जमशेदपुरः भारतीय जनता पार्टी ने आईटीआई की परीक्षा से वंचित लगभग एक लाख विद्यार्थियों के भविष्य की चिंता करते हुए झारखंड सरकार के श्रम विभाग की कार्यसंस्कृति पर सवाल खड़े किए हैं. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता से मिलकर कई आईटीआई छात्रों ने अपनी समस्याओं से संबंधित विषयों को रखते हुए हस्तक्षेप का आग्रह किया था. युवा हितों की चिंता करते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने मंगलवार को बीते एक वर्ष से लंबित आईटीआई परीक्षा के मुद्दे पर हेमंत सरकार को घेरा.
आईटीआई परीक्षाओं को टालती झारखंड सरकार
राज्य में कुल 324 आईटीआई प्रशिक्षण केंद्र संचालित हैं, इनमें से 264 एनसीवीटी की ओर से मान्यता प्राप्त हैं. अनुमानित आंकड़े के अनुसार लगभग एक लाख विद्यार्थियों का भविष्य संकट में है. कोरोना महामारी की वजह से झारखंड सरकार लगातार आईटीआई परीक्षाओं को टालती रही है. ऐसे में अब इन विद्यार्थियों के सामने गंभीर संकट उत्पन्न हो चुका है. वर्तमान सापेक्ष्य में उन्हें न तो नौकरी मिलेगी और न ही डिप्लोमा में नामांकन मिलेगा. भारतीय जनता पार्टी ने सरकार के इस निर्णय की आलोचना करते हुए अविलंब छात्र हितों में निर्णय लेने की झारखंड सरकार से मांग की है.
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आईटीआई छात्रों के हित में निर्णय लें सरकार
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने राज्य सरकार पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि एक साल में पांच लाख युवाओं को रोजगार देने का दावा करने वाली सरकार की सच्चाई सबके सामने है. सरकार आईटीआई की परीक्षाएं आयोजित करने से भाग रही है. कहा कि राज्यभर के कॉलेजों में पीजी, स्नातक, डिप्लोमा, बीएड, एएनएम की परीक्षाएं आयोजित हो चुकी हैं. दसवीं से लेकर पीजी तक कि पढ़ाई सामान्य रूप से प्रारंभ की जा चुकी है. परिवहन व्यवस्था और हाट बाजार भी सामान्य रूप से संचालित हो रहे हैं. ऐसे में आईटीआई छात्रों के साथ झारखंड सरकार का विभेदपूर्ण रवैया समझ से परे है. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार के श्रम विभाग की निष्क्रियता पर संज्ञान लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अविलंब आईटीआई छात्रों के हितों में निर्णय लें.