जमशेदपुर: शुरुआती दौर में ही तपती गर्मी चरम पर है. जमशेदपुर में भी इन दिनों तापमान 41 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है. लोग हलकान होने लगे हैं. जंगली जीव-जंतुओं पर भी गर्मी असर देखा जा रहा है. शहर का एकमात्र टाटा जू के पशुओं को गर्मी से बचाने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है.
टाटा जूलॉजिकल पार्क जू में बाघ, शेर, दरियाई घोड़ा, हिरण, बारहसिंघा बंदर विदेशी पक्षी समेत विभिन्न प्रजातियों के जीव-जंतुओं को पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए रखा गया है. सेंट्रल जू अथॉरिटी के गाइडलाइन के तहत गर्मी से जानवरों को राहत देने को लेकर जू प्रशासन ने कई इंतजाम किए हैं. कई जानवरों को दिन में तीन बार ठंड पानी देकर ठंड किया जाता है.
जानवरों के लिए विशेष व्यवस्था
जू प्रबंधन ने सूर्य की तपती किरणों और बेशुद्ध करने वाली गर्मी से जीव जंतुओं को बचाने के लिए चटाई के छप्पर, कूलर, पर्याप्त मात्रा में पानी, पेड़ की टहनियों की व्यवस्था की है. वहीं जमीन को भी पानी से गीला किया जाता है, ताकि जानवरों को राहत मिल सके. जू में गर्मी को देखते हुए जानवरों के खानपान का भी ख्याल रखा गया है. वहीं आवश्यक दवाइयां भी दी जा रही है.
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पार्क की कमाई शून्य
वैश्विक महामारी कोरोना से बचने के लिए पूरे देश में लॉकडाउन जारी है. इसे लेकर जू भी बंद है. टाटा जूलॉजिकल पार्क जू में पर्यटकों के नहीं आने से आर्थिक कमाई शून्य हो गई है. ऐसे में जू प्रबंधन के लिए जानवरों के लिए सारी सुविधाएं उपलब्ध करना भी एक चुनौती बन गई है.
गर्मी में जानवर परेशान
जू में जानवरों की देखभाल करने वाले की मानें तो गर्मी में जानवरों की परेशानी बढ़ती है, लेकिन उसका पूरा ख्याल भी रखा जाता है. चाहे मेडिसिन हो या खाना सभी सही समय पर दिया जाता है, ताकि कोई भी जानवर गर्मी की चपेट में ना आए.
वैश्विक महामारी कोरोना से निपटने के लिए पूरे देश में लॉक डाउन का चौथा चरण जारी है. लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था पर दीमक लग गई है. जमशेदपुर का जू जो कभी पर्यटकों से भरा रहता था. जू में टिकट लेने वालों के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती थी, वहां आज वीरानी छाई हुई है. आज इसका दीदार करने पर्यटक नहीं पहुंच पा रहे हैं. वहीं अर्थव्यवस्था में धीमी रफ्तार का असर जू पर पड़ रहा है. लॉकडाउन के दौरान टाटा जूलॉजिकल पार्क जू को 50 लाख रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है.