जमशेदपुर: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल सारंगी कोरोना काल के दौरान सोशल मीडिया के माध्यम से आमजनों की समस्याओं का निपटारा कर रहे हैं. पिछले 15 दिनों के अंतराल में कुणाल ने सोशल मीडिया के माध्यम से तकरीबन 100 से अधिक लोगों को अस्पतालों में भर्ती कराया. इसके साथ ही सैकड़ों लोगों को दवा और ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था उपलब्ध करवाई.
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झारखंड में भी वैश्विक महामारी कोरोना के कहर बुरा हाल है. हालात दिन प्रतिदिन खराब हो रहे हैं. ऐसी विकट परिस्थितियों में जब अपने भी पराए होने लगे तो ऐसे में झारखंड भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल सारंगी मदद को आगे आए हैं. वे मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराने में मदद कर रहे हैं.
कई लोगों की मदद की
जमशेदपुर के घाटशिला की रहने वाली अंकिता सिन्हा अपने बड़े भाई को लेकर जमशेदपुर के निजी अस्पताल और राज्य की राजधानी रांची के अस्पतालों के चक्कर काट रही थीं. अंकिता के बड़े भाई स्नेह सौरभ की तबीयत शुक्रवार से खराब चल रही थी. उनके शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा 81 फीसदी थी.
तकरीबन आठ घंटों तक जमशेदपुर के कई अस्पतालों में चक्कर काटने के बावजूद भी मरीज को बेड और ऑक्सीजन की व्यवस्था उपलब्ध नहीं हो पाई. ऐसे में अंकिता ने सोशल मीडिया के माध्यम से कुणाल सारंगी से संपर्क किया, जिसके फौरन बाद मरीज को जादूगोड़ा स्थित यूसीआईएल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टर मनोज और यूके सिन्हा की देख-रेख में मरीज का इलाज चल रहा है. स्नेह सौरभ की तबीयत में सुधार हो रहा है.अंकिता बताती हैं कि अगर कुणाल ने उनकी मदद नहीं कि होती तो शायद इनका जीना नामुमकिन था.
रेमडेसिविर मुहैया करावाया
तापस कुमार बेहरा झारखंड राज्य के निवासी हैं. कोरोना से संक्रमित होने के कारण पिछले कुछ दिनों से इनका इलाज चेन्नई के अस्पताल में चल रहा है. शुक्रवार को महालक्ष्मी अस्पताल के चिकित्सकों की ओर से इन्हें रेमडेसिविर की व्यवस्था कराने की बात कही गई. ऐसे में पीड़ित परिजनों ने सोशल मीडिया के माध्यम से कुणाल सारंगी से गुहार लगाई, जिसके बाद कुणाल ने उनकी मदद. इसके साथ ही चिकित्सकों की एक टीम तापस का इलाज बेहतर तरीके से कर रही है.
जमशेदपुर के रहने वाले प्रियरंजन दास की माता कोरोना से संक्रमित हो गईं थीं. संक्रमित होने के बाद उन्हें चिकित्सा सुविधा नहीं मिल पा रही थी, जिसके बाद पीड़ित परिजनों ने सोशल मीडिया के माध्यम से कुणाल सारंगी से गुहार लगाई, जिसके बाद चिकित्सकों की एक टीम ने प्रिय रंजन दास की मां को महात्मा गांधी मेमोरियल अस्पताल में वेंटिलेटर की व्यवस्था के साथ भर्ती कराया.
कौन हैं कुणाल
झारखंड राज्य के गठन होने के बाद राज्य के प्रथम स्वास्थ्य मंत्री दिनेश सारंगी के पुत्र कुणाल सारंगी हैं. कुणाल के माता-पिता पेशे से डॉक्टर हैं. यूरोप के लैंकेस्टर विश्विद्यालय से तालीम लेने के बाद कुणाल ने अपने गृह क्षेत्र बहरागोड़ा से झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी से साल 2014 में विधानसभा चुनाव जीता था. फिलहाल वे भाजपा में हैं.
इस विधानसभा चुनाव में भारी मतों से कुणाल की जीत हुई थी, जिसके बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा पार्टी ने इन्हें केंद्रीय सदस्यता के साथ केन्द्रीय प्रवक्ता की जिम्मेदारी दी थी. कुणाल सारंगी कहते हैं कि कोरोना महामारी के समय में मानवता से बड़ी कोई दूसरी सेवा नहीं है. इस समय लोगों की जितनी भी सेवा की जाए वो कम ही है. हमारी टीम आमजनों तक 24 घंटे मदद पहुंचा रही है. प्रतिदिन हजारों लोगों की फरियाद सोशल मीडिया के माध्यम से मुझ तक पहुंच रही है.