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दुमका: दो दशक पहले सरकार ने कराया था विश्रामालय का निर्माण, जर्जर स्थिति के कारण लोग हैं परेशान

दुमका में दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों से शहर आने वाले लोगों के लिए विश्रामालय की सुविधा नहीं है. आधा दर्जन से अधिक विश्रामालय, यात्री शेड, रैन बसेरा का निर्माण दो दशक पहले सरकार ने कराया था लेकिन आज सभी की स्थिति जर्जर है.

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Published : Jan 9, 2020, 7:15 PM IST

Updated : Jan 9, 2020, 7:38 PM IST

bad condition of restrooms in dumka
विश्रामालय की स्थिति जर्जर

दुमका: दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले लोगों को उस वक्त काफी परेशानी हो जाती है जब वह किसी काम के लिए आते हैं और उन्हें दो घंटा रुकने के लिए कह दिया जाता है. जाड़ा हो, गर्मी हो और बरसात सभी मौसम में एक बड़ी समस्या उनके सामने यह खड़ी हो जाती है कि आखिर वे जाएं तो कहां जाए. लोगों का कहना है कि उनके पास उतने पैसे भी नहीं होती है कि वह कहीं जाकर दो पल गुजारे सके. वे सरकार से इस दिशा में आवश्यक पहल की मांग कर रहे हैं.

देखें पूरी खबर

लोगों को होती है परेशानी
विश्रामालयों को फुटपाथी दुकानदारों ने अतिक्रमण कर लिया है. इससे सबसे ज्यादा परेशानी उन जरूरतमंदों को होती है जो प्रखंड मुख्यालय और ग्रामीण क्षेत्रों से कुछ काम को लेकर जिला मुख्यालय आते हैं. उनको अगर दो घंटा कहीं विश्राम करना है तो कहीं जगह नहीं है. उनके पास इतने रुपए भी नहीं होते हैं कि दो चार घंटे के लिए कोई होटल ले सके. इस संबंध में नगर परिषद की अध्यक्ष श्वेता झा कहा कि इस दिशा में आवश्यक पहल की जाएगी. उन्होंने कहा कि बहुत जल्द इन विश्रामालय को दुरुस्त किया जाएगा.

ये भी देखें- सीएम हेमंत सोरेन की सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सक्रियता, बीजेपी ने लिया आड़े हाथों, कहा जमीन पर करें काम

बता दें कि पिछले दो दशक में उपराजधानी दुमका का तेजी से विकास हुआ है. यहां कि आबादी बढ़ी है. लोगों का आना-जाना भी बढ़ा है. ऐसे में जरूरतमंदों को जो विश्रामालय की सुविधा मिलनी चाहिए उसमें अगर रुकावट आ रही है तो सरकार को इस पर गंभीरता दिखाने की जरूरत है.

दुमका: दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले लोगों को उस वक्त काफी परेशानी हो जाती है जब वह किसी काम के लिए आते हैं और उन्हें दो घंटा रुकने के लिए कह दिया जाता है. जाड़ा हो, गर्मी हो और बरसात सभी मौसम में एक बड़ी समस्या उनके सामने यह खड़ी हो जाती है कि आखिर वे जाएं तो कहां जाए. लोगों का कहना है कि उनके पास उतने पैसे भी नहीं होती है कि वह कहीं जाकर दो पल गुजारे सके. वे सरकार से इस दिशा में आवश्यक पहल की मांग कर रहे हैं.

देखें पूरी खबर

लोगों को होती है परेशानी
विश्रामालयों को फुटपाथी दुकानदारों ने अतिक्रमण कर लिया है. इससे सबसे ज्यादा परेशानी उन जरूरतमंदों को होती है जो प्रखंड मुख्यालय और ग्रामीण क्षेत्रों से कुछ काम को लेकर जिला मुख्यालय आते हैं. उनको अगर दो घंटा कहीं विश्राम करना है तो कहीं जगह नहीं है. उनके पास इतने रुपए भी नहीं होते हैं कि दो चार घंटे के लिए कोई होटल ले सके. इस संबंध में नगर परिषद की अध्यक्ष श्वेता झा कहा कि इस दिशा में आवश्यक पहल की जाएगी. उन्होंने कहा कि बहुत जल्द इन विश्रामालय को दुरुस्त किया जाएगा.

ये भी देखें- सीएम हेमंत सोरेन की सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सक्रियता, बीजेपी ने लिया आड़े हाथों, कहा जमीन पर करें काम

बता दें कि पिछले दो दशक में उपराजधानी दुमका का तेजी से विकास हुआ है. यहां कि आबादी बढ़ी है. लोगों का आना-जाना भी बढ़ा है. ऐसे में जरूरतमंदों को जो विश्रामालय की सुविधा मिलनी चाहिए उसमें अगर रुकावट आ रही है तो सरकार को इस पर गंभीरता दिखाने की जरूरत है.

Intro:दुमका -
दुमका में दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों से शहर आने वाले लोगों के लिए आधा दर्जन से अधिक विश्रामालय , यात्री शेड , रैन बसेरा का निर्माण दो दशक पहले सरकार द्वारा कराया गया था । लेकिन आज सभी की स्थिति जर्जर है , बदहाल है या फिर उसे फुटपाथी दुकानदारों ने अतिक्रमण कर लिया है । इससे सबसे ज्यादा परेशानी उन जरूरतमन्दों को होती है जो प्रखंड मुख्यालय या ग्रामीण क्षेत्रों से कुछ काम लेकर जिला मुख्यालय आते हैं और उनको अगर दो घंटा कहीं विश्राम करना है तो कहीं जगह नहीं है । उनके पास इतने रुपए भी नहीं होते हैं कि दो चार घंटे के लिए कोई होटल ले ले ।


Body:क्या कहते हैं लोग ।
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दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले लोगों को उस वक्त काफी परेशानी हो जाती है जब वह किसी काम के लिए आते हैं और उन्हें दो घंटा रुकने के लिए कह दिया जाता है । जाड़ा हो गर्मी हो या बरसात सभी मौसम में एक बड़ी समस्या उनके सामने यह खड़ी हो जाती है कि आखिर वे जाएं तो कहां जाए । लोगों का कहना है कि हम कहां जाकर दो पल गुजारे हमारे पास तो पैसे भी नहीं है कि कोई होटल ले ले । वे सरकार से इस दिशा में आवश्यक पहल की मांग कर रहे हैं ।

बाईंट - कंचन कुमारी , जलसहिया , जरमुंडी प्रखण्ड
बाईंट - हेमन्त कुमार , स्थानीय


Conclusion:क्या कहना है दुमका नगर परिषद की अध्यक्ष का ।
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इस संबंध में जब हमने दुमका नगर परिषद की अध्यक्ष श्वेता झा से बात की तो उन्होंने सीधे जनता से जुड़े इस समस्या को सामने लाने के लिए ईटीवी भारत को धन्यवाद देते हुए कहा कि इस दिशा में आवश्यक पहल की जाएगी । उन्होंने कहा कि बहुत जल्द इन विश्रामालय को दुरुस्त किया जाएगा ।

बाईंट - श्वेता झा ,

फाईनल वीओ - पिछले दो दशक में उपराजधानी दुमका का तेजी से विकास हुआ है । आबादी बढ़ी है लोगों का आना-जाना भी बढ़ा है । ऐसे में जरूरतमंदों को जो विश्रामालय या रेन बसेरा की सुविधा मिलनी चाहिए उसमें अगर रुकावट आ रही है तो सरकार को इस पर गंभीरता दिखाने की जरूरत है । इसे जल्द दुरुस्त करना चाहिए ।

मनोज केशरी
ईटीवी भारत
दुमका
Last Updated : Jan 9, 2020, 7:38 PM IST
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