दुमका: जिले में शानदार 73% से अधिक वोटिंग होने के बाद प्रशासन मतों की गिनती की तैयारियों में जुट गया है. जिसके लिए दुमका इंजीनियरिंग कॉलेज में स्ट्रांग रूम बनाया गया है. वहीं, सोमवार को उपायुक्त ने राजनीतिक दलों की मौजूदगी में ईवीएम के कमरों में सील कर दिया, साथ ही उन्होंने सभी दलों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक भी की.
73% से अधिक मतदान उत्साहवर्द्धक
बता दें कि दुमका लोकसभा में 2014 के चुनाव में 71 % मतदान हुआ था, लेकिन इस बार 73 % से अधिक मतदान हुआ जो काफी उत्साहवर्द्धक कहा जा सकता है. अगर विधानसभा स्तर पर वोट प्रतिशत की बात करें तो शिकारीपाड़ा में 75 %, नाला में 76 %, 71 %, जामताड़ा में 72 %, दुमका में 70%, जामा में 71 % और सारठ में 75% हुआ था. लेकिन ये आंकड़े बताते हैं कि दुमका में हुए लोकतंत्र के इस महापर्व में लोगों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया है.
झामुमो और शिबू सोरेन का गढ़ रहा है दुमका
झारखण्ड का दुमका लोकसभा सीट झामुमो का गढ़ माना जाता है. यहां से शिबू सोरेन ने आठ बार जीत दर्ज की है. लेकिन यह संयोग की बात है कि लगातार तीसरी बार शिबू सोरेन के सामने भाजपा के सुनील सोरेन हैं. जबकि पिछले दो मुकाबले में शिबू सोरेन ने सुनील सोरेन को हराया है. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार गुरुजी अपना किला बचा पाने में सफल होते हैं या फिर सांसद के रूप में सुनील सोरेन का खाता खुलने वाला है.
झारखण्ड सरकार की दो मंत्री की भी प्रतिष्ठा दांव पर
दुमका चुनाव का परिणाम पर झारखंड सरकार के दो मंत्री डॉ. लुईस मराण्डी और रणधीर सिंह की प्रतिष्ठा दांव पर है. वहीं, एक दुमका तो दूसरा सारठ से विधायक हैं. इन दोनों के विषय में यह सुना गया की दोनों मंत्री को अपने-अपने क्षेत्र से लीड करने की जिम्मेदारी मिली थी. अब चुनाव परिणाम ही बतायेगा कि दोनों ने कितनी गंभीरता दिखाई है और जनता इनके किये गए कार्यों को कितना हद तक पसंद किये हैं.