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सरना धर्म कोड पर भारत बंद का झारखंड में मिला-जुला असर, कहीं रोड जाम तो कहीं कार्यकर्ताओं ने बंद कराई दुकानें

Bharat Band over Sarna Dharma Code. झारखंड में भारत बंद का आंशिक असर दिया. सरना धर्म कोड को लेकर कहीं कहीं आदिवासी संगठन के कार्यकर्ताओं ने सड़क जाम किया तो कहीं पर दुकाने भी बंद कराई.

Bharat Band over Sarna Dharma Code has mixed effect in Jharkhand
Bharat Band over Sarna Dharma Code has mixed effect in Jharkhand
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 30, 2023, 5:31 PM IST

जमशेदपुर/चाईबासा/खूंटी: सरना धर्म कोड लागू करने की मांग को लेकर बुलाए गए भारत बंद का झारखंड में मिला जुला असर रहा. झारखंड के कई जिलों इसका कोई असर नहीं दिखा तो पूर्वी सिंहभूम, पश्चिम सिंहभूम और खूंटी में आंशिक असर दिखा. आदिवासी संगठनों के कार्यकर्ता सड़क पर उतर कर कहीं रोड जाम किया तो कहीं दुकानें बंद कराई.

पूर्वी सिंहभूम में मिला-जुला असर: जमशेदपुर में आदिवासी सेंगल अभियान द्वारा आहूत भारत बंद का असर करनडीह में देखने को मिला. जहां बंद समर्थकों ने टाटा-हाता चाईबासा मुख्य मार्ग को जाम कर दिया. बंद समर्थकों का कहना है कि सरना धर्म कोड लागू करने की मांग काफी पुरानी है, लेकिन केंद्र सरकार इसे मान्यता नहीं दे रही है. बंद समर्थकों ने वर्तमान झारखंड सरकार पर भी निशाना साधा है. बंद समर्थक करनडीह चौक के पास भारी संख्या में सड़क पर उतरे. ये लोग सरना धर्म कोड लागू करो के नारे लगा रहे थे. बंद समर्थकों में महिलाएं भी शामिल थीं. जमशेदपुर के करनडीह चौक के आस पास की दुकाने बंद रहीं जबकि शहर में बंद का असर नहीं दिखा.

Bharat Band over Sarna Dharma Code has mixed effect in Jharkhand
पूर्वी सिंहभूम में तैनात सुरक्षकर्मी
आपको बता दें कि आदिवासी सेंगल अभियान प्रमुख पूर्व सांसद सालखन मुर्मू इस मुद्दे को लेकर देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंप चुके हैं. जबकि झारखंड के राज्यपाल से मिलकर उन्हें भी ज्ञापन दे चुके हैं. इधर, 30 दिसंबर को भारत बंद के आह्वान पर जिला और रेल प्रशासन पूरी तरह अलर्ट रही. टाटानगर रेलवे स्टेशन के अंदर और बाहर सुरक्षा बल की तैनाती की गई थी, जबकि शहर में सभी चौक चौराहे पर मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस बल की तैनाती की गई थी.

पश्चिम सिंहभूम में आंशिक असर: भारत बंद का आंशिक असर चाईबासा के आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में देखा गया. वहीं लंबी दूरी की वाहनें नहीं चली. चाईबासा व चक्रधरपुर में कार्यकर्ताओं ने सुबह से ही सड़क पर उतर कर टायर जलाकर सड़क जाम किया और दुकानें भी बंद करवा दी. सेंगेल अभियान के कार्यकर्ताओं ने चाईबासा-टाटा और चाईबासा-रांची मुख्य सड़क मार्ग को जाम कर दिया. इस दौरान जमकर नारेबाजी की. बंदी के कारण सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई. हालांकि जाम की स्थिति को सामान्य करने के लिए पुलिस प्रशासन कार्यकर्ताओं को समझाने का प्रयास भी किया. काफी मशक्कत के बाद कुछ देर के लिए वाहनों को छोड़ दिया गया.

Bharat Band over Sarna Dharma Code has mixed effect in Jharkhand
पश्चिम सिहंभूम में सड़क पर बंद समर्थक

दोपहर में खूंटी में दिखा असर: सरना धर्म कोड की मांग को लेकर आदिवासी संगठनों का भारत बंद का खूंटी में कोई खास असर देखने को नहीं मिला. सुबह से दोपहर तक खूंटी में आवागमन सामान्य रहा, लेकिन दोपहर बाद बड़ी संख्या में आदिवासी संगठन के नेताओं समेत बड़ी संख्या में भीड़ शहर तक पहुंची और बंद करवाने लगी. शांतिपूर्ण तरीके से इसका समर्थन करने की अपील कर रहे थे. शहर को बंद करवाने सड़क पर निकले आदिवासियों के हाथों में सरना झंडा और तख्तियां थी. सयुंक्त पड़हा समिति, केंद्रीय आदिवासी समिति, सरना धर्म सुतो समिति और सरना संगोम समिति समेत कई आदिवासी संगठन के नेता एवं कार्यकर्ता शामिल थे.

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पूर्वी सिंहभूम में मिला-जुला असर: जमशेदपुर में आदिवासी सेंगल अभियान द्वारा आहूत भारत बंद का असर करनडीह में देखने को मिला. जहां बंद समर्थकों ने टाटा-हाता चाईबासा मुख्य मार्ग को जाम कर दिया. बंद समर्थकों का कहना है कि सरना धर्म कोड लागू करने की मांग काफी पुरानी है, लेकिन केंद्र सरकार इसे मान्यता नहीं दे रही है. बंद समर्थकों ने वर्तमान झारखंड सरकार पर भी निशाना साधा है. बंद समर्थक करनडीह चौक के पास भारी संख्या में सड़क पर उतरे. ये लोग सरना धर्म कोड लागू करो के नारे लगा रहे थे. बंद समर्थकों में महिलाएं भी शामिल थीं. जमशेदपुर के करनडीह चौक के आस पास की दुकाने बंद रहीं जबकि शहर में बंद का असर नहीं दिखा.

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पूर्वी सिंहभूम में तैनात सुरक्षकर्मी
आपको बता दें कि आदिवासी सेंगल अभियान प्रमुख पूर्व सांसद सालखन मुर्मू इस मुद्दे को लेकर देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंप चुके हैं. जबकि झारखंड के राज्यपाल से मिलकर उन्हें भी ज्ञापन दे चुके हैं. इधर, 30 दिसंबर को भारत बंद के आह्वान पर जिला और रेल प्रशासन पूरी तरह अलर्ट रही. टाटानगर रेलवे स्टेशन के अंदर और बाहर सुरक्षा बल की तैनाती की गई थी, जबकि शहर में सभी चौक चौराहे पर मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस बल की तैनाती की गई थी.

पश्चिम सिंहभूम में आंशिक असर: भारत बंद का आंशिक असर चाईबासा के आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में देखा गया. वहीं लंबी दूरी की वाहनें नहीं चली. चाईबासा व चक्रधरपुर में कार्यकर्ताओं ने सुबह से ही सड़क पर उतर कर टायर जलाकर सड़क जाम किया और दुकानें भी बंद करवा दी. सेंगेल अभियान के कार्यकर्ताओं ने चाईबासा-टाटा और चाईबासा-रांची मुख्य सड़क मार्ग को जाम कर दिया. इस दौरान जमकर नारेबाजी की. बंदी के कारण सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गई. हालांकि जाम की स्थिति को सामान्य करने के लिए पुलिस प्रशासन कार्यकर्ताओं को समझाने का प्रयास भी किया. काफी मशक्कत के बाद कुछ देर के लिए वाहनों को छोड़ दिया गया.

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पश्चिम सिहंभूम में सड़क पर बंद समर्थक

दोपहर में खूंटी में दिखा असर: सरना धर्म कोड की मांग को लेकर आदिवासी संगठनों का भारत बंद का खूंटी में कोई खास असर देखने को नहीं मिला. सुबह से दोपहर तक खूंटी में आवागमन सामान्य रहा, लेकिन दोपहर बाद बड़ी संख्या में आदिवासी संगठन के नेताओं समेत बड़ी संख्या में भीड़ शहर तक पहुंची और बंद करवाने लगी. शांतिपूर्ण तरीके से इसका समर्थन करने की अपील कर रहे थे. शहर को बंद करवाने सड़क पर निकले आदिवासियों के हाथों में सरना झंडा और तख्तियां थी. सयुंक्त पड़हा समिति, केंद्रीय आदिवासी समिति, सरना धर्म सुतो समिति और सरना संगोम समिति समेत कई आदिवासी संगठन के नेता एवं कार्यकर्ता शामिल थे.

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