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गुदड़ी नरसंहार: आदिवासी सुरक्षा परिषद ने दिया धरना, पीड़ित परिवार के आश्रितों को अविलंब मुआवजा देने की मांग

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Published : Jan 28, 2020, 5:46 PM IST

पश्चिमी सिंहभूम के गुदड़ी प्रखंड अंतर्गत बुरुगुलीकेरा गांव में पत्थलगड़ी विरोधी 7 आदिवासियों की कुल्हाड़ी से गर्दन काटकर हत्या की घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया है. इसको लेकर मंगलवार को आदिवासी सुरक्षा परिषद ने जमशेदपुर के करनडीह चौक के पास धरना दिया और पीड़ित परिवार के आश्रितों को अविलंब 10 लाख की मुआवजा राशि देने की मांग की है.

Demand for compensation to families of Gudri massacre victims in jamshedpur
आदिवासी सुरक्षा परिषद का धरना

जमशेदपुर: कोल्हान प्रमंडल के पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत गुदड़ी थाना क्षेत्र में हुए नरसंहार के विरोध में मंगलवार को आदिवासी सुरक्षा परिषद ने जमशेदपुर के करनडीह चौक के पास धरना दिया. इस नरसंहार को लेकर आदिवासी सुरक्षा परिषद ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है.

देखें पूरी खबर

गुदड़ी प्रखंड के बुरुगुलीकेरा गांव में पत्थलगड़ी विरोधी 7 आदिवासियों की कुल्हाड़ी से गर्दन काटकर हत्या की घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया है. इसको लेकर आदिवासी सुरक्षा परिषद ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य सरकार अविलंब पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपए मुआवजा राशि दे. इस तरह की घटना से राज्य में भयावह स्थिति बन रही है. राज्य सरकार इसपर गंभीरता से कार्रवाई करे.

बुरुगुलीकेरा गांव में हुए नरसंहार के विरोध में जमशेदपुर के करनडीह चौक के पास आदिवासी सुरक्षा परिषद ने एक दिवसीय धरना दिया. इस धरना में महिलाएं भी शामिल रही. धरना पर बैठे आदिवासी सुरक्षा परिषद का कहना है कि घटना के बाद अब तक राज्य सरकार ने पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की घोषणा तक नहीं की है. राज्य सरकार पीड़ित परिवारों को अविलंब 10 लाख की मुआवजा राशि दे.

इसे भी पढ़ें- आम बजट 2020: दुमकावासियों ने बताया कैसा हो इस बार का बजट

आदिवासी सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष रमेश हांसदा ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पत्थलगड़ी समर्थकों पर केस वापस लेने की जैसे ही घोषणा की, वैसे ही कुछ लोगों का मनोबल बढ़ गया और इस तरह की घटना घटी. इस मामले में सरकार अगर गंभीरता से कार्रवाई नहीं करेगी तो आने वाले दिनों में भयावह स्थिति पैदा हो सकती है. इस घटना के बाद राज्य सरकार को मृतक के परिवार को अविलंब मुआवजा राशि देना चाहिए.

जमशेदपुर: कोल्हान प्रमंडल के पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत गुदड़ी थाना क्षेत्र में हुए नरसंहार के विरोध में मंगलवार को आदिवासी सुरक्षा परिषद ने जमशेदपुर के करनडीह चौक के पास धरना दिया. इस नरसंहार को लेकर आदिवासी सुरक्षा परिषद ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है.

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गुदड़ी प्रखंड के बुरुगुलीकेरा गांव में पत्थलगड़ी विरोधी 7 आदिवासियों की कुल्हाड़ी से गर्दन काटकर हत्या की घटना ने सबको झकझोर कर रख दिया है. इसको लेकर आदिवासी सुरक्षा परिषद ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य सरकार अविलंब पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपए मुआवजा राशि दे. इस तरह की घटना से राज्य में भयावह स्थिति बन रही है. राज्य सरकार इसपर गंभीरता से कार्रवाई करे.

बुरुगुलीकेरा गांव में हुए नरसंहार के विरोध में जमशेदपुर के करनडीह चौक के पास आदिवासी सुरक्षा परिषद ने एक दिवसीय धरना दिया. इस धरना में महिलाएं भी शामिल रही. धरना पर बैठे आदिवासी सुरक्षा परिषद का कहना है कि घटना के बाद अब तक राज्य सरकार ने पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की घोषणा तक नहीं की है. राज्य सरकार पीड़ित परिवारों को अविलंब 10 लाख की मुआवजा राशि दे.

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आदिवासी सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष रमेश हांसदा ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पत्थलगड़ी समर्थकों पर केस वापस लेने की जैसे ही घोषणा की, वैसे ही कुछ लोगों का मनोबल बढ़ गया और इस तरह की घटना घटी. इस मामले में सरकार अगर गंभीरता से कार्रवाई नहीं करेगी तो आने वाले दिनों में भयावह स्थिति पैदा हो सकती है. इस घटना के बाद राज्य सरकार को मृतक के परिवार को अविलंब मुआवजा राशि देना चाहिए.

Intro:जमशेदपुर।


कोल्हान के पश्चिमी सिंहभूम जिला के गुदड़ी थाना क्षेत्र में हुए नरसंहार के विरोध में आदिवासी सुरक्षा परिषद ने जमशेदपुर के करनडीह चौक के पास धरना दिया है।आदिबासी सुरक्षा परिषद ने इस घटना में राज्य सरकार पर निशाना साधा है और कहा है कि राज्य सरकार अविलंब पीड़ित परिवार को दस लाख मुआवजा राशि दे । इस तरह की घटना से राज्य में भयावह स्थिति बन रही है सरकार गंभीरता से काम करे।




Body:जमशेदपुर के करनडीह चौक के पास आदिवासी सुरक्षा परिषद ने पश्चिमी सिंहभूम ज़िला के गुदड़ी थाना क्षेत्र बुरुगुलीकेरा गांव में हुए नरसंहार के विरोध में एक दिवसीय धरना दिया है।
धरना में महिलाएं भी शामिल रही। धरना पर बैठे परिषद का कहना है कि घटना के बाद अब तक राज्य सरकार ने पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की घोषणा नही की है राज्य सरकार पीड़ितों को अविलंब दस लाख मुआवजा रेशे दें।
आदिवासी सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष रमेश हांसदा ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पत्थलगड़ी समर्थकों पर केस वापस लेने की जैसे ही घोषणा की है वैसे लोगों का मनोबल बढ़ गया और घटना घटी है ।सरकार अगर गंभीरता से कार्रवाई नही करेगी तो आने वाले दिनों में राज्य में भयावह स्थिति पैदा होगी।राज्य सरकार मृतक के परिवार के आश्रितों को अविलंब दस लाख मुआवजा राशि दे ।


Conclusion:बाईट रमेश हांसदा अध्यक्ष आदिवासी सुरक्षा परिषद
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