जमशेदपुरः झारखंड ह्यूमन राइट्स कॉन्फ्रेंस ने शहर में क्लीनिकल स्टेब्लिशमेंट एक्ट को कड़ाई से लागू करने की मांग की है. इसको लेकर उन्होंने उपायुक्त सूरज कुमार को एक ज्ञापन भी सौंपा गया.
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क्लीनिकल स्टेब्लिशमेंट एक्ट लागू
ज्ञापन में कहा गया कि झारखंड राज्य में विगत 2013 से क्लीनिकल स्टेब्लिशमेंट एक्ट लागू है. इस एक्ट के तहत सभी अस्पतालों, नर्सिंग होम, क्लीनिक, डायग्नोसिस सेंटर और अन्य स्वास्थ्य केंद्रों को निबंधित होना आवश्यक है, लेकिन जिले में कार्यरत अनेक संस्थानों ने अब तक इस एक्ट के तहत अपना निबंधन नहीं करवाया है. जो सरकार के नियमों का खुला उल्लंघन है.
एक्ट के तहत सभी स्वास्थ्य संस्थानों को मरीजों के इलाज में लिए जाने वाले चिकित्सा शुल्क से जुड़ी तमाम सुविधाएं और शुल्क को साइन बोर्ड की ओर से प्रदर्शित करना है, ताकि मरीजों का आर्थिक दोहन न हो सके. इसके साथ ही तमाम स्वास्थ्य संस्थानों को सरकार की ओर से तय मानकों के आधार पर खरा भी साबित होना है, ताकि इलाज के दौरान लापरवाही और उदासीनता को रोका जा सके.
एक्ट के तहत सभी स्वास्थ्य संस्थानों को अपने मरीजों का चिकित्सा संबंधी रिकॉर्ड भी सुरक्षित रखना है, ताकि आवश्यकता अनुसार इसका उपयोग किया सके. इससे मरीजों के इलाज में पारदर्शिता आएगी और मरीजों में स्वास्थ्य संस्थानों के प्रति विश्वास बढ़ेगा.