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कभी नक्सलियों का था आंतक, अब तस्वीरें लिख रही विकास की कहानी

जमशेदपुर के चाकुलिया प्रखंड में नक्सलियों के आंतक का खात्मा हो चुका है. कभी यह क्षेत्र नक्सलियों का गढ़ हुआ करता था. अब ग्रामीण उन्नत तरीके से खेती कर अपना जीवन-यापन कर रहे हैं. तस्वीरें पूरी तरह से बदल गई है. जिला प्रशासन के अथक प्रयास के बाद यह सब कुछ संभव हो सका है.

नक्सल मुक्त होने के बाद की तस्वीर
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Published : Sep 21, 2019, 9:39 PM IST

जमशेदपुरः पूर्वी सिंहभूम के चाकुलिया प्रखंड में कभी नक्सलियों का काफी आंतक था. नक्सलियों का पनाहगाह कहे जाने वाले इस प्रखंड में अब तस्वीरें बदल चुकी हैं. जिला प्रशासन के अथक प्रयास से यहां नक्सलियों का खात्मा हो चुका है. ग्रामीण आज खेती-बाड़ी कर अपना जीवन यापन काफी अच्छे से व्यतीत कर रहे हैं.

देखें स्पेशल स्टोरी

कभी था नक्सलियों के लिए सेफ जॉन
जमशेदपुर से करीब 60 किलोमीटर दूर चाकुलिया प्रखंड का बडीकानपुर पंचायत जहां 2 साल पहले आम आदमी तो क्या जिला प्रशासन भी जाने से कतराते थे. चारों ओर से पहाड़ों से घिरे यहां के ग्रामीण नक्सलियों के भय से डर के माहौल में अपनी जिंदगी को गुजर बसर कर रहे थे. जानकारी के अनुसार चाकुलिया के कई इलाके बंगाल के बॉर्डर से सटे हैं. यह इलाका नक्सलियों के लिए सेफ जगह हुआ करता था. लेकिन जिला पुलिस के अथक प्रयास से अब वहां नक्सलियों का सफाया हो गया है.

ये भी पढ़ें-65 प्लस टारगेट पूरा करने को लेकर जेपी नड्डा ने कार्यकर्ताओं को दिया मूल मंत्र, हेलीकॉप्टर में आई खराबी से जमशेदपुर सम्मेलन रद्द

नक्सलियों से मुक्त होने के बाद, विकास दे रही दस्तक

वहीं, नक्सलियों के सफाया होने से सबसे ज्यादा लाभ यहां के ग्रामीणों को मिला. पहले नक्सली के डर से वे लोग खेती बाड़ी नहीं करते थे. खेती भी करते थे तो उनका आनाज नक्सलियों को देना पड़ता था. यही नहीं नक्सली ग्रामीणों को अपने संगठन से जुड़ने के लिए भी दबाव बनाते थे. जिससे इंकार करने पर ग्रामीणों के साथ मारपीट की जाती थी, लेकिन आज समय बदल गया है. आज यहां ग्रामीण खेती करने लगे हैं. जिसके कारण ग्रामीणों के जीवन में काफी बदलाव आया है. पुरुष या महिला सभी अपने-अपने रोजगार में जुट गए हैं.

जिला प्रशासन ने इन क्षेत्रों के विकास के लिए कई योजनाएं लागू की है. मनरेगा सहित कई योजना आने से ग्रामीणों को खेती करने में राहत मिली. इस इलाके में प्रशासन का अभी तक का प्रयास काबिल-ए- तारीफ है.

जमशेदपुरः पूर्वी सिंहभूम के चाकुलिया प्रखंड में कभी नक्सलियों का काफी आंतक था. नक्सलियों का पनाहगाह कहे जाने वाले इस प्रखंड में अब तस्वीरें बदल चुकी हैं. जिला प्रशासन के अथक प्रयास से यहां नक्सलियों का खात्मा हो चुका है. ग्रामीण आज खेती-बाड़ी कर अपना जीवन यापन काफी अच्छे से व्यतीत कर रहे हैं.

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कभी था नक्सलियों के लिए सेफ जॉन
जमशेदपुर से करीब 60 किलोमीटर दूर चाकुलिया प्रखंड का बडीकानपुर पंचायत जहां 2 साल पहले आम आदमी तो क्या जिला प्रशासन भी जाने से कतराते थे. चारों ओर से पहाड़ों से घिरे यहां के ग्रामीण नक्सलियों के भय से डर के माहौल में अपनी जिंदगी को गुजर बसर कर रहे थे. जानकारी के अनुसार चाकुलिया के कई इलाके बंगाल के बॉर्डर से सटे हैं. यह इलाका नक्सलियों के लिए सेफ जगह हुआ करता था. लेकिन जिला पुलिस के अथक प्रयास से अब वहां नक्सलियों का सफाया हो गया है.

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नक्सलियों से मुक्त होने के बाद, विकास दे रही दस्तक

वहीं, नक्सलियों के सफाया होने से सबसे ज्यादा लाभ यहां के ग्रामीणों को मिला. पहले नक्सली के डर से वे लोग खेती बाड़ी नहीं करते थे. खेती भी करते थे तो उनका आनाज नक्सलियों को देना पड़ता था. यही नहीं नक्सली ग्रामीणों को अपने संगठन से जुड़ने के लिए भी दबाव बनाते थे. जिससे इंकार करने पर ग्रामीणों के साथ मारपीट की जाती थी, लेकिन आज समय बदल गया है. आज यहां ग्रामीण खेती करने लगे हैं. जिसके कारण ग्रामीणों के जीवन में काफी बदलाव आया है. पुरुष या महिला सभी अपने-अपने रोजगार में जुट गए हैं.

जिला प्रशासन ने इन क्षेत्रों के विकास के लिए कई योजनाएं लागू की है. मनरेगा सहित कई योजना आने से ग्रामीणों को खेती करने में राहत मिली. इस इलाके में प्रशासन का अभी तक का प्रयास काबिल-ए- तारीफ है.

Intro:एंकर- नक्सलियों के लिए पूर्वी सिंहभूम जिला का चाकुलिया प्रखंड कभी पनाह घर हुआ करता था।लेकिन जिला प्रशासन के अथक प्रयास से जहां आज नक्सलियों का खात्मा हुआ हैं ।वही आज उस जगह के ग्रामीण खेती -बाङी करके अपने जीवन यापन को खुशी से व्यतीत कर रहे हैं देखिए जमशेदपुर से रवि झा की रिपोर्ट झांकी रिपोर्ट।
वी ओ -1 जमशेदपुर शहर से करीब 60 किलोमीटर दूर चाकुलिया प्रखंड का बडीकानपुर पंचायत जहां आज से 2 साल पहले जिला प्रशासन क्या आम आदमी भी आने जाने से कतराते थे। चारों ओर से पहाड़ों से घिरा यहां के ग्रामीण नक्सलियों के भय से डर के माहौल में अपनी जिंदगी को गुजर बसर करते थे।
जानकारी अनुसार चाकुलिया कई इलाके बंगाल के बॉर्डर से सटे होने के कारण नक्सलियों के लिए यह इलाका सेफ जगह हुआ करता था ।लेकिन जिला पुलिस के अथक प्रयास से अब वहां जहां नक्सलियों का सफाया हो गया है।

बाईट -अनूप विरथरे,एस एस पी ,जमशेदपुर


Body:वी ओ 2 वहीं नक्सलियों के सफाया होने से इसका सबसे ज्यादा लाभ यहां के ग्रामीणों को मिला। क्योंकि पहले नक्सली के डर से वे लोग खेती बाड़ी नहीं करते थे। अगर खेती भी करते थे उनका आनाज को नक्सलियों को देना पड़ता था। यही नहीं नक्सलियों के द्वारा इन्हें संगठन से जुड़ने के लिए कहा जाता था। नहीं जुड़ने पर इनके साथ मारपीट भी की जाती थी ।लेकिन आज समय बदल गया है ।आज वहां के ग्रामीण खेती करने लगे हैं जिसके कारण ग्रामीणों के जीवन में काफी बदलाव आया है पुरुष या महिला सभी अपने-अपने रोजगार में जुट गए हैं।
बाईट -रानू हेम्ब्रम,महिला
दशरथ मार्डी,ग्रामीण


Conclusion:वी ओ 3 ।वहीं जिला प्रशासन ने इन क्षेत्रों का विकास के लिए कई योजनाएं इस क्षेत्र में लागू की मनरेगा सहित कई योजना आने से इन ग्रामीणों को खेती करने में राहत मिला।
बाईट -
मोहम्मद महाजिद खान, कनीय अभियंता मनरेगा

वीओफाईनल- इस इलाके में प्रशासन का अभी तक का प्रयास काबिले तारीफ है लेकिन भविष्य भी इन ग्रामीणों के लिए शांति पुणे रह सके। इसकी कोशिश प्रशासन के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगी।
रवि झा ईटीवी भारत जमशेदपुर
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