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चाईबासाः सुदामा हत्याकांड का आरोपी गिरफ्तार, पत्थर से कूचकर की थी हत्या

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Published : Sep 2, 2019, 6:58 PM IST

पूर्वी सिंहभूम के चाईबासा में पत्थर से कूचकर एक युवक की हत्या मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी के पास से मृतक का फोन पुलिस ने बरामद कर लिया है. जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है

पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महथा

चाईबासा: सुदामा बड़ाईक हत्याकांड के आरोपी मेरीयूस गुड़िया को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आनंदपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत 20 फरवरी की मध्य रात्रि चोडरप्पा गांव के बुनुमदा गांव जाने वाली सुनसान सड़क पर 22 वर्षीय सुदामा बड़ाईक की पत्थर से कूचकर हत्या कर दी गई थी. जानकारी के मुताबिक सुदामा की हत्या का मामला नंदकिशोर बड़ाईक हत्याकांड से जुड़ा हुआ है. पिछले साल 22 मार्च को नंदकिशोर की हत्या हुई थी. उसके बाद से पुलिस ने हत्या में दोषी रथु बड़ाईक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

देखें पूरी खबर


नंदकिशोर के तीनों बेटे दिलीप बड़ाईक, दीपक बड़ाईक और देवराम बड़ाईक अक्सर सुदामा और उसके परिवार वालों को धमकी देते थे कि नंदकिशोर की हत्या में सुदामा का भी हाथ है और वह भी सरेंडर कर दे. तीनों भाइयों की धमकी से तंग आकर सुदामा, पत्नी संग हैदराबाद चला गया. सुदामा के जाने के बाद तीनों भाइयों ने सुदामा की मां और पिता फागु के साथ मारपीट भी की थी. फागु के बयान पर आरोपित तीनों भाइयों पर मामला दर्ज किया गया था. पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भी भेजा था. पुलिस ने बताया कि तीनों भाई अभी जमानत पर हैं.

ये भी देखें - जमशेदपुर में खाकी वर्दी का बेरहम चेहरा बेनकाब, ट्रक चालक को बेरहमी से पीटा

इधर, पुलिस के अनुसंधान में सुदामा की हत्या में तीनों भाइयों के शामिल होने की पुष्टि नहीं हो सकी है. जिसके बाद पुलिस ने इस कांड के उद्भेदन के लिए तकनीकी कोषांग की मदद ली. तकनीकी कोषांग से मिले सूत्र के अनुसार पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महथा के आदेशानुसार मनोहरपुर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी बिमलेश त्रिपाठी के नेतृत्व में नेतृत्व में छापेमारी दल का गठन किया गया.


छापेमारी दल ने बानो थाना क्षेत्र के चांदसाय गांव में छापेमारी कर मेरीयूस गुड़िया को सुदामा के मोबाइल के साथ गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद पुलिस की पूछताछ के क्रम में मेरीयूस गुड़िया ने स्वीकार किया है कि उसने ही सुदामा बड़ाईक की हत्या की है. जिसके बाद पुलिस ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

चाईबासा: सुदामा बड़ाईक हत्याकांड के आरोपी मेरीयूस गुड़िया को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आनंदपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत 20 फरवरी की मध्य रात्रि चोडरप्पा गांव के बुनुमदा गांव जाने वाली सुनसान सड़क पर 22 वर्षीय सुदामा बड़ाईक की पत्थर से कूचकर हत्या कर दी गई थी. जानकारी के मुताबिक सुदामा की हत्या का मामला नंदकिशोर बड़ाईक हत्याकांड से जुड़ा हुआ है. पिछले साल 22 मार्च को नंदकिशोर की हत्या हुई थी. उसके बाद से पुलिस ने हत्या में दोषी रथु बड़ाईक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

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नंदकिशोर के तीनों बेटे दिलीप बड़ाईक, दीपक बड़ाईक और देवराम बड़ाईक अक्सर सुदामा और उसके परिवार वालों को धमकी देते थे कि नंदकिशोर की हत्या में सुदामा का भी हाथ है और वह भी सरेंडर कर दे. तीनों भाइयों की धमकी से तंग आकर सुदामा, पत्नी संग हैदराबाद चला गया. सुदामा के जाने के बाद तीनों भाइयों ने सुदामा की मां और पिता फागु के साथ मारपीट भी की थी. फागु के बयान पर आरोपित तीनों भाइयों पर मामला दर्ज किया गया था. पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भी भेजा था. पुलिस ने बताया कि तीनों भाई अभी जमानत पर हैं.

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इधर, पुलिस के अनुसंधान में सुदामा की हत्या में तीनों भाइयों के शामिल होने की पुष्टि नहीं हो सकी है. जिसके बाद पुलिस ने इस कांड के उद्भेदन के लिए तकनीकी कोषांग की मदद ली. तकनीकी कोषांग से मिले सूत्र के अनुसार पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महथा के आदेशानुसार मनोहरपुर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी बिमलेश त्रिपाठी के नेतृत्व में नेतृत्व में छापेमारी दल का गठन किया गया.


छापेमारी दल ने बानो थाना क्षेत्र के चांदसाय गांव में छापेमारी कर मेरीयूस गुड़िया को सुदामा के मोबाइल के साथ गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद पुलिस की पूछताछ के क्रम में मेरीयूस गुड़िया ने स्वीकार किया है कि उसने ही सुदामा बड़ाईक की हत्या की है. जिसके बाद पुलिस ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

Intro:चाईबासा। जिले के आनंदपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत 20 फरवरी की मध्य रात्रि चोडरप्पा गांव के बुनुमदा गांव जाने वाली सुनसान सड़क पर बुनुमदा निवासी 22 वर्षीय सुदामा बड़ाईक की पत्थर से कूचकर निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस हत्या कांड के आरोप में पुलिस ने अनुसंधान कर मेरीयूस गुड़िया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

Body:जानकारी के मुताबिक सुदामा की हत्या का मामला नंदकिशोर बड़ाईक हत्या कांड से जुड़ा हुआ है। बीते साल 22 मार्च की रात नंदकिशोर की हत्या के बाद पुलिस ने हत्या में दोषी रथु बड़ाईक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। नंदकिशोर के तीनों बेटे दिलीप बड़ाईक, दीपक बड़ाईक व देवराम बड़ाईक अक्सर सुदामा और उसके परिवार वालों को धमकी देते थे कि नंदकिशोर की हत्या में सुदामा का भी हाथ है। अत: वह भी सरेंडर कर दे। तीनों भाइयों की धमकी से तंग आकर सुदामा पत्नी संग हैदराबाद चला गया। सुदामा के जाने के बाद तीनों भाइयों ने सुदामा की मां और पिता फागु के साथ मारपीट भी की थी। फागु के बयान पर आरोपित तीनों भाइयों पर मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भी भेजा था। पुलिस ने बताया कि तीनों भाई अभी जमानत पर हैं।
इधर, पुलिस के अनुसंधान में सुदामा की हत्या में तीनों भाइयों के शामिल होने की पुष्टि नहीं हो सकी। जिसके बाद पुलिस ने इस कांड के उद्भेदन के लिए तकनीकी कोषांग की मदद ली । तकनीकी कोषांग से मिले सूत्र के अनुसार पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत माहथा के आदेशानुसार मनोहरपुर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी बिमलेश त्रिपाठी के नेतृत्व में नेतृत्व में छापेमारी दल का गठन किया गया। छापेमारी दल ने बानो थाना क्षेत्र के चांदसाय गांव में छापेमारी कर अप्राथमिकी अभियुक्त मेरीयूस गुड़िया को सुदामा के मोबाइल के साथ गिरफ्तार किया। गिरफ्तारी के बाद पुलिस के पूछताछ के क्रम में मेरीयूस गुड़िया ने स्वीकार किया कि उसने ही सुदामा बड़ाईक की हत्या की है। जिसके बाद पुलिस ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।Conclusion:
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