काशीडीह स्थित डीएसएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस परिसर में वृदांवन के कथावाचक आचार्य राजेन्द्र महाराज के सानिध्य में गुरूवार को सामूहिक विवाह का सभी कार्यक्रम होगा. विवाह का पूरा खर्च समाज के लोग उठाएंगे.

साथ ही सभी जोड़ों को गृहस्थ के लिए आवश्यक सामग्री भी दी जाएगी. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सरकार की गाइडलाइन का पूरा पालन किया जा रहा हैं.

जमशेदपुरः मारवाड़ी युवा मंच स्टील सिटी सुरभि शाखा द्वारा तुलसी विवाह के अवसर पर गुरूवार को होने वाले 11 बेटियों के सामूहिक विवाह कार्यक्रम के दूसरे दिन वृदांवन के कथावाचक आचार्य राजेन्द्र महाराज ने शिव-पार्वती विवाह पर कथामृत का भक्तों को रसपान कराया.

उन्होंने कहा कि बुद्धि के अहंकार के कारण मनुष्य भगवान की भक्ति को भूल गया है, जबकि बुद्धि द्वारा परमात्मा की परीक्षा मनुष्य कभी नहीं कर सकता. शिवजी और देवी सती से जुड़ी एक प्रचलित कथा के संक्षेप में चर्चा करते हुए कहा कि हमें कभी भी किसी के घर बिना बुलाए नहीं जाना चाहिए.

अगर जीवन साथी सही बात कहे तो उसे तुरंत मान लेना चाहिए, उसका अनादर नहीं करना चाहिए. पुत्री या किसी अन्य स्त्री के सामने पति की बुराई या अपमान नहीं करना चाहिए. व्यासपीठ से कथावाचक ने कहा कि कि जीवन में चतुर्थ पुरुषार्थ धर्म, अर्थ, काम मोक्ष प्राप्त करने के लिए ही विवाह संस्कार करवाया जाता है.

नारी की महानता बताते हुए उन्होंने कहा कि सभी सफल पुरुषों के पीछे नारियों का हाथ रहा है देवभूमि भारत में ऐसी नारियां भी हुई है जो यमराज से अपने पति के प्राण भी बचा लिए.

इसमें सत्यवान सावित्री की कथा जगत प्रसिद्ध है शिव पार्वती संवाद सुनाते हुए शास्त्री ने कहा कि पार्वती कहती हैं कि महादेव रामकथा मुझे अतिप्रिय लगती है तथा आप मुझे राम के जन्म विवाह वनगमन लंका विजय तथा राजतिलक तक की पूरी कथा सुनाएं जिससे मुझे आत्म संतुष्टि मिल सके.

संत महिमा बताते हुए उन्होंने कहा कि संत धरती पर ईश्वर का ही स्वरूप हैं जिनको सच्चे संतों का साथ मिल जाता है भव सागर से सहज ही पार हो जाता है.

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उन्होंने कहा कि व्यक्ति को आडंबरवाद से दूर रहते हुए अपनी क्षमता से अधिक खर्च नहीं करना चाहिए. ऐसा करने से दरिद्रता बढ़ती है. इस दौरान कलाकारों ने शिव तांडव और शिव बारात की सुंदर झांकी प्रस्तुत की. इससे पहले मुख्य यजमान रीना-सुरेश सेडूका (बिष्टुपुर) ने पूजा अर्चना की.

महाराज जी ने तुलसी विवाह भी करावाया. कोविड संक्रमण के कारण कार्यक्रम स्थल पर महिलाओं की उपस्थिति काफी कम रखी गयी थी. सुरभि शाखा से जुड़ी महिलाएं भी ऑनलाइन कथा सुनी और भाव-विभोर हो उठी.

साकची काशीडीह स्थित डीएसएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस परिसर में वृदांवन के कथावाचक आचार्य राजेन्द्र महाराज के सानिध्य में गुरूवार को सामूहिक विवाह का सभी कार्यक्रम होगा. विवाह का पूरा खर्च समाज के लोग उठाएंगे.

साथ ही सभी जोड़ों को गृहस्थ के लिए आवश्यक सामग्री भी दी जाएगी. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सरकार की गाइडलाइन का पूरा पालन किया जा रहा हैं.

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