दुमका: रविवार देर शाम आई तेज आंधी और बारिश के कारण दुमका के राजकीय हिजला मेला परिसर में स्थित संथाल समाज के धार्मिक स्थल दिसोम मरांग बुरु थान पूरी तरह से गिर गया. इससे ग्रामीण काफी दुखी और नाराज हैं. दरअसल, हर साल यहां राजकीय मेला आयोजन के समय सरकार की ओर से इसकी मरम्मत करवाई जाती रही है. इधर समस्या यह हो गई है कि दो सालों से कोरोना की वजह से दुमका प्रशासन ने मेला नहीं लगावाया और इस पूजास्थल की मरम्मत भी नहीं करवाई गई. जिसके कारण यह जर्जर हो चुका था और बीती रात आई आंधी में चरमरा कर गिर गया.
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सीएम ने आश्वासन के बाद भी नहीं किया कार्य: हिजला गांव के ग्राम प्रधान सुनीलाल हांसदा का कहना है कि दिसोम मरांग बुरुथान के पक्कीकरण के लिये उपायुक्त दुमका को लिखित आवेदन दिया गया था लेकिन, अब तक पूज्य स्थल का पक्कीकरण नहीं हुआ. हालांकि इस बीच मेला परिसर में अन्य भवन का निमार्ण किया गया. ग्रामीणों में आक्रोश है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, विधायक बसंत सोरेन की ओर से भी यह आश्वासन दिया गया था कि दिसोम मरांग बुरु थान का पक्कीकरण किया जाएगा लेकिन, अब तक नहीं हुआ और न ही प्रशासन ने किसी तरह की मरम्मती कराई. इसे लेकर ग्रामीण काफी नाराज हैं और अपने धार्मिक स्थल का जल्द पक्कीकरण किए जाने की मांग कर रहे हैं.
देवता के नाराज होने का सता रहा है डर: ग्रामीणों को यह भी डर है कि पूजा स्थल के गिर जाने से कहीं उनके देवता नाराज न हो जाए और इसका खामियाजा ग्रामीणों को न भुगतना पड़े. ग्राम प्रधान सुनीलाल हांसदा ने कहा कि देवता अगर नाराज होते हैं तो कुछ भी समस्या आ सकती है, इसलिए जल्द से जल्द इस पूजा स्थल का जीर्णोद्धार कराया जाए. ग्राम प्रधान ने कहा कि सभी जगह इसकी मरम्मती के लिए गुहार लगाई थी लेकिन मरम्मती कार्य नहीं हुआ. ग्रामीणों की बात से साफ है कि उन्हें अपने देवता पर पूरी आस्था है अब देखना होगा कि सरकार कब तक अपना दिया हुआ आश्वासन पूरा करती है.