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गलवान वैली में शहीद हुए झारखंड के लाल गणेश पंचतत्व में हुए विलीन, नम आखों से लोगों ने दी विदाई

लद्दाख में चीन के साथ झड़प में शहीद हुए झारखंड के लाल गणेश हांसदा का अंतिम संस्कार पूरे सैनिक सम्मान के साथ उनके गांव में कर दिया गया है. इस दौरान हजारों की संख्या में लोग मौजूद रहे.

ladakh galwan valley martyr Ganesh Hansda cremation
गणेश पंचतत्व में हुए विलिन
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Published : Jun 19, 2020, 2:09 PM IST

Updated : Jun 19, 2020, 7:44 PM IST

पूर्वी सिंहभूम: लद्दाख में चीन के साथ झड़प में झारखंड के लाल गणेश हांसदा शहीद हो गए. झारखंड के इस शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए हजारों लोगों की भीड़ मौजूद थी. इस दौरान लोग भारत माता की जय के नारे लगाते रहे. शहीद के अंतिम दर्शन के लिए लोग सड़क किनारे, घरों के बाहर और छतों पर जुटे रहे. इस दौरान लोगों ने शगीद गणेश अमर रहे और चीन मुर्दाबाद के भी नारे लगाए गए.

देखी वीडियो

हेलीकॉप्टर से लाया गया पार्थिव शरीर

चीनी सेना के साथ झड़प में शहीद झारखंड के जवान गणेश हांसदा के पार्थिव शरीर हेलीकॉप्टर से सम्मानपूर्वक उनके पैतृक गांव लाया गया था. उससे पहले रांची में सीएम हेमंत सोरेन सहित अन्य लोगों ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी. बता दें कि दो भाइयों में गणेश छोटे थे और अबतक उनकी शादी नहीं हुई थी. गणेश के शहादत की सूचना मिलते ही ना सिर्फ उनके परिवार में बल्कि पूरे गांव में मातम छा गया. आर्मी ज्वाइन करने के बाद गणेश सिर्फ दो बार ही घर आ पाए आए थे. महज 21 साल की उम्र में उन्होंने देश पर अपनी जान कुर्बान कर दी.

पूर्वी सिंहभूम: लद्दाख में चीन के साथ झड़प में झारखंड के लाल गणेश हांसदा शहीद हो गए. झारखंड के इस शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए हजारों लोगों की भीड़ मौजूद थी. इस दौरान लोग भारत माता की जय के नारे लगाते रहे. शहीद के अंतिम दर्शन के लिए लोग सड़क किनारे, घरों के बाहर और छतों पर जुटे रहे. इस दौरान लोगों ने शगीद गणेश अमर रहे और चीन मुर्दाबाद के भी नारे लगाए गए.

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हेलीकॉप्टर से लाया गया पार्थिव शरीर

चीनी सेना के साथ झड़प में शहीद झारखंड के जवान गणेश हांसदा के पार्थिव शरीर हेलीकॉप्टर से सम्मानपूर्वक उनके पैतृक गांव लाया गया था. उससे पहले रांची में सीएम हेमंत सोरेन सहित अन्य लोगों ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी. बता दें कि दो भाइयों में गणेश छोटे थे और अबतक उनकी शादी नहीं हुई थी. गणेश के शहादत की सूचना मिलते ही ना सिर्फ उनके परिवार में बल्कि पूरे गांव में मातम छा गया. आर्मी ज्वाइन करने के बाद गणेश सिर्फ दो बार ही घर आ पाए आए थे. महज 21 साल की उम्र में उन्होंने देश पर अपनी जान कुर्बान कर दी.

Last Updated : Jun 19, 2020, 7:44 PM IST
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