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पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने लिया छठ घाटों का जायजा, प्रशासन से किया समय रहते सुविधाओं को दुरुस्त करने का आग्रह - jamshedpur news

जमशेदपुर में विभिन्न छठ घाटों (Chhath Ghat of Jamshedpur) का जायजा लेने पहुंचे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास (Former CM Raghubar Das inspected chhath ghat) ने जिला प्रशासन से समय पर छठ घाट पर छठ व्रतियों के लिए सारे सुविधा मुहैया कराने के लिए जरूरी कदम उठाने की बात कही.

Former CM Raghubar Das inspected chhath ghat
Former CM Raghubar Das inspected chhath ghat
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Published : Oct 28, 2022, 8:39 AM IST

जमशेदपुर: पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गुरुवार को जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा के बारीडीह बस्ती स्थित भोजपुर छठ घाट, जिला स्कूल छठ घाट सहित विभिन्न छठ घाटों (Chhath Ghat of Jamshedpur) का भ्रमण कर व्यवस्था का जायजा लिया (Former CM Raghubar Das inspected chhath ghat). इस दौरान वहां महिलाओं ने वर्तमान व्यवस्था को लेकर अपनी व्यथा रघुवर दास को बतायी.

यह भी पढ़ें: नहाय खाय के साथ आज से छठ महापर्व की शुरुआत, जानें पूजन की विधि और कथा

छठ घाट पर सभी सुविधाएं बहाल करने के लिए पहल: उन्होंने बताया कि जब उनकी सरकार थी, तब घाटों की सफाई, मरम्मत, लाईट, शौचालय, पेयजल, सुरक्षा सहित सभी व्यवस्थाएं समय से पूर्व हो जाती थी, लेकिन वर्तमान स्थिति काफी खराब है. दास ने कहा कि उन्होंने जिला प्रशासन से समाचार पत्रों के माध्यम से आग्रह किया है कि समय रहते युद्ध स्तर पर अभियान चलाकर सभी सुविधाओं को बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाया जाए. इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री के साथ भारतीय जनता पार्टी के जिला मंत्री राकेश सिंह, मीरा झा, निर्मला पांडेय आदि शामिल रहें.

नहाय खाय से शुरू हुआ महापर्व छठ: चार दिनों तक चलने वाले छठ व्रत की शुरूआत आज से नहाय खाय (Nahay Khay) के साथ हो गई है. इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं स्नान करके नए कपड़े पहनकर पूजा करती हैं. स्नान के बाद ही छठव्रती चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल का प्रसाद ग्रहण करती हैं. 36 घंटे निर्जला रहने वाले छठ व्रतियों को यह व्रत कठिन नहीं बल्कि आसान लगता है. छठ पर्व श्रद्धा और आस्था से जुड़ा है, जो व्यक्ति इस व्रत को पूरी निष्ठा और श्रद्धा से करता हैं उसकी मनोकामनाएं पूरी होती है. छठ व्रत, सुहाग, संतान, सुख-सौभाग्य और सुखमय जीवन की कामना के लिए किया जाता है.

छठ पूजा की तिथि: 28 अक्टूबर 2022 को नहाय खाय है. नहाय खाय से छठ पूजा का आरंभ हो जाता है. 29 अक्टूबर शनिवार के दिन दिन खरना किया जाएगा. 30 अक्टूबर रविवार शाम को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया जाएगा. वहीं 31 अक्टूबर सोमवार को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. और इसके साथ ही छठ पूजा (chhath puja 2022) का समापन हो जाता है.

जमशेदपुर: पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने गुरुवार को जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा के बारीडीह बस्ती स्थित भोजपुर छठ घाट, जिला स्कूल छठ घाट सहित विभिन्न छठ घाटों (Chhath Ghat of Jamshedpur) का भ्रमण कर व्यवस्था का जायजा लिया (Former CM Raghubar Das inspected chhath ghat). इस दौरान वहां महिलाओं ने वर्तमान व्यवस्था को लेकर अपनी व्यथा रघुवर दास को बतायी.

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छठ घाट पर सभी सुविधाएं बहाल करने के लिए पहल: उन्होंने बताया कि जब उनकी सरकार थी, तब घाटों की सफाई, मरम्मत, लाईट, शौचालय, पेयजल, सुरक्षा सहित सभी व्यवस्थाएं समय से पूर्व हो जाती थी, लेकिन वर्तमान स्थिति काफी खराब है. दास ने कहा कि उन्होंने जिला प्रशासन से समाचार पत्रों के माध्यम से आग्रह किया है कि समय रहते युद्ध स्तर पर अभियान चलाकर सभी सुविधाओं को बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाया जाए. इस मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री के साथ भारतीय जनता पार्टी के जिला मंत्री राकेश सिंह, मीरा झा, निर्मला पांडेय आदि शामिल रहें.

नहाय खाय से शुरू हुआ महापर्व छठ: चार दिनों तक चलने वाले छठ व्रत की शुरूआत आज से नहाय खाय (Nahay Khay) के साथ हो गई है. इस दिन व्रत रखने वाली महिलाएं स्नान करके नए कपड़े पहनकर पूजा करती हैं. स्नान के बाद ही छठव्रती चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल का प्रसाद ग्रहण करती हैं. 36 घंटे निर्जला रहने वाले छठ व्रतियों को यह व्रत कठिन नहीं बल्कि आसान लगता है. छठ पर्व श्रद्धा और आस्था से जुड़ा है, जो व्यक्ति इस व्रत को पूरी निष्ठा और श्रद्धा से करता हैं उसकी मनोकामनाएं पूरी होती है. छठ व्रत, सुहाग, संतान, सुख-सौभाग्य और सुखमय जीवन की कामना के लिए किया जाता है.

छठ पूजा की तिथि: 28 अक्टूबर 2022 को नहाय खाय है. नहाय खाय से छठ पूजा का आरंभ हो जाता है. 29 अक्टूबर शनिवार के दिन दिन खरना किया जाएगा. 30 अक्टूबर रविवार शाम को अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया जाएगा. वहीं 31 अक्टूबर सोमवार को उदयीमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. और इसके साथ ही छठ पूजा (chhath puja 2022) का समापन हो जाता है.

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