दुमकाः साहिबगंज से गंगा का पानी दुमका के प्रखंड गोपीकांदर प्रखंड में पहुंचाने की जो योजना बनाई गई थी, उसे तकनीकी कारणों से रद्द कर दिया गया है. बताया जा रहा है कि सर्वे में धरातल पर इस योजना को पहुंचाना संभव नहीं हो सका. इसके कारण यह फैसला लिया गया है.
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बता दें कि दुमका जिले के सरैयाहाट और रामगढ़ दो प्रखंड में गंगाजल पहुंचाने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू है. वहीं इसमें शिकारीपाड़ा और काठीकुंड को भी जोड़ दिया गया है. दुमका पेयजल स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता गंगाराम ठाकुर ने बताया कि गोपीकांदर प्रखंड में जनता को गंगा का पानी मिले इसकी योजना बनी थी लेकिन जब धरातल पर सर्वे किया गया तो वहां पानी पहुंचाना संभव नहीं हो पाया. इसलिए इस योजना को रद्द कर दिया गया है.
गोपीकांदर के लिए दूसरी योजनाः हालांकि इसे देखते हुए पेयजल स्वच्छता विभाग ने अलग से योजना तैयार की है. जिसके जरिये यहां के 115 गांव के 8485 परिवारों तक पानी पहुंचाएगा. इस योजना को तीन क्लस्टर में बांटा गया है, प्रति कलस्टर 9 करोड़ रुपये खर्च होंगे मतलब पूरी योजना 27 करोड़ की होगी. लगभग चालीस हजार लोगों को इसका फायदा मिलेगा. वहीं क्लस्टर बनाकर पानी पहुंचाने की योजना दुमका के रानीश्वर प्रखंड में भी शुरू की जा रही है. इससे 10705 परिवारों के घरों तक नलों के माध्यम से पानी पहुंचाया जाएगा. इससे 51 हजार लोगों को लाभ पहुंचेगा. रानीश्वर की इस जलापूर्ति योजना पर 32 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
शिकारीपाड़ा और काठीकुंड प्रखंड में पहुंचेगा गंगा का पानीः दुमका जिले के शिकारीपाड़ा और काठीकुंड प्रखंड में 297 करोड़ की राशि से गंगा का पानी पहुंचाने की योजना है. इसका टेंडर अहमदाबाद की एक कंपनी के नाम आवंटित हो चुका है. इसमें गंगा का पानी पाकुड़ जिले से पाकुड़िया प्रखण्ड के लाकडुम गांव में बनी टंकी तक लाया जाएगा और वहां से फिर पाइप लाइन के जरिए शिकारीपाड़ा और काठीकुंड में पहुंचाया जाएगा.
क्या कहते हैं पेयजल विभाग के अधिकारीः दुमका जिले के अलग-अलग प्रखंडों में गंगा का पानी और क्लस्टर बनाकर पेयजल उपलब्ध कराने की योजना के संबंध में पेयजल विभाग के कार्यपालक अभियंता गंगाराम ठाकुर ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत यह सारे काम हो रहे हैं. 2024 के पहले तक इन्हें पूरा कर लेना है. गोपीकांदर प्रखंड और रानीश्वर प्रखंड में तो सात कल्स्टर के माध्यम से पेयजल की योजना है. इसका काम डेढ़ साल में ही हो जाएगा. उन सारी योजनाओं के धरातल पर उतर जाने के बाद दुमका के ग्रामीण क्षेत्र में जो पेयजल की समस्या है वह दूर होगी. लोगों को पाइप लाइन के जरिये घर पानी पहुंचाया जाएगा.