गिरिडीह: डुमरी- गिरिडीह मुख्य पथ से आपको यदि जमुआ-गिरिडीह मार्ग जाना है तो न्यू पुलिस लाइन के लास्ट गेट के सामने से (बालोडिंगा के पास) पथ निर्माण का बड़ा सा बोर्ड मिलेगा. इस बोर्ड की झलक पाते ही आप समझ जाएंगे कि सड़क नई बनी है.
सड़क पर नजर पड़ते ही दिल बाग-बाग हो जाएगा. चिकनी सड़क, सड़क के दोनों किनारों पर सफेद पट्टी, प्रवेश करते ही जेब्रा पट्टी. यह सब देखने के बाद आपको तसल्ली हो जाएगी कि अच्छी सड़क पर सरपट चलने का आनंद मिलेगा और चंद मिनट में ही लगभग 7 किमी की दूरी भी तय कर ली जाएगी.
सड़क देखकर आप इसपर चल भी पड़ेंगे. कुछ शंका रहेगी तो मैप का सहारा लेंगे, वहां भी संतोषपूर्ण जवाब मिलते ही बगैर हिचक के एक्सीलेटर पर पैर दब जाएगा. सड़क का ऐसा ही नजारा दूसरी तरफ के प्रवेश पर है. बस यही धोखा है. पथ निर्माण विभाग और सड़क बनाने वाली कंपनी ने ऐसे ही तामझाम से लोगों को, मंत्रियों को और जिलाधिकारी को धोखा देने का काम किया है.
तीन किमी के बाद बदल जाते हैं हालात
दरअसल, इस सड़क पर प्रवेश करने के बाद लगभग तीन किमी तक सड़क चकाचक मिलती है. सीसीएल माइंस के बगल का नजारा भी दिखता है, लेकिन जैसे ही गुहियाटांड मोड़ से मकपिटो गांव की तरह आप मुड़ते हैं साफ लगने लगता है कि ऊपर से फिट दिखने वाली सड़क के अंदर के हालात अच्छे नहीं हैं.
गुहियाटांड मोड़ से जो कष्ट शुरू होता है, वह पूरी मकपिटो बस्ती तक बरकरार रहता है. चंद सौ मीटर जैसे तैसे कालीकरण सड़क मिलती है, फिर चंद मीटर पीसीसी सड़क और उसके बाद असली कष्ट शुरू होता है.
नरेंद्रपुर में आते ही चकरा जाते हैं लोग
मकपिटो बस्ती के बाद जैसे ही नरेंद्रपुर गांव पहुंचते हैं तो वाहन चालक खासकर कार चालकों को यह समझ में नहीं आता है कि हम जाए तो जाए किधर. दरअसल यहां सड़क के एक हिस्से की आधी पीसीसी कर दी गई, फिर अचानक सड़क निर्माण को छोड़ दिया गया है. विपरीत दिशा की तरफ भी यही स्थिति है.
आलम यह है कि यदि कोई बहुत तेज-तर्रार चालक है तो वह भी बमुश्किल से वाहन को यहां से क्रॉस कर सकता है. इस बीच कार में खरोच लगने या इससे बड़ा नुकसान होने की प्रबल संभावना बरकरार रहती है. किसी तरह इस पीसीसी को पार कर लिए तो फिर अधूरी सड़क पूरे नरेंद्रपुर बस्ती तक मिलती है.
क्या कहते हैं स्थानीय
इस विषय पर स्थानीय मो कयूम, मो अजमल अंसारी का कहना है कि पिछले एक साल से सड़क को अधूरा छोड़ दिया गया है. इनका कहना है कि पहली बात है कि ठेकेदार नाली की जगह सबसे पहले रोड बनाना चाहता है. दूसरी बात मुआवजा से जुड़ा है. इन दोनों बातों का हल नहीं निकाला जा रहा है. विभाग के अधिकारी इस विषय पर गंभीर नहीं हैं और परेशानी लोगों को हो रही है.
विभाग के कार्यपालक अभियंता ने क्या कहा
दूसरी तरफ पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता रामबिलास सिंह ने कहा कि जमीन अधिग्रहण के कारण परेशानी हुई है. इस समस्या का हल निकाल लिया जाएगा और जल्द से जल्द सड़क निर्माण का कार्य पूर्ण हो जाएगा.
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