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ईवीएम स्ट्रांग रूम में सील, मतों की गिनती की तैयारियों में जुटा प्रशासन

दुमका के इंजीनियरिंग कॉलेज में स्ट्रांग रूम बनाया गया है. जहां उपायुक्त ने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर उनकी मौजूदगी में ईवीएम के कमरों को सील कर दिया.

उपायुक्त ने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की.
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Published : May 20, 2019, 9:30 PM IST

दुमका: जिले में शानदार 73% से अधिक वोटिंग होने के बाद प्रशासन मतों की गिनती की तैयारियों में जुट गया है. जिसके लिए दुमका इंजीनियरिंग कॉलेज में स्ट्रांग रूम बनाया गया है. वहीं, सोमवार को उपायुक्त ने राजनीतिक दलों की मौजूदगी में ईवीएम के कमरों में सील कर दिया, साथ ही उन्होंने सभी दलों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक भी की.

देखे पूरा वीडियो

73% से अधिक मतदान उत्साहवर्द्धक
बता दें कि दुमका लोकसभा में 2014 के चुनाव में 71 % मतदान हुआ था, लेकिन इस बार 73 % से अधिक मतदान हुआ जो काफी उत्साहवर्द्धक कहा जा सकता है. अगर विधानसभा स्तर पर वोट प्रतिशत की बात करें तो शिकारीपाड़ा में 75 %, नाला में 76 %, 71 %, जामताड़ा में 72 %, दुमका में 70%, जामा में 71 % और सारठ में 75% हुआ था. लेकिन ये आंकड़े बताते हैं कि दुमका में हुए लोकतंत्र के इस महापर्व में लोगों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया है.

झामुमो और शिबू सोरेन का गढ़ रहा है दुमका
झारखण्ड का दुमका लोकसभा सीट झामुमो का गढ़ माना जाता है. यहां से शिबू सोरेन ने आठ बार जीत दर्ज की है. लेकिन यह संयोग की बात है कि लगातार तीसरी बार शिबू सोरेन के सामने भाजपा के सुनील सोरेन हैं. जबकि पिछले दो मुकाबले में शिबू सोरेन ने सुनील सोरेन को हराया है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार गुरुजी अपना किला बचा पाने में सफल होते हैं या फिर सांसद के रूप में सुनील सोरेन का खाता खुलने वाला है.

झारखण्ड सरकार की दो मंत्री की भी प्रतिष्ठा दांव पर
दुमका चुनाव का परिणाम पर झारखंड सरकार के दो मंत्री डॉ. लुईस मराण्डी और रणधीर सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर है. वहीं, एक दुमका तो दूसरा सारठ से विधायक हैं. इन दोनों के विषय में यह सुना गया की दोनों मंत्री को अपने-अपने क्षेत्र से लीड करने की जिम्मेदारी मिली थी. अब चुनाव परिणाम ही बतायेगा कि दोनों ने कितनी गंभीरता दिखाई है और जनता इनके किये गए कार्यों को कितना हद तक पसंद किये हैं.

दुमका: जिले में शानदार 73% से अधिक वोटिंग होने के बाद प्रशासन मतों की गिनती की तैयारियों में जुट गया है. जिसके लिए दुमका इंजीनियरिंग कॉलेज में स्ट्रांग रूम बनाया गया है. वहीं, सोमवार को उपायुक्त ने राजनीतिक दलों की मौजूदगी में ईवीएम के कमरों में सील कर दिया, साथ ही उन्होंने सभी दलों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक भी की.

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73% से अधिक मतदान उत्साहवर्द्धक
बता दें कि दुमका लोकसभा में 2014 के चुनाव में 71 % मतदान हुआ था, लेकिन इस बार 73 % से अधिक मतदान हुआ जो काफी उत्साहवर्द्धक कहा जा सकता है. अगर विधानसभा स्तर पर वोट प्रतिशत की बात करें तो शिकारीपाड़ा में 75 %, नाला में 76 %, 71 %, जामताड़ा में 72 %, दुमका में 70%, जामा में 71 % और सारठ में 75% हुआ था. लेकिन ये आंकड़े बताते हैं कि दुमका में हुए लोकतंत्र के इस महापर्व में लोगों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया है.

झामुमो और शिबू सोरेन का गढ़ रहा है दुमका
झारखण्ड का दुमका लोकसभा सीट झामुमो का गढ़ माना जाता है. यहां से शिबू सोरेन ने आठ बार जीत दर्ज की है. लेकिन यह संयोग की बात है कि लगातार तीसरी बार शिबू सोरेन के सामने भाजपा के सुनील सोरेन हैं. जबकि पिछले दो मुकाबले में शिबू सोरेन ने सुनील सोरेन को हराया है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार गुरुजी अपना किला बचा पाने में सफल होते हैं या फिर सांसद के रूप में सुनील सोरेन का खाता खुलने वाला है.

झारखण्ड सरकार की दो मंत्री की भी प्रतिष्ठा दांव पर
दुमका चुनाव का परिणाम पर झारखंड सरकार के दो मंत्री डॉ. लुईस मराण्डी और रणधीर सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर है. वहीं, एक दुमका तो दूसरा सारठ से विधायक हैं. इन दोनों के विषय में यह सुना गया की दोनों मंत्री को अपने-अपने क्षेत्र से लीड करने की जिम्मेदारी मिली थी. अब चुनाव परिणाम ही बतायेगा कि दोनों ने कितनी गंभीरता दिखाई है और जनता इनके किये गए कार्यों को कितना हद तक पसंद किये हैं.

Intro:दुमका - दुमका में शानदार 73% से अधिक वोटिंग होने के प्रशासन मतों की गिनती की तैयारियों में जुट गया है । दुमका इंजीनियरिंग कॉलेज में स्ट्रांग रूम बनाया गया है । जहाँ आज उपायुक्त ने राजनीतिक दलों की मौजूदगी में ईवीएम के कमरों को सील किया । साथ ही उन्होंने सभी दलों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक भी की ।


Body:73% से अधिक मतदान उत्साहवर्द्धक ।
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दुमका लोकसभा में 2014 के चुनाव में 71 % मतदान हुआ था । इस बार 73 % से अधिक मतदान काफी उत्साहवर्द्धक कहा जा सकता है । अगर विधानसभा स्तर पर वोट प्रतिशत की बात करें तो शिकारीपाड़ा में 75 % , नाला में 76 % , 71 % , जामताड़ा में 72 % , दुमका में 70% जामा में 71 % और सारठ में 75% . ये आंकड़े बताते हैं दुमका में हुए लोकतंत्र के इस महापर्व में लोगों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया है ।


Conclusion:झामुमो और शिबू सोरेन का गढ़ रहा है दुमका ।
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झारखण्ड का दुमका लोकसभा सीट झामुमो का गढ़ माना जाता है । यहाँ से शिबू सोरेन ने आठ बार जीत दर्ज की है । यह संयोग है कि लगातार तीसरी बार शिबू सोरेन के सामने भाजपा के सुनील सोरेन हैं । पिछले दो मुकाबले में शिबू सोरेन ने सुनील सोरेन को हराया है । ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार गुरुजी अपना किला बचा पाने में सफल होते हैं या फिर सांसद के रूप में सुनील सोरेन का खाता खुलेगा ।

झारखण्ड सरकार की दो मंत्री की भी प्रतिष्ठा दांव पर ।
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दुमका चुनाव का परिणाम पर झारखण्ड सरकार के दो मंत्री डॉ लुईस मराण्डी और रणधीर सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर है । एक दुमका तो दूसरा सारठ से विधायक हैं । इन दोनों के विषय मे यह सुना गया को दोनों मंत्री को अपने अपने क्षेत्र से लीड कराने की जिम्मेदारी मिली थी । अब चुनाव परिणाम ही यह बतायेगा कि दोनों ने कितनी गम्भीरता दिखाई और जनता इनके किये गए कार्यों को कितनी पसंद की ।
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