घाटशिला: एक तरफ सरकार जहां महिला सशक्तिकरण के नाम पर कई योजना चला रही है. वहीं दूसरी तरफ जब महिला अपनी मांगों को लेकर सरकार से वार्ता करना चाहती है तो उसे बेरहमी से पीटा जाता है. पिछले दिनों आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं पर लाठीचार्ज किया गया था. इसके विरोध में जेएमएम ने आगामी 30 सितंबर को पूर्वी सिंहभूम जिला के सभी प्रखंड कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन करने का फैसला लिया है.
पूर्व विधायक और झामुमो पूर्वी सिंहभूम जिला अध्यक्ष रामदास सोरेन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेविका-सहायिकाओं पर लाठीचार्ज की घटना पर अफसोस जाहिर किया. उन्होंने कहा कि जब दुनिया में वार्ता से हर समस्या का हल निकलता है, तो संवैधानिक तरीके से शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज क्यों किया गया? क्या पुलिस के पास वाटर कैनन या आंसू गैस नहीं थे. लोकतंत्र में अपनी बात को शांतिपूर्वक रखने का अधिकार सबको होता है और प्रशासन को इस बर्बरतापूर्ण व्यवहार का कोई अधिकार नही था. पुरुष पुलिस कर्मियों की ड्यूटी वहां क्यों लगाई गई, जहां महीने भर से ज्यादा समय से सिर्फ महिलाएं प्रदर्शन कर रही थीं?
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अध्यक्ष रामदास सोरेन ने कहा कि इस मामले में एसडीओ रांची समेत वैसे सभी पुलिस पदाधिकारियों पर जवाबदेही तय कर उन पर अविलंब कार्रवाई की जाए. समाज में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की बात हो रही है और पुलिस के चंद पदाधिकारी निहत्थी महिलाओं पर लाठी चलाते हैं. उन्होंने मांग की कि मुख्यमंत्री को एक उच्चस्तरीय जांच करवा कर इस शर्मनाक घटना के दोषी प्रशासनिक पदाधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.