जमशेदपुर: मुख्य आयकर आयुक्त राकेश मिश्रा ने जमशेदपुर के सर्किट हाउस स्थित आयकर विभाग कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करने के दौरान कहा कि फर्जी दिव्यांग का प्रमाण पत्र के सहारे आयकर दाताओं को टैक्स से राहत दिलाने वाले सीए या टैक्स प्रैक्टिशनरों पर भी आयकर विभाग की नजर है. क्योंकि दिव्यांग के नाम पर टैक्स चोरी करने का मामला हजारीबाग में पकड़ा गया है.
वहीं, ऐसे कई मामले जमशेदपुर समेत अन्य जगहों में भी नजर आए हैं. विभाग वैसे लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई करनी शुरू कर दी है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि कई ऐसे लोग हैं जो जीएसटी तो दे रहे हैं, लेकिन आयकर रिटर्न नहीं भर पा रहे हैं. विभाग ने वैसे लोगों को भी चिन्हित कर लिया है, अगर वह रिटर्न समय पर नहीं भरते हैं तो उनके बैंक खाते को भी सीज किया जा सकता है.
वहीं, आयकर आयुक्त ने भी माना कि झारखंड का जमशेदपुर सर्किल अपने लक्ष्य से 200 करोड़ पीछे चल रहा है. इस नाते विवाह टैक्स के मामले में कोई राहत नहीं देने वाली है. उन्होंने कहा कि जमशेदपुर सर्किल का 2019-2020 के वित्तीय वर्ष में 459.15 करोड़ रूपया लक्ष्य था, जबकि विभाग ने 251.83 करोड़ रूपए की वसूली की है.
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विभाग करीब दो सौ करोड़ लक्ष्य से पीछे चल रहा है. जिसके लिए विभाग की ओर से कदम उठाए जा रहे हैं, झारखंड में आयकर विभाग का लगभग 3337 करोड़ रुपया का बकाया है. जिसमें कोल्हान में करीब 300 करोड रुपए बकाए की राशि शामिल है, जिसकी वसूली के आदेश दे दिए गए हैं.
आयकर आयुक्त ने बताया कि विभाग के पास टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ पर्याप्त दस्तावेज उपलब्ध है. वित्तीय वर्ष 2015- 2016 में 458 और 2016 -2017 में 889 करदाता ने कर वंचना की गई थी. इसके अलावा कई ऐसे मामलों को पकड़ा गया है, जिसमें फर्जी दस्तावेज के आधार पर लोगों का टैक्स चोरी करने में सहयोग किया जा रहा है.