जमशेदपुर: जिला व्यवहार न्यायालय के आदेश पर बुधवार को उपायुक्त के डीआरडीए कार्यालय को सील कर दिया गया है. कार्यालय में रखे हर समान में कोर्ट के नोटिस को चस्पा कर दिया गया है. वहीं कोर्ट के नोटिस के बाद कार्यालय का कामकाज ठप है.
हिंद पेपर को डीआरडीए विभाग से वित्तीय वर्ष 1988-1889,1989-1990,1990-1991 का पेपर छापने का कार्य 1992 में दिया गया था. इसकी लागत करीब 9 लाख 72 हजार 934 रुपये थी. लेकिन ठीक से काम के नहीं करने के कारण हिंद पेपर को करीब 2 लाख 59 हजार 190 रुपये का भुगतान किया गया था. बाकी पैसे नहीं दी गई थी. उसी भुगतान के एवज में हिंद पेपर न्यायालय के शरण में चले गए और 26. 75 प्रतिशत की दर से मुआवजा की मांग की.
इस मामले में न्यायालय ने हिंद पेपर मिल के पक्ष में फैसला सुनाते हुए भुगतान की राशी ब्याज सहित 1 करोड़ 92 लाख तय किया था. वर्ष 2018 के सितंबर मे कोर्ट ने डीआरडीए के कार्यालय के संपत्ति को अटैच करने का आदेश दिया था. अगर डीआरडीए पैसा देने में सक्षम नहीं होती है तो कार्यालय के सामानों की नीलामी कर हिंद पेपर वालों को भुगतान किया जाएगा. उसी फैसला के अनुरूप बुधवार को कार्यालय को शील किया गया.