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किसानों की जिंदगी में घुलेगी मिठास, हर साल होगी 50 हजार की आमदनी

देश में किसानों के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. उनके हालातों को देखते हुए सरकार किसानों की स्थिति को सुधारने का प्रयास कर रही है. उन्हीं कोशिशों में से एक किसानों की आय दोगुनी करना है. इस योजना को लेकर दुमका में किसानों को मधु उत्पादन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

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Published : Aug 3, 2019, 1:52 PM IST

Updated : Aug 3, 2019, 4:57 PM IST

मधु उत्पादन प्रशिक्षण

दुमका: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में मीठी क्रांति लाने की योजना बनाई है. पीएम यह भी चाहते हैं कि किसानों की आय को दोगुनी किया जाए. इसके मद्देनजर दुमका में मधु उत्पादन का प्रशिक्षण किसानों को दिया जा रहा है.

देखें पूरी खबर

कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक ने दी जानकारी
जिले के कृषि विज्ञान साइंटिस्ट डॉ संजय कुमार ने जानकारी दी कि क्षमता योजना के तहत दुमका के चार आदिवासी बहुल गांव को चिंहित किया गया है. इसमें पायलट प्रोजेक्ट के तहत दो गांव के 25-25 किसानों को मधु उत्पादन के तौर तरीके सिखाए जा रहे हैं. सरकार द्वारा सभी किसानों को 8-8 बॉक्स नि:शुल्क दिए गए हैं. प्रशिक्षण प्राप्त कर किसान जब इसका उत्पादन करेंगे, तो लगभग 50 हजार रुपये प्रति वर्ष आमदनी प्राप्त होगी.


क्या कहते हैं प्रशिक्षक
रांची से आए मधु उत्पादन के प्रशिक्षक जन्मजेय गिरी ने बताया कि परंपरागत कृषि करने वाले किसानों को अपनी खेती करने के बाद जो समय मिलता है, उसका सदुपयोग करते हुए वो मधु उत्पादन कर सकते हैं. इसका प्रशिक्षण काफी सरल है. किसान 1 सप्ताह के अंदर ही इस विद्या में निपुण हो सकते हैं.

किसानों में है उत्सुकता
मधु उत्पादन का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे किसान लगन के साथ पूरी प्रक्रिया सीखने की कोशिश कर रहे हैं. उनका कहना है कि इस प्रकिया से रोजगार के जरिए वो अपनी आय बढ़ा सकते हैं.


बहरहाल, किसानों को प्रशिक्षण देकर न सिर्फ मधु उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है बल्कि उनकी आय को भी दोगुनी करने की कोशिश की जा रही है. उम्मीद की जानी चाहिए की सरकार के इस सार्थक पहल के बेहतर परिणाम सामने आएंगे.

दुमका: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में मीठी क्रांति लाने की योजना बनाई है. पीएम यह भी चाहते हैं कि किसानों की आय को दोगुनी किया जाए. इसके मद्देनजर दुमका में मधु उत्पादन का प्रशिक्षण किसानों को दिया जा रहा है.

देखें पूरी खबर

कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक ने दी जानकारी
जिले के कृषि विज्ञान साइंटिस्ट डॉ संजय कुमार ने जानकारी दी कि क्षमता योजना के तहत दुमका के चार आदिवासी बहुल गांव को चिंहित किया गया है. इसमें पायलट प्रोजेक्ट के तहत दो गांव के 25-25 किसानों को मधु उत्पादन के तौर तरीके सिखाए जा रहे हैं. सरकार द्वारा सभी किसानों को 8-8 बॉक्स नि:शुल्क दिए गए हैं. प्रशिक्षण प्राप्त कर किसान जब इसका उत्पादन करेंगे, तो लगभग 50 हजार रुपये प्रति वर्ष आमदनी प्राप्त होगी.


क्या कहते हैं प्रशिक्षक
रांची से आए मधु उत्पादन के प्रशिक्षक जन्मजेय गिरी ने बताया कि परंपरागत कृषि करने वाले किसानों को अपनी खेती करने के बाद जो समय मिलता है, उसका सदुपयोग करते हुए वो मधु उत्पादन कर सकते हैं. इसका प्रशिक्षण काफी सरल है. किसान 1 सप्ताह के अंदर ही इस विद्या में निपुण हो सकते हैं.

किसानों में है उत्सुकता
मधु उत्पादन का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे किसान लगन के साथ पूरी प्रक्रिया सीखने की कोशिश कर रहे हैं. उनका कहना है कि इस प्रकिया से रोजगार के जरिए वो अपनी आय बढ़ा सकते हैं.


बहरहाल, किसानों को प्रशिक्षण देकर न सिर्फ मधु उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है बल्कि उनकी आय को भी दोगुनी करने की कोशिश की जा रही है. उम्मीद की जानी चाहिए की सरकार के इस सार्थक पहल के बेहतर परिणाम सामने आएंगे.

Intro:दुमका -
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में मीठी क्रांति लाने की योजना बनाई है साथ ही साथ उनकी योजना यह भी है कि किसानों की आय को दोगुनी की जाए । इन दोनों योजनाओं का एक साथ धरातल पर उतारने के लिए दुमका में मधु उत्पादन का प्रशिक्षण किसानों को दिया जा रहा है ।


Body:कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक ने दी जानकारी ।
दुमका कृषि विज्ञान के साइंटिस्ट डॉ संजय कुमार ने जानकारी दी कि क्षमता योजना के तहत दुमका के चार आदिवासी बहुल गांव को चिन्हित किया गया है । इसमें पायलट प्रोजेक्ट के तहत दो गांव के 25 - 25 किसानों को मधु उत्पादन के तौर तरीके सिखाए जा रहे हैं । सरकार द्वारा सभी किसानों को 8 - 8 बॉक्स निशुल्क दिए जा रहे हैं । प्रशिक्षण प्राप्त कर किसान जब इसका उत्पादन करेंगे तो लगभग 50 हजार रुपये प्रति वर्ष आमदनी प्राप्त होगी ।

बाईट - डॉ संजय कुमार, वैज्ञानिक

क्या कहते हैं प्रशिक्षक ।
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रांची से आए मधु उत्पादन के प्रशिक्षक जन्मजेय गिरी ने बताया कि परंपरागत कृषि करने वाले किसानों को अपने खेती कार्य करने के बाद जो समय मिलता है उसी समय का सदुपयोग करते हुए वे मधु उत्पादन कर सकते हैं । इसका प्रशिक्षण काफी सरल है किसान 1 सप्ताह के अंदर ही इस विधा में निपुण हो जाएंगे ।

बाईट जन्मजेय गिरी , प्रशिक्षक


Conclusion:किसानों में है उत्सुकता ।
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मधु उत्पादन का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं किसानों में काफी उत्सुकता देखी जा रही है । वह काफी मन लगाकर प्रशिक्षक के बताएं तौर-तरीकों को सीख रहे हैं । वे कहते हैं कि इससे इस रोजगार के जरिये वे अपनी आय बढ़ाएंगे ।

बाईट - सत्यवती , महिला किसान
बाईट - संदीप , किसान

फाईनल वीओ - किसानों को मधु उत्पादन के तौर तरीकों से अवगत कराकर उनकी आय बढ़ाने का प्रयास एक शानदार प्रयास कहा जा सकता है और उम्मीद की जानी चाहिए कि इसके सार्थक परिणाम सामने आयेंगे ।
Last Updated : Aug 3, 2019, 4:57 PM IST
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