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1.42 करोड़ की हेराफेरी मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने वाले ही निकला आरोपी, पुलिस ने किया गिरफ्तार - दुमका न्यूज

दुमका में ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल में 1.42 करोड़ रुपये की हेराफेरी हुई है. इस मामले में विभाग के कैशियर पंकज कुमार वर्मा ने नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई. लेकिन पुलिस ने कैशियर को मुख्य आरोपी बताते हुए गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.

Misappropriation of more than one crore in Dumka
1.42 करोड़ की हेराफेरी मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने वाले ही निकला आरोपी
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Published : Nov 25, 2021, 11:02 AM IST

दुमकाः ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल में 1.42 करोड़ की हेराफेरी का मामला सामने आया है. इस मामले में प्रमंडल में कार्यरत कैशियर पवन कुमार वर्मा ने नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई. पुलिस ने मामले की जांच-पड़ताल शुरू की तो प्राथमिकी दर्ज कराने वाला ही मुख्य आरोपी निकला. इससे नगर थाने की पुलिस ने कैशियर पंकज कुमार वर्मा और कम्प्यूटर ऑपरेटर पवन कुमार गुप्ता को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार दोनों आरोपियों से पूछताछ की गई. इसके बाद जेल भेज दिया गया.

यह भी पढ़ेंः मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना का लक्ष्य पूरा करने में दुमका अव्वल, युवाओं में बढ़ी स्वरोजगार की इच्छा

कंप्यूटर ऑपरेटर ने खोला सच

कंप्यूटर ऑपरेटर पवन कुमार गुप्ता से पुलिस पूछताछ की तो कंप्यूटर ऑपरेटर ने सारे राज खोल दिए. पुलिस को बताया कि लालच में आकर पंकज कुमार वर्मा के कहने पर अपराध किया है. रुपये की हेराफेरी करने के बाद मोबाइल का सिम कार्ड तोड़कर फेंक दिया. इसके साथ ही मोबाइल का डाटा भी डिलीट कर दिया है. पुलिस ने बताया कि कंप्यूटर ऑपरेटर के बयान के आधार पर पंकज कुमार वर्मा को गिरफ्तार कर पूछताछ की, तो पंकज से अपराध स्वीकार कर लिया है.

क्या है पूरा मामला

ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल की ओर से जिले के रामगढ़ प्रखंड में बांसलोई नदी पर करीब 10 करोड रुपये की लागत से पुल का निर्माण कराया जा रहा है. पुल निर्माण का कार्य एबीसी कंस्ट्रक्शन कंपनी कर रही है. एबीसी कंस्ट्रक्शन कंपनी को करीब डेढ़ करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना था. 28 अक्टूबर को कोषागार के माध्यम से 1.42 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. लेकिन यह राशि कंपनी के एकाउंट में स्थानांतरण नहीं होकर दूसरे एकाउंट में किया गया. इस मामले की खोजबीन किया गया तो पता चला कि एबीसी कंस्ट्रक्शन कंपनी के खाते के बदले हरियाणा के गुरुग्राम स्थित खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर किया गया है.

तत्काल की गई राशि की निकासी

जिस एकाउंट में राशि स्थानांतरण किया गया, उसके संचालक तत्काल निकासी भी कर लिया. इसके बाद कैशियर पंकज कुमार वर्मा ने नगर थाने में लिखित शिकायत की. इस शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए जांच शुरू की गई और फिर शिकायत करने वाला कैशियर ही मुख्य आरोपी निकला, जिसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.

दुमकाः ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल में 1.42 करोड़ की हेराफेरी का मामला सामने आया है. इस मामले में प्रमंडल में कार्यरत कैशियर पवन कुमार वर्मा ने नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई. पुलिस ने मामले की जांच-पड़ताल शुरू की तो प्राथमिकी दर्ज कराने वाला ही मुख्य आरोपी निकला. इससे नगर थाने की पुलिस ने कैशियर पंकज कुमार वर्मा और कम्प्यूटर ऑपरेटर पवन कुमार गुप्ता को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार दोनों आरोपियों से पूछताछ की गई. इसके बाद जेल भेज दिया गया.

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कंप्यूटर ऑपरेटर ने खोला सच

कंप्यूटर ऑपरेटर पवन कुमार गुप्ता से पुलिस पूछताछ की तो कंप्यूटर ऑपरेटर ने सारे राज खोल दिए. पुलिस को बताया कि लालच में आकर पंकज कुमार वर्मा के कहने पर अपराध किया है. रुपये की हेराफेरी करने के बाद मोबाइल का सिम कार्ड तोड़कर फेंक दिया. इसके साथ ही मोबाइल का डाटा भी डिलीट कर दिया है. पुलिस ने बताया कि कंप्यूटर ऑपरेटर के बयान के आधार पर पंकज कुमार वर्मा को गिरफ्तार कर पूछताछ की, तो पंकज से अपराध स्वीकार कर लिया है.

क्या है पूरा मामला

ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल की ओर से जिले के रामगढ़ प्रखंड में बांसलोई नदी पर करीब 10 करोड रुपये की लागत से पुल का निर्माण कराया जा रहा है. पुल निर्माण का कार्य एबीसी कंस्ट्रक्शन कंपनी कर रही है. एबीसी कंस्ट्रक्शन कंपनी को करीब डेढ़ करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना था. 28 अक्टूबर को कोषागार के माध्यम से 1.42 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया. लेकिन यह राशि कंपनी के एकाउंट में स्थानांतरण नहीं होकर दूसरे एकाउंट में किया गया. इस मामले की खोजबीन किया गया तो पता चला कि एबीसी कंस्ट्रक्शन कंपनी के खाते के बदले हरियाणा के गुरुग्राम स्थित खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर किया गया है.

तत्काल की गई राशि की निकासी

जिस एकाउंट में राशि स्थानांतरण किया गया, उसके संचालक तत्काल निकासी भी कर लिया. इसके बाद कैशियर पंकज कुमार वर्मा ने नगर थाने में लिखित शिकायत की. इस शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए जांच शुरू की गई और फिर शिकायत करने वाला कैशियर ही मुख्य आरोपी निकला, जिसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.

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