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व्यक्ति ने स्कूल को बनाया अपना 'घर', क्लास में रहते हैं मवेशी

दुमका में शिक्षा विभाग की लापरवाही का एक बड़ा नमूना देखने को मिल रहा है. देवान सोरेन नाम के एक ग्रामीण ने बंद पड़े एक स्कूल को कई सालों से अपना घर बना के रखा है. हालांकि गांववाले चाहते हैं कि एक बार फिर से स्कूल को बच्चों के लिए खोल दिया जाए.

Dewan Soren
देवान सोरेन
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Published : Mar 12, 2020, 11:30 AM IST

दुमका: झारखंड सरकार के शिक्षा विभाग की लापरवाही का एक बड़ा नमूना दुमका में देखा जा सकता है. बता दें कि एक सरकारी विद्यालय में एक परिवार करीब एक साल से प्राथमिक विद्यालय को अपना घर बना लिया है और इस बात की जानकारी जिला प्रशासन को बिल्कुल भी नहीं है.

देखें पूरी खबर

जरमुंडी प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय नया फेटका को कुछ माह पहले दूसरे विद्यालय में मर्ज कर दिया था. ऐसे में गांव के देवान सोरेन अब अपने परिवार के साथ इसी विद्यालय में रहते हैं. उनका कहना है मेरे ही जमीन पर यह स्कूल बना है, अनाज और घर का अन्य सामान भी यही रखते हैं.

देवान सोरेन का कहना है कि जब स्कूल बंद हो गया तो वह अब इसी में रहने लगे और यह उनका ही जमीन पर विद्यालय बना है. वह कहते हैं कि अपने बैल वगैरह को भी इसी में रखते है. उनका कहना है कि यहां किसी अधिकारी न आया और न कभी खाली करने की बात कही. इधर गांव वालों का कहना है भी यही है कि देवान इसी में रहता है लेकिन गांव वालों की मांग यह भी है कि स्कूल को फिर से चालू करा दिया जाता तो बढ़िया होता.

ये भी देखें- सरकार बदलते ही हटने लगे भाजपाइयों के बॉडीगार्ड, 50 से अधिक के बॉडीगार्ड हटे

इस संबंध में उप विकास आयुक्त शेखर जमुआर ने कहा कि तत्काल जरमुंडी प्रखंड बीडीओ को निर्देशित किया है कि उस विद्यालय में जाकर उसकी स्थिति का रिपोर्ट कीजिए. इसके साथ ही साथ आयुक्त ने कहा कि उस सरकारी विद्यालय को खाली कराकर यह सुनिश्चित कराया जाएगा कि सरकारी काम ही विद्यालय भवन में हो.

दुमका: झारखंड सरकार के शिक्षा विभाग की लापरवाही का एक बड़ा नमूना दुमका में देखा जा सकता है. बता दें कि एक सरकारी विद्यालय में एक परिवार करीब एक साल से प्राथमिक विद्यालय को अपना घर बना लिया है और इस बात की जानकारी जिला प्रशासन को बिल्कुल भी नहीं है.

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जरमुंडी प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय नया फेटका को कुछ माह पहले दूसरे विद्यालय में मर्ज कर दिया था. ऐसे में गांव के देवान सोरेन अब अपने परिवार के साथ इसी विद्यालय में रहते हैं. उनका कहना है मेरे ही जमीन पर यह स्कूल बना है, अनाज और घर का अन्य सामान भी यही रखते हैं.

देवान सोरेन का कहना है कि जब स्कूल बंद हो गया तो वह अब इसी में रहने लगे और यह उनका ही जमीन पर विद्यालय बना है. वह कहते हैं कि अपने बैल वगैरह को भी इसी में रखते है. उनका कहना है कि यहां किसी अधिकारी न आया और न कभी खाली करने की बात कही. इधर गांव वालों का कहना है भी यही है कि देवान इसी में रहता है लेकिन गांव वालों की मांग यह भी है कि स्कूल को फिर से चालू करा दिया जाता तो बढ़िया होता.

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इस संबंध में उप विकास आयुक्त शेखर जमुआर ने कहा कि तत्काल जरमुंडी प्रखंड बीडीओ को निर्देशित किया है कि उस विद्यालय में जाकर उसकी स्थिति का रिपोर्ट कीजिए. इसके साथ ही साथ आयुक्त ने कहा कि उस सरकारी विद्यालय को खाली कराकर यह सुनिश्चित कराया जाएगा कि सरकारी काम ही विद्यालय भवन में हो.

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