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बूंद-बूंद पानी को तरसते लोग, वोटिंग से पहले ग्रामीणों ने किया ऐलान- 'जल नहीं तो वोट नहीं'

घाटशिला प्रखंड के चालकडीह गांव की आबादी लगभग ग्यारह सौ से उपर है. यहां के लोग पानी की समस्या से हमेशा जूझते रहते हैं. नेता चुनाव दर चुनाव लोगों को आश्वसन की घुट्टी पिलाकर चले जाते हैं, जीत के बाद वो फिर कभी नहीं आते. ऐसे में यहां के लोगों ने भी इस बार नेताओं को सबक सिखाने के लिए 'पानी नहीं तो वोट नहीं' का नारा दिया है.

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Published : Apr 4, 2019, 4:35 PM IST

Updated : Apr 4, 2019, 4:58 PM IST

पानी की समस्या से लोग परेशान

घाटशिला: जिले के चालकडीह गांव में हर साल पानी की समस्याओं से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस गांव में लगभग 80-90 परिवार रहते हैं, लेकिन यहां पर पानी के लिए केवल दो सोलर जलमीनार है. चुनाव को देखते हुए लोगों ने मन बनाया है कि जो भी प्रत्याशी यहां पानी की समस्या को दूर करेगा, उसी को वोट दिया जाएगा.

पानी की समस्या से लोग परेशान

घाटशिला प्रखंड के चालकडीह गांव की आबादी लगभग ग्यारह सौ से उपर है. यहां के लोग पानी की समस्या से हमेशा जूझते रहते हैं. नेता चुनाव दर चुनाव लोगों को आश्वसन की घुट्टी पिलाकर चले जाते हैं, जीत के बाद वो फिर कभी नहीं आते. ऐसे में यहां के लोगों ने भी इस बार नेताओं को सबक सिखाने के लिए 'पानी नहीं तो वोट नहीं' का नारा दिया है.

पानी लेने के लिए सोलर बोरिंग के पास सुबह होते ही ग्रामीणों की लंबी लाइन लग जाती है. पानी को लेकर गांव की महिलाएं अक्सर आपस में भी उलझ जाती हैं. रायमुनी ने बताया कि पानी लेने के लिए लंबी कतार को देखकर कभी-कभी पानी के लिए डेढ़ किमी दूर जाना पड़ता है.

स्थानीय महिलाओं ने जनप्रतिनिधियों को अपनी समस्याओं से अवगत कराकर कई बार समाधान करने की बात की, लेकिन अभीतक उसका समाधान नहीं हो पाया है. स्थानीय लोगों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अगर आगामी लोकसभा चुनाव में गांव में पहले पानी की समस्याओं का समाधान किया जाए, तभी वोटिंग की जाएगी.

घाटशिला: जिले के चालकडीह गांव में हर साल पानी की समस्याओं से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. इस गांव में लगभग 80-90 परिवार रहते हैं, लेकिन यहां पर पानी के लिए केवल दो सोलर जलमीनार है. चुनाव को देखते हुए लोगों ने मन बनाया है कि जो भी प्रत्याशी यहां पानी की समस्या को दूर करेगा, उसी को वोट दिया जाएगा.

पानी की समस्या से लोग परेशान

घाटशिला प्रखंड के चालकडीह गांव की आबादी लगभग ग्यारह सौ से उपर है. यहां के लोग पानी की समस्या से हमेशा जूझते रहते हैं. नेता चुनाव दर चुनाव लोगों को आश्वसन की घुट्टी पिलाकर चले जाते हैं, जीत के बाद वो फिर कभी नहीं आते. ऐसे में यहां के लोगों ने भी इस बार नेताओं को सबक सिखाने के लिए 'पानी नहीं तो वोट नहीं' का नारा दिया है.

पानी लेने के लिए सोलर बोरिंग के पास सुबह होते ही ग्रामीणों की लंबी लाइन लग जाती है. पानी को लेकर गांव की महिलाएं अक्सर आपस में भी उलझ जाती हैं. रायमुनी ने बताया कि पानी लेने के लिए लंबी कतार को देखकर कभी-कभी पानी के लिए डेढ़ किमी दूर जाना पड़ता है.

स्थानीय महिलाओं ने जनप्रतिनिधियों को अपनी समस्याओं से अवगत कराकर कई बार समाधान करने की बात की, लेकिन अभीतक उसका समाधान नहीं हो पाया है. स्थानीय लोगों ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अगर आगामी लोकसभा चुनाव में गांव में पहले पानी की समस्याओं का समाधान किया जाए, तभी वोटिंग की जाएगी.

Intro:घाटशिला(पूर्वी सिंहभूम) : ‘जल नही, तो वोट नहीं’ यह कहना है घाटशिला प्रखंड के चालकडीह गांव की महिलाओं का. महिलाओं ने कहा कि चालकडीह गांव में 80-90 परिवार के बीच दो सोलर जलमीनार है. 1120 की आबादी की हलक सूख रही है. गांव में दो सोलर जलमीनार लोंगों की प्यास बुझाने में नाकाम साबित हो रही हैं.Body:पानी लेने के लिए सोलर बोरिंग के पास सुबह होते ही ग्रामीणों की लंबी लाइन लग जाती है और पानी लेने के लिए महिलाओं में कभी कभार मारपीट की नौबत आ जाती है. गांव की महिला रायमुनी ने बताया कि लंबी कतार से बचने के लिए वह कभी-कभी डेढ़ किमी दूर चापाकल से पानी लाने रात में ही चली जाती हैं. महिलाओं ने बताया कि गांव में मात्र एक ही चापाकल है Conclusion: जनप्रतिनिधियों से अपनी समस्या से अवगत कराकर एक और चापाकल लगवाने की मांग कई बार की है, परंतु अब तक किसी ने भी समाधान की दिशा में पहल नही की है. इससे लोगों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में वे सभी गांव में जल नही तो वोट नहीं का निर्णय लिया है.

बाईट
1, महिला ग्रामीण शोभा कालिंदी
रिपोर्ट:- कनाई राम हेंब्रम
घाटशिला
9279289270,9304805270
Last Updated : Apr 4, 2019, 4:58 PM IST
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