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कोर्ट के आदेश पर डीआरडीए कार्यालय हुआ सील, ये था मामला

जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय के आदेश पर उपायुक्त के डीआरडीए कार्यालय को सील कर दिया गया. न्यायालय ने आदेश दिया है कि आगर डीआरडीए पैसा देने में सक्षम नहीं होती है तो कार्यालय के सामानों की नीलामी कर हिंद पेपर वालों को भुगतान किया जाएगा.

जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय
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Published : Jun 20, 2019, 8:56 AM IST

Updated : Jun 20, 2019, 11:47 AM IST

जमशेदपुर: जिला व्यवहार न्यायालय के आदेश पर बुधवार को उपायुक्त के डीआरडीए कार्यालय को सील कर दिया गया है. कार्यालय में रखे हर समान में कोर्ट के नोटिस को चस्पा कर दिया गया है. वहीं कोर्ट के नोटिस के बाद कार्यालय का कामकाज ठप है.

हिंद पेपर को डीआरडीए विभाग से वित्तीय वर्ष 1988-1889,1989-1990,1990-1991 का पेपर छापने का कार्य 1992 में दिया गया था. इसकी लागत करीब 9 लाख 72 हजार 934 रुपये थी. लेकिन ठीक से काम के नहीं करने के कारण हिंद पेपर को करीब 2 लाख 59 हजार 190 रुपये का भुगतान किया गया था. बाकी पैसे नहीं दी गई थी. उसी भुगतान के एवज में हिंद पेपर न्यायालय के शरण में चले गए और 26. 75 प्रतिशत की दर से मुआवजा की मांग की.

इस मामले में न्यायालय ने हिंद पेपर मिल के पक्ष में फैसला सुनाते हुए भुगतान की राशी ब्याज सहित 1 करोड़ 92 लाख तय किया था. वर्ष 2018 के सितंबर मे कोर्ट ने डीआरडीए के कार्यालय के संपत्ति को अटैच करने का आदेश दिया था. अगर डीआरडीए पैसा देने में सक्षम नहीं होती है तो कार्यालय के सामानों की नीलामी कर हिंद पेपर वालों को भुगतान किया जाएगा. उसी फैसला के अनुरूप बुधवार को कार्यालय को शील किया गया.

जमशेदपुर: जिला व्यवहार न्यायालय के आदेश पर बुधवार को उपायुक्त के डीआरडीए कार्यालय को सील कर दिया गया है. कार्यालय में रखे हर समान में कोर्ट के नोटिस को चस्पा कर दिया गया है. वहीं कोर्ट के नोटिस के बाद कार्यालय का कामकाज ठप है.

हिंद पेपर को डीआरडीए विभाग से वित्तीय वर्ष 1988-1889,1989-1990,1990-1991 का पेपर छापने का कार्य 1992 में दिया गया था. इसकी लागत करीब 9 लाख 72 हजार 934 रुपये थी. लेकिन ठीक से काम के नहीं करने के कारण हिंद पेपर को करीब 2 लाख 59 हजार 190 रुपये का भुगतान किया गया था. बाकी पैसे नहीं दी गई थी. उसी भुगतान के एवज में हिंद पेपर न्यायालय के शरण में चले गए और 26. 75 प्रतिशत की दर से मुआवजा की मांग की.

इस मामले में न्यायालय ने हिंद पेपर मिल के पक्ष में फैसला सुनाते हुए भुगतान की राशी ब्याज सहित 1 करोड़ 92 लाख तय किया था. वर्ष 2018 के सितंबर मे कोर्ट ने डीआरडीए के कार्यालय के संपत्ति को अटैच करने का आदेश दिया था. अगर डीआरडीए पैसा देने में सक्षम नहीं होती है तो कार्यालय के सामानों की नीलामी कर हिंद पेपर वालों को भुगतान किया जाएगा. उसी फैसला के अनुरूप बुधवार को कार्यालय को शील किया गया.

Intro:जमशेदपुर । जमशेदपुर व्यवहार न्यायालय के आदेश पर बुधवार को उपायुक्त कार्यालय के तीसरे तल्ले में स्थित डीआरडीए कार्यालय को सील कर दिया गया ।कार्यालय मे रखे हर समान में कोर्ट का नोटिस को चस्पा दिया गया। वहीं कोर्ट का नोटिस चस्पा ने के साथ ही कार्यालय में कामकाज ठप हो गया।
दरअसल हिंद पेपर को डीआरडीए विभाग से वित्तीय वर्ष 1988-1889 ,1989-1990 ,1990-1991 का पेपर छापने कार्य 1992 में दिया गया था। इसकी लागत करीब 972934 थी। काम के अनुरूप कार्य नहीं करने के कारण हिंद पेपर को करीब 259190 का भुगतान किया गया था। बाकी पैसे नहीं दी गई। उसी भुगतान के एवज में हिंद पेपर न्यायालय के शरण में चले गए हैं। न्यायालय के पास हिन्द पेपर ने 26. 75 प्रतिशत की दर से मुआवजा की मांग की।
इस मामले में न्यायालय ने हिंद पेपर मिल के पक्ष में फैसला सुनाते हुए भुगतान की राशी शुद्ध सहित 1 करोड 92 लाख तय किया गया था।वर्ष 2018 के सितंबर मे कोर्ट ने डी आर डी ए के कार्यालय का सपत्ति को अटैच करने का आदेश दिया था । । अगर डीआरडीए पास पैसा देने में सक्षम नहीं होती है तो कार्यालय के सामानों की नीलामी कर हिंद पेपर वालों को दिया
उसी फैसला के अनुरूप आज कार्यालय को शील किया गया।



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Last Updated : Jun 20, 2019, 11:47 AM IST
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