दुमका: जल पुरुष के नाम से प्रसिद्ध डॉक्टर राजेंद्र सिंह ने दुमका के कन्वेंशन हॉल में पंचायत प्रतिनिधियों और समाज के अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक किया. उन्होंने कहा कि अब तक झारखंड और दुमका में ज्यादा कुछ नहीं बिगड़ा है अभी पानी को संरक्षित कीजिए जल है तो कल है.
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एसकेएम यूनिवर्सिटी और जिला प्रशासन ने आयोजित की कार्यक्रम: पूरे भारत में जल पुरुष या वाटर मैन ऑफ इंडिया के नाम से प्रसिद्ध राजस्थान के अलवर जिला के रहने वाले डॉ राजेंद्र सिंह आज दुमका पहुंचे. जल संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने पर उन्हें रेमन मैग्सेसे पुरस्कार सहित कई सम्मान से नवाजा जा चुका है. डॉ. राजेंद्र सिंह दुमका के कन्वेंशन हॉल में आयोजित जल संरक्षण के एक जागरूकता कार्यक्रम में शिरकत की. इस कार्यक्रम का आयोजन सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय और दुमका जिला प्रशासन ने संयुक्त रूप से किया था.
पंचायत प्रतिनिधियों को जल संरक्षण के प्रति किया जागरूक: यह देखते हुए की आज पानी को बचाना कितना आवश्यक है, इस जागरूकता कार्यक्रम में पंचायत प्रतिनिधियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया. अपने संबोधन में जलपुरुष डॉक्टर राजेंद्र सिंह ने पंचायत प्रतिनिधियों को सलाह दी कि आप बारिश का पानी बेकार न बहने दें. उसे संरक्षित करें और उसके माध्यम से भूमिगत पानी को बेहतर बनाएं. अपने आसपास के जलाशयों को ज्यादा से ज्यादा समृद्ध करें. इससे सिंचाई की अच्छी व्यवस्था होगी. चारों तरफ हरियाली लाएं और पलायन को रोकते हुए रोजगार के अवसर बढ़ाएं.
बिना सरकारी सहायता के बनवाए 13 हजार चेक डैम: उन्होंने अपने जीवन यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पिछले चार दशक से मैं जल संरक्षण के क्षेत्र में काम कर रहा हूं. जल के बेहतर उपयोग को लेकर एक सौ से अधिक देशों की यात्रा की. तेरह हजार से अधिक चेक डैम बिना किसी सरकारी सहायता से सिर्फ लोगों के मदद से बनवाया. इसके साथ ही कई उल्लेखनीय कार्यों को गिनाया.
कम पानी में खेती कर बचाएं जल: डॉ राजेंद्र सिंह ने कहा कि यह प्रदेश प्राकृतिक संपदा से भरपूर है. बारिश भी अच्छी होती है. आप बारिश का पानी तो बचाएं, उसका बेहतर उपयोग करें. साथ ही साथ कृषि कार्य में कम पानी की खपत करें. आप अगर अधिक पानी पौधों में देते हैं तो उसका पोषक तत्व भी बह कर बाहर चला जाता है. आप कोशिश करें कि कृत्रिम खाद कीटनाशक का कम से कम प्रयोग हो. उन्होंने मंच से नारा दिया- नीर, नारी और नदी नारायण हैं. इसके बिना आप सृष्टि की कल्पना नहीं कर सकते.
सरकार और प्रशासन के भरोसे न रहें: डॉ राजेंद्र सिंह ने उपस्थित पंचायत प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि अपने-अपने क्षेत्रों में जल संचालन और जल संरक्षण के लिए सिर्फ सरकार और प्रशासन के भरोसे न रहें. आप ग्रामीणों को एकजुट करें. उन्हें पानी के महत्व को समझाएं और आपसी तालमेल से जलाशयों का निर्माण करें जल संरक्षण करें.
उपायुक्त को दी सलाह: डॉ राजेंद्र सिंह ने मौके पर मौजूद दुमका के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला को यह सलाह दी कि आप पूरे जिले भर के जो जल स्रोत और जलाशय हैं उनकी सूची बनाकर उसे चिन्हित करें और उसे समृद्ध करें.