दुमका: झारखंड में सरकारी राशि का किस तरह दुरुपयोग होता है इसका जीता-जागता उदाहरण दुमका के दो सरकारी छात्रावास हैं. दो करोड़ की लागत से बने छात्राओं के दो छात्रावास में रहने के लिए लाखों के सामान भी खरीदे गए, लेकिन प्रबंधन की उदासीनता से यह अब तक बेकार पड़ा है.
दुमका के संथाल परगना महिला महाविद्यालय का हॉस्टल और संथाल परगना महाविद्यालय का हॉस्टल लगभग 3 वर्ष पहले बनाया गया है. इसमें छात्राओं के रहने के लिए लाखों के सामान भी खरीदे गए थे, लेकिन उन सारे सामानों का आजतक कोई उपयोग नहीं हो पाया है. महाविद्यालय प्रशासन की उदासीनता के कारण छात्राएं ऊंची कीमतों पर प्राइवेट लॉज और किराए पर कमरा लेकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं. अगर यह हॉस्टल चालू रहता तो छात्राओं को काफी फायदा होता.
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क्या कहती है छात्राएं
छात्राओं का कहना है कि हमें यह जानकारी नहीं है कि हमारे लिए सरकार ने हॉस्टल भी बनवाया है. उनका कहना है कि हमलोग किराए का कमरा लेकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं.
क्या कहते हैं छात्र नेता
इस संबंध में जब छात्र नेता गुंजन मरांडी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह महाविद्यालय प्रबंधन की उदासीनता है. उन्होंने जानकारी दी कि इन हॉस्टलों में करोड़ों के सामान खरीदे गए हैं, लेकिन फिर भी जरूरत के सभी सामान प्रबंधन की उदासीनता के कारण अबतक नहीं खरीदे जा सके हैं.
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क्या कहना है एसपी महिला कॉलेज के प्रिंसिपल का
संथाल परगना महिला महाविद्यालय की प्रिंसिपल पुष्पा रानी से जब इसे लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हॉस्टल क्यों बंद पड़ा है. इसकी जानकारी मुझे नहीं है. उन्होंने कहा हॉस्टल को चालू कराए जाने को लेकर प्रयास जारी है और इसे जल्द चालू करवाया जाएगा.