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जमशेदपुर: पुलिस मुख्यालय के निर्देश के बाद प्रशासन सक्रिय, जिला शिक्षा अधीक्षक ने जेएच तारापोर स्कूल प्रबंधन को किया तलब - जमशेदपुर में जेएच तारापोर स्कूल प्रबंधन तलब

जमशेदपुर के जेएच तारापोर स्कूल प्रबंधन ने दो बच्चों को बकाया फीस जमा नहीं करने के कारण स्कूल से निकाल दिया था, जिसके बाद मामला तूल पकड़ते जा रहा है. इस मामले पर शिक्षा सत्याग्रह संस्था ने स्कूल प्रबंधन के अमानवीय रवैये को लेकर सीएम हेमंत सोरेन, शिक्षा मंत्री सहित डीजीपी को ट्वीट कर कार्रवाई की मांग की थी, जिसके बाद पुलिस मुख्यालय ने इस मामले में संज्ञान लिया है और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.

District Education Superintendent summoned JH Tarapore School Management in jamshedpur
जेएच तारापोर स्कूल प्रबंधन तलब
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Published : Jun 3, 2020, 10:32 PM IST

जमशेदपुर: एग्रिको स्थित जेएच तारापोर स्कूल प्रबंधन ने बकाया फीस नहीं चुका पाने पर दो बच्चों के पढ़ाई बंद कराने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले पर शिक्षा सत्याग्रह संस्था के ट्वीट के बाद अभिभावकों और विभिन्न संस्थानों ने समर्थन का ऐलान किया है. लोगों में तारापोर स्कूल प्रबंधन के अमानवीय रवैये और मनमानी के खिलाफ नाराजगी है. इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर स्कूल प्रबंधन को जबरदस्त ट्रोल किया जा रहा है.

District Education Superintendent summoned JH Tarapore School Management in jamshedpur
ट्वीट पर संज्ञान

मंगलवार को इस मामले में बच्चों के भविष्य की चिंता करते हुए शिक्षा सत्याग्रह के संस्थापक अंकित आनंद ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, शिक्षा मंत्री सहित डीजीपी को ट्वीट कर न्यायसंगत कार्रवाई का आग्रह किया था, जिसके बाद पुलिस मुख्यालय ने इस मामले में संज्ञान लिया. ट्विटर पर ही झारखंड पुलिस मुख्यालय ने इस मामले में जमशेदपुर के उपायुक्त और एसएसपी को स्कूल प्रबंधन के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया है, जिसके बाद अब जेएच तारापोर स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है.

इसे भी पढे़ं:- रुपहले पर्दे पर कोरोना का काला साया, सिनेमा जगत को भारी नुकसान

शिक्षा सत्याग्रह ने इस मामले को अमानवीय और उत्पीड़न की पराकाष्ठा और बाल अधिकारों का हनन बताया है. उन्होंने मांग की है की लॉकडाउन के बीच बच्चों को फीस के लिए ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित करना आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और शिक्षा के मौलिक अधिकार की अवमानना है. इस मामले में अभिभवक की लिखित शिकायत पर एफआईआर संभव है. हालांकि मामले में विरोध तेज होते देख और शिक्षा सत्याग्रह संस्था द्वारा गुरुवार को भिक्षाटन कर फीस जुटाने के ऐलान के बाद जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय ने इस प्रकरण में स्कूल प्रबंधन को तलब किया है. डीएसई विनीत कुमार ने गुरुवार को स्कूल प्रबंधन को कार्यालय में रिपोर्ट करने को कहा है. वहीं अभिभावक के आग्रह पर शिकायत करने वाले शिक्षा सत्याग्रह के प्रतिनिधियों को भी शिक्षा विभाग से बुलावा है. कयास लगाए जा रहे हैं कि जिला शिक्षा अधीक्षक बच्चों के भविष्य और अभिभावक की वित्तीय कठिनाई को देखते हुए त्रिपक्षीय वार्ता के माध्यम से समाधान निकालने का प्रयास करेंगे, ताकि 'भिक्षाटन' आंदोलन को टाला जा सके. इधर शिक्षा सत्याग्रह के संस्थापक सदस्य अप्पू तिवारी ने कहा कि जिला शिक्षा अधीक्षक के पहल का वे स्वागत करते हैं, प्राकृतिक और नैसर्गिक न्याय का यह नियम है कि सामने पक्ष को एक अवसर दिया जाए, वार्ता के शर्तों पर यदि बच्चों के पिता सहमत होंगे तो शिक्षा सत्याग्रह को कोई ऐतराज नहीं है. उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन इस मामले में यदि संवेदनशील होती तो अनायास ऐसे विरोध टाले जा सकते थे. शिक्षा सत्याग्रह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि जेएच तारापोर स्कूल प्रबंधन यदि अभिभावक को राहत देगी तो उस निर्णय का स्वागत होगा अन्यथा डीएसई कार्यालय से ही निर्धारित भिक्षाटन कार्यक्रम की शुरुआत होगा.

जमशेदपुर: एग्रिको स्थित जेएच तारापोर स्कूल प्रबंधन ने बकाया फीस नहीं चुका पाने पर दो बच्चों के पढ़ाई बंद कराने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले पर शिक्षा सत्याग्रह संस्था के ट्वीट के बाद अभिभावकों और विभिन्न संस्थानों ने समर्थन का ऐलान किया है. लोगों में तारापोर स्कूल प्रबंधन के अमानवीय रवैये और मनमानी के खिलाफ नाराजगी है. इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर स्कूल प्रबंधन को जबरदस्त ट्रोल किया जा रहा है.

District Education Superintendent summoned JH Tarapore School Management in jamshedpur
ट्वीट पर संज्ञान

मंगलवार को इस मामले में बच्चों के भविष्य की चिंता करते हुए शिक्षा सत्याग्रह के संस्थापक अंकित आनंद ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, शिक्षा मंत्री सहित डीजीपी को ट्वीट कर न्यायसंगत कार्रवाई का आग्रह किया था, जिसके बाद पुलिस मुख्यालय ने इस मामले में संज्ञान लिया. ट्विटर पर ही झारखंड पुलिस मुख्यालय ने इस मामले में जमशेदपुर के उपायुक्त और एसएसपी को स्कूल प्रबंधन के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया है, जिसके बाद अब जेएच तारापोर स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है.

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शिक्षा सत्याग्रह ने इस मामले को अमानवीय और उत्पीड़न की पराकाष्ठा और बाल अधिकारों का हनन बताया है. उन्होंने मांग की है की लॉकडाउन के बीच बच्चों को फीस के लिए ऑनलाइन पढ़ाई से वंचित करना आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और शिक्षा के मौलिक अधिकार की अवमानना है. इस मामले में अभिभवक की लिखित शिकायत पर एफआईआर संभव है. हालांकि मामले में विरोध तेज होते देख और शिक्षा सत्याग्रह संस्था द्वारा गुरुवार को भिक्षाटन कर फीस जुटाने के ऐलान के बाद जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय ने इस प्रकरण में स्कूल प्रबंधन को तलब किया है. डीएसई विनीत कुमार ने गुरुवार को स्कूल प्रबंधन को कार्यालय में रिपोर्ट करने को कहा है. वहीं अभिभावक के आग्रह पर शिकायत करने वाले शिक्षा सत्याग्रह के प्रतिनिधियों को भी शिक्षा विभाग से बुलावा है. कयास लगाए जा रहे हैं कि जिला शिक्षा अधीक्षक बच्चों के भविष्य और अभिभावक की वित्तीय कठिनाई को देखते हुए त्रिपक्षीय वार्ता के माध्यम से समाधान निकालने का प्रयास करेंगे, ताकि 'भिक्षाटन' आंदोलन को टाला जा सके. इधर शिक्षा सत्याग्रह के संस्थापक सदस्य अप्पू तिवारी ने कहा कि जिला शिक्षा अधीक्षक के पहल का वे स्वागत करते हैं, प्राकृतिक और नैसर्गिक न्याय का यह नियम है कि सामने पक्ष को एक अवसर दिया जाए, वार्ता के शर्तों पर यदि बच्चों के पिता सहमत होंगे तो शिक्षा सत्याग्रह को कोई ऐतराज नहीं है. उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन इस मामले में यदि संवेदनशील होती तो अनायास ऐसे विरोध टाले जा सकते थे. शिक्षा सत्याग्रह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि जेएच तारापोर स्कूल प्रबंधन यदि अभिभावक को राहत देगी तो उस निर्णय का स्वागत होगा अन्यथा डीएसई कार्यालय से ही निर्धारित भिक्षाटन कार्यक्रम की शुरुआत होगा.

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