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पथरीले रास्तों से कैसे तय होगा विकास का सफर! दुमका के जामा प्रखंड के कई गांवों की सड़कें जर्जर - प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना

दुमका के जामा प्रखंड में दो दर्जन से अधिक गांवों की सड़कें बदहाल हैं. इन जर्जर सड़कों पर बाइक और साइकिल से चलना तो दूर पैदल भी चलना मुश्किल हैं. इसके बावजूद दुरुस्त नहीं किया जा रहा है.

Jama block of Dumka
दुमका के जामा प्रखंड में दो दर्जन से अधिक गांव की सड़कें जर्जर
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Published : Dec 12, 2021, 2:07 PM IST

Updated : Dec 12, 2021, 6:25 PM IST

दुमकाः राज्य सरकार विकास के लाख दावे करें लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. जिला के जामा प्रखंड में दो दर्जन से अधिक गांवों की सड़कें वर्षों से जर्जर हैं. इसके बावजूद प्रशासन हाथ पर हाथ रख बैठे हैं और खामियाजा ग्रामीणों को उठाना पड़ रहा हैं. आलम यह है कि लोगों को इस जर्जर और बदहाल सड़कों से आने-जाने को मजबूर होना पड़ता है.

यह भी पढ़ेंःपहली बारिश में सड़क बन गई 'स्विमिंग पूल', विधायक ने कहा जल्द ही समस्या होगी दूर

जामा प्रखंड एक-दो नहीं बल्कि दो दर्जन से अधिक गांवों की सड़कें बदहाल हैं. प्रखंड के मुड़माला, टेपरा दुधानी, आसनबनी, आमझर, सांपडहर, डुमरिया, गायबथान, ताराटीकर, दलदली समेत कई गांव हैं. इन गांवों की सड़कें अत्यंत जर्जर है. सड़कों पर बड़े वाहनों की बात छोड़िए पैदल चलना मुश्किल है. जर्जर सड़क होने की वजह से आए दिन हादसे होते रहते हैं.

देखें पूरी खबर



पैदल चलना भी मुश्किल
सांपडहर गांव के रहने वाले अगम पाल कहते हैं कि साइकिल-बाइक से सड़क के आने-जाने मे काफी परेशानी होती है. हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. उन्होंने कहा कि जर्जर सड़क से पैदल चलना मुश्किल है. डुमरिया गांव के रहने वाले मेरी टुडू और मोटका मरांडी कहते हैं कि सड़कों की स्थिति अत्यंत जर्जर है. इस सड़क से आने-जाने में काफी परेशानी होती है. सड़क दुरुस्त करने को लेकर प्रशासन से भी शिकायत की है. इसके बावजूद इसको लेकर कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है.

सड़कों को शीघ्र कराएंगे दुरुस्त
दुमका सांसद सुनील सोरेन ने फोन पर बातचीत में कहा कि बदहाल सड़कों के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार का ध्यान जनहित के मुद्दे पर नहीं है. हालांकि हम गंभीर है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत इन सड़कों को दुरुस्त कराएंगे.

दुमकाः राज्य सरकार विकास के लाख दावे करें लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. जिला के जामा प्रखंड में दो दर्जन से अधिक गांवों की सड़कें वर्षों से जर्जर हैं. इसके बावजूद प्रशासन हाथ पर हाथ रख बैठे हैं और खामियाजा ग्रामीणों को उठाना पड़ रहा हैं. आलम यह है कि लोगों को इस जर्जर और बदहाल सड़कों से आने-जाने को मजबूर होना पड़ता है.

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जामा प्रखंड एक-दो नहीं बल्कि दो दर्जन से अधिक गांवों की सड़कें बदहाल हैं. प्रखंड के मुड़माला, टेपरा दुधानी, आसनबनी, आमझर, सांपडहर, डुमरिया, गायबथान, ताराटीकर, दलदली समेत कई गांव हैं. इन गांवों की सड़कें अत्यंत जर्जर है. सड़कों पर बड़े वाहनों की बात छोड़िए पैदल चलना मुश्किल है. जर्जर सड़क होने की वजह से आए दिन हादसे होते रहते हैं.

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पैदल चलना भी मुश्किल
सांपडहर गांव के रहने वाले अगम पाल कहते हैं कि साइकिल-बाइक से सड़क के आने-जाने मे काफी परेशानी होती है. हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. उन्होंने कहा कि जर्जर सड़क से पैदल चलना मुश्किल है. डुमरिया गांव के रहने वाले मेरी टुडू और मोटका मरांडी कहते हैं कि सड़कों की स्थिति अत्यंत जर्जर है. इस सड़क से आने-जाने में काफी परेशानी होती है. सड़क दुरुस्त करने को लेकर प्रशासन से भी शिकायत की है. इसके बावजूद इसको लेकर कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है.

सड़कों को शीघ्र कराएंगे दुरुस्त
दुमका सांसद सुनील सोरेन ने फोन पर बातचीत में कहा कि बदहाल सड़कों के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार का ध्यान जनहित के मुद्दे पर नहीं है. हालांकि हम गंभीर है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत इन सड़कों को दुरुस्त कराएंगे.

Last Updated : Dec 12, 2021, 6:25 PM IST
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