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एक ऐसी दुकान जहां 70 से लेकर 800 रुपए तक मिलती है चाय, शेफ से लेकर सभी कर्मचारी हैं दिव्यांग

जमशेदपुर में चाय की एक दुकान है जिसका नाम है लॉ ग्रेविटी. इस दुकान में 150 किस्म की चाय मिलती है. 70 रुपए से लेकर 800 रुपए तक की चाय यहां उपलब्ध है. इस दुकान की सबसे खास बात यह है कि यहां काम करने वाले सभी कर्मचारी दिव्यांग हैं.

Jamshedpur Law Gravity Shop
जमशेदपुर का लॉ ग्रेविटी दुकान
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Published : Aug 2, 2021, 10:59 PM IST

Updated : Aug 4, 2021, 3:22 PM IST

जमशेदपुर: किसी भी नए शहर में जाते ही लोग चाय की दुकान खोजते हैं. अगर कोई जमशेदपुर में हैं या पहली बार यहां पहुंचे हैं और चाय का शौकीन हैं तो उनके लिए लॉ ग्रेविटी से अच्छी जगह शायद नहीं हो सकती. यहां दुनिया की लगभग हर किस्म की चाय का आनंद ले सकते हैं. बिष्टूपुर से सोनारी जाने वाली सड़क पर स्थित इस दुकान में 70 रुपए से लेकर 750 रुपए तक की चाय उपलब्ध है. इस दुकान की सबसे खास बात यह है कि यहां काम करने वाले सभी कर्मचारी दिव्यांग हैं. इस दुकान में चाय पीने के शौकीन लोगों के लिए अलग-अलग कमरे हैं. जमीन पर या लॉन में, कहीं भी बैठकर चाय पी सकते हैं. यहां पर उत्तम नाश्ता भी मिलता है और वह भी शाकाहारी. इसे भी यहां काम करने वाले मूक-बधिर स्टाफ ही बनाते हैं.

यह भी पढ़ें: लेमन टी, ग्रीन टी के बाद अब महुआ-टी, स्वाद चखना चाहेंगे आप !

चाय दुकान खोलने से पहले कॉरपोरेट में करते थे नौकरी

इस दुकान के संचालक अविनाश दुग्गड़ बताते हैं कि चाय दुकान खोलने से पहले वो कॉरपोरेट की नौकरी करते थे. इस सिलसिले में उनका बाहर आना जाना लगा रहता था. इसके अलावे वे एडवेंचर के शौकीन हैं और इस शौक के चक्कर में कई बार विदेश का भी दौरा किया. इसी दौरान एक कैफे में घुसे तो देखा कि वहां कई प्रकार की चाय मिलती है. यहीं से कुछ अलग करने का आइडिया आया.

देखिए स्पेशल रिपोर्ट

अविनाश ने बताया कि उसी कैफे को देख जमशेदपुर में चाय दुकान खेलने की सोची. यह पता चला कि 3 हजार प्रकार की चाय पत्ती मिलती है. उसके बाद इसके लिए स्टडी किया और 5-6 महीने बाद चाय की दुकान खोलने की योजना बनाई. पहले जमशेदपुर के जेआरडी टाटा गोल चक्कर के पास चाय बेचना शुरू किया और वह प्रयास सफल रहा.

एक मूक-बधिर लड़की काम मांगने आई और यहां से शुरू हुआ नया सफर

अविनाश ने बताया कि उसी दौरान एक मूक-बधिर लड़की मेरे पास काम मांगने अपने भाई के साथ पहुंची. लेकिन अविनाश के पास उनके लिए कोई काम नहीं था. अविनाश का कहना है कि बाद में उन्हें लगा कि अगर चाय बनाना सीखा दिया जाए तो यह तो लड़की चाय भी बना सकती है और आत्मनिर्भर भी हो सकती है. इस दौरान उन्होंने कई जगहों पर दुकान खोजना शुरू किया और सर्किट हाउस में एक घर को किराये पर लेकर काम शुरू किया.

Jamshedpur Law Gravity Shop
सभी कर्मचारी इशारों में बात करते हैं.

दो अनाथ लड़कियां सहित 11 कर्मचारी हैं शॉप में

लॉ ग्रेविटी में काम करने वाले सभी कर्मचारी मूक बधिर हैं. चाय बनाने से लेकर चाय को सर्व करना इनकी जिम्मेदारी होती है. यही नहीं साफ सफाई भी ये खुद करते हैं. समय के पाबंद रहने वाले यहां के कर्मचारी सुबह नौ बजे पहुंच जाते हैं और काम में लग जाते हैं. यहां पर दो अनाथ लड़कियां भी है जो इनके कामों में हाथ बंटाती हैं. किचन का जिम्मा इनके हाथों में ही रहता है.

अविनाश बताते हैं कि सभी कर्मचारी इशारे में ही बातों को समझते हैं. उन्होंने बताया कि पहले सभी मूक बधिरों को ट्रेनिंग देते हैं. उसके बाद चाय बनाने का तरीका सिखाया जाता है. उन्होंने कहा कि सभी को काम का जिम्मा दिया जाता है. जिसे जो काम मिलता है वह जिम्मेदारी पूर्वक अपने काम को करता है. उन्होंने बताया कि काम करने वाले सभी कर्मचारी को समय पर वेतन के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी दी जाती है.

Jamshedpur Law Gravity Shop
चाय के प्रकार और उसकी कीमत.

70 से 750 तक है चाय की कीमत

लॉ ग्रेविटी में 70 रुपए से लेकर 750 रुपए तक की चाय मिलती है. यहां पर 150 प्रकार की चाय मिलती है जिसके लिए अलग-अलग 12 देशों से चाय मंगाया जाता है. इस सबंध में अविनाश ने बताया कि यहां पर आने वाले ग्राहकों का ध्यान रखा जाता है. जिस ग्राहक की जो मांग होती है उस प्रकार की चाय यहां पर उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि चाय के ऑर्डर के हिसाब से कप दिया जाता है. अगर कटिंग चाय की डिमांड होती है तो कांच के ग्लास में चाय बनाकर सर्व किया जाता है. इसका अर्थ होता है कि आपको चौक चौराहों मे मिलने वाली चाय की फीलिंग हो. कोई कैसर वाली चाय पीना चाहते है तो इसके लिए उसी प्रकार के कप में चाय मिलता है.

सभी आम-ओ-खास पहुंचते हैं यहां

लॉ ग्रेविटी में सभी आम और खास लोग पहुंचते हैं. यहां चाय पीने वाले बताते हैं कि एक अलग तरह का वातावरण विकसित किया गया है. आराम से बैठकर चाय पी सकते हैं.

Jamshedpur Law Gravity Shop
शॉप में कप और केतली का एक म्यूजियम है और सबका एक इतिहास है.

अलग से बना रखा है म्यूजियम

अगर कोई यहां चाय पीने जाता है तो उसे अलग से म्यूजियम भी देखने को मिलेगा. इसमें चाय कैटल और कप रखा गया है और सबका एक इतिहास है. अविनाश बताते हैं कि इस म्यूजियम को बड़ा करने की योजना है. उन्होंने बताया कि चाय के प्रति इतना लगाव है कि एक म्यूजिम बनाने का विचार आया. साथ ही यह भी दावा किया कि यह पूरे भारत में सबसे बड़ा टी पोर्ट है.

जमशेदपुर: किसी भी नए शहर में जाते ही लोग चाय की दुकान खोजते हैं. अगर कोई जमशेदपुर में हैं या पहली बार यहां पहुंचे हैं और चाय का शौकीन हैं तो उनके लिए लॉ ग्रेविटी से अच्छी जगह शायद नहीं हो सकती. यहां दुनिया की लगभग हर किस्म की चाय का आनंद ले सकते हैं. बिष्टूपुर से सोनारी जाने वाली सड़क पर स्थित इस दुकान में 70 रुपए से लेकर 750 रुपए तक की चाय उपलब्ध है. इस दुकान की सबसे खास बात यह है कि यहां काम करने वाले सभी कर्मचारी दिव्यांग हैं. इस दुकान में चाय पीने के शौकीन लोगों के लिए अलग-अलग कमरे हैं. जमीन पर या लॉन में, कहीं भी बैठकर चाय पी सकते हैं. यहां पर उत्तम नाश्ता भी मिलता है और वह भी शाकाहारी. इसे भी यहां काम करने वाले मूक-बधिर स्टाफ ही बनाते हैं.

यह भी पढ़ें: लेमन टी, ग्रीन टी के बाद अब महुआ-टी, स्वाद चखना चाहेंगे आप !

चाय दुकान खोलने से पहले कॉरपोरेट में करते थे नौकरी

इस दुकान के संचालक अविनाश दुग्गड़ बताते हैं कि चाय दुकान खोलने से पहले वो कॉरपोरेट की नौकरी करते थे. इस सिलसिले में उनका बाहर आना जाना लगा रहता था. इसके अलावे वे एडवेंचर के शौकीन हैं और इस शौक के चक्कर में कई बार विदेश का भी दौरा किया. इसी दौरान एक कैफे में घुसे तो देखा कि वहां कई प्रकार की चाय मिलती है. यहीं से कुछ अलग करने का आइडिया आया.

देखिए स्पेशल रिपोर्ट

अविनाश ने बताया कि उसी कैफे को देख जमशेदपुर में चाय दुकान खेलने की सोची. यह पता चला कि 3 हजार प्रकार की चाय पत्ती मिलती है. उसके बाद इसके लिए स्टडी किया और 5-6 महीने बाद चाय की दुकान खोलने की योजना बनाई. पहले जमशेदपुर के जेआरडी टाटा गोल चक्कर के पास चाय बेचना शुरू किया और वह प्रयास सफल रहा.

एक मूक-बधिर लड़की काम मांगने आई और यहां से शुरू हुआ नया सफर

अविनाश ने बताया कि उसी दौरान एक मूक-बधिर लड़की मेरे पास काम मांगने अपने भाई के साथ पहुंची. लेकिन अविनाश के पास उनके लिए कोई काम नहीं था. अविनाश का कहना है कि बाद में उन्हें लगा कि अगर चाय बनाना सीखा दिया जाए तो यह तो लड़की चाय भी बना सकती है और आत्मनिर्भर भी हो सकती है. इस दौरान उन्होंने कई जगहों पर दुकान खोजना शुरू किया और सर्किट हाउस में एक घर को किराये पर लेकर काम शुरू किया.

Jamshedpur Law Gravity Shop
सभी कर्मचारी इशारों में बात करते हैं.

दो अनाथ लड़कियां सहित 11 कर्मचारी हैं शॉप में

लॉ ग्रेविटी में काम करने वाले सभी कर्मचारी मूक बधिर हैं. चाय बनाने से लेकर चाय को सर्व करना इनकी जिम्मेदारी होती है. यही नहीं साफ सफाई भी ये खुद करते हैं. समय के पाबंद रहने वाले यहां के कर्मचारी सुबह नौ बजे पहुंच जाते हैं और काम में लग जाते हैं. यहां पर दो अनाथ लड़कियां भी है जो इनके कामों में हाथ बंटाती हैं. किचन का जिम्मा इनके हाथों में ही रहता है.

अविनाश बताते हैं कि सभी कर्मचारी इशारे में ही बातों को समझते हैं. उन्होंने बताया कि पहले सभी मूक बधिरों को ट्रेनिंग देते हैं. उसके बाद चाय बनाने का तरीका सिखाया जाता है. उन्होंने कहा कि सभी को काम का जिम्मा दिया जाता है. जिसे जो काम मिलता है वह जिम्मेदारी पूर्वक अपने काम को करता है. उन्होंने बताया कि काम करने वाले सभी कर्मचारी को समय पर वेतन के साथ-साथ अन्य सुविधाएं भी दी जाती है.

Jamshedpur Law Gravity Shop
चाय के प्रकार और उसकी कीमत.

70 से 750 तक है चाय की कीमत

लॉ ग्रेविटी में 70 रुपए से लेकर 750 रुपए तक की चाय मिलती है. यहां पर 150 प्रकार की चाय मिलती है जिसके लिए अलग-अलग 12 देशों से चाय मंगाया जाता है. इस सबंध में अविनाश ने बताया कि यहां पर आने वाले ग्राहकों का ध्यान रखा जाता है. जिस ग्राहक की जो मांग होती है उस प्रकार की चाय यहां पर उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि चाय के ऑर्डर के हिसाब से कप दिया जाता है. अगर कटिंग चाय की डिमांड होती है तो कांच के ग्लास में चाय बनाकर सर्व किया जाता है. इसका अर्थ होता है कि आपको चौक चौराहों मे मिलने वाली चाय की फीलिंग हो. कोई कैसर वाली चाय पीना चाहते है तो इसके लिए उसी प्रकार के कप में चाय मिलता है.

सभी आम-ओ-खास पहुंचते हैं यहां

लॉ ग्रेविटी में सभी आम और खास लोग पहुंचते हैं. यहां चाय पीने वाले बताते हैं कि एक अलग तरह का वातावरण विकसित किया गया है. आराम से बैठकर चाय पी सकते हैं.

Jamshedpur Law Gravity Shop
शॉप में कप और केतली का एक म्यूजियम है और सबका एक इतिहास है.

अलग से बना रखा है म्यूजियम

अगर कोई यहां चाय पीने जाता है तो उसे अलग से म्यूजियम भी देखने को मिलेगा. इसमें चाय कैटल और कप रखा गया है और सबका एक इतिहास है. अविनाश बताते हैं कि इस म्यूजियम को बड़ा करने की योजना है. उन्होंने बताया कि चाय के प्रति इतना लगाव है कि एक म्यूजिम बनाने का विचार आया. साथ ही यह भी दावा किया कि यह पूरे भारत में सबसे बड़ा टी पोर्ट है.

Last Updated : Aug 4, 2021, 3:22 PM IST
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