दुमकाः झारखंड की उपराजधानी दुमका में अगलगी की घटनाओं से निपटने के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं. पिछले वर्ष 2022 में दुमका में अगलगी की 85 घटना हुई थीं. वहीं इस वर्ष अब तक दुमका में कई स्थानों पर आग लगने के बाद दमकल की गाड़ियां भेजनी पड़ी. कुल मिलाकर जिले में लगातार अगलगी की घटनाएं हो रही हैं. वहीं दुमका के अग्निशमन विभाग में कर्मियों की संख्या काफी कम है. जाहिर है इस कारण अगलगी से समय राहत-बचाव कार्य में काफी परेशानी हो रही है.
30 की जगह विभाग में 12 कर्मी हैं कार्यरतः दुमका में वर्तमान समय में पांच दमकल वाहन सही हालत में है. जिसमें चार बड़े दमकल और एक मिनी दमकल वाहन हैं. विभागीय नियमों के अनुसार एक दमकल के लिए छह कर्मी होने चाहिए. जिसमें चार फायरमैन, एक हवलदार और एक चालक. मतलब पांच दमकल के लिए 30 कर्मी, लेकिन दुमका में फायरमैन की संख्या सिर्फ सात है, जबकि हवलदार मात्र पांच हैं, लेकिन दुमका में 30 की जगह मात्र 12 कर्मी ही कार्यरत हैं. वहीं अग्निशामनालय पदाधिकारी का पद प्रभार में चल रहा है. संजय कुमार सिन्हा दुमका के प्रभारी अग्निशमनालय पदाधिकारी हैं.
बासुकीनाथ धाम मंदिर में अगलगी की घटना से निपटने की व्यवस्था नहींः हम आपको बता दें कि दुमका में प्रसिद्ध तीर्थस्थल बासुकीनाथ है, जहां पूरे वर्ष लाखों की संख्या में लोग पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं, लेकिन मंदिर में आग से निपटने के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं. पिछले पांच-छह वर्षों में बासुकीनाथ मंदिर के आसपास अगलगी की कई घटनाएं हो चुकी हैं. यहां के बाजार में कई बार आग लगी और दर्जनों दुकानें जलकर राख हो गईं. जिला मुख्यालय से बासुकिनाथ की दूरी 30 किलोमीटर होने के कारण दमकल वाहन को बासुकिनाथ पहुंचने में काफी वक्त लग गया था. इस कारण नुकसान अधिक हुआ था. जिस वजह से दमकल कर्मियों को काफी विरोध का सामना करना पड़ा था.
बासुकिनाथ में अग्नि सुरक्षा का इंतजाम कराने के लिए भेजा गया है पत्रः बासुकीनाथ में अग्नि सुरक्षात्मक संयंत्रों की स्थापना कराने हेतु दुमका अग्निशमन विभाग ने अपने मुख्यालय को इस वर्ष 16 फरवरी को एक पत्र भेजा है. इसमें बासुकीनाथ के दुर्गा मंदिर चौक, नागनाथ चौक, शिवगंगा परिसर और नगर पंचायत चौक पर अलग-अलग पंप हाउस के निर्माण कराने की आवश्यकता बताई गई है. साथ ही क्यू कॉम्प्लेक्स और मंदिर के संस्कार मंडप के समीप भी फायर पंप की व्यवस्था के लिए लिखा गया है, लेकिन अब तक कोई कार्य धरातल पर कुछ नहीं उतरा है, बल्कि कागजी कार्रवाई ही चल रही है.
पंडा धर्मरक्षिणी सभा के अध्यक्ष ने भी सरकार से किया आग्रहः इस संबंध में पंडा धर्मरक्षिणी सभा के अध्यक्ष मनोज पंडा ने कहा कि बासुकीनाथ विश्वस्तरीय तीर्थस्थल बन गया है. देश-विदेश के श्रद्धालु यहां आते हैं. यहां आग से काबू पाने की ठोस व्यवस्था होनी चाहिए. मंदिर के आसपास काफी दुकानें हैं, होटल हैं. ऐसे में जब कभी आग लगती है तो विकट समस्या उत्पन्न हो जाती है. मनोज पंडा ने बताया कि पांच वर्ष पूर्व जब दुमका के उपायुक्त मुकेश कुमार थे तो एक बैठक में यह निर्णय हुआ था कि बासुकीनाथ में अग्निशमन की स्थायी व्यवस्था होगी, लेकिन इस पर आज तक कोई पहल नहीं की गई है. पंडा धर्मरक्षिणी सभा के अध्यक्ष मनोज पंडा ने सरकार से निवेदन किया है कि जल्द से जल्द यहां अग्निशमन की स्थायी व्यवस्था कराएं.
सरकार को पहल करने की जरूरतः उपराजधानी दुमका के अग्निशमन विभाग में कर्मियों की काफी कमी है. वहीं दूसरी ओर बासुकीनाथ में अगलगी पर काबू पाने लिए कोई व्यवस्था नहीं हुई. ऐसे में सरकार को अविलंब इस दिशा में आवश्यक पहल करने की आवश्यकता है, ताकि आपदा के समय लोगों को ज्यादा नुकसान से बचाया जा सके.