दुमका: ईटीवी भारत हमेशा समाज के असहाय जरूरतमंदों की आवाज बनकर उनकी समस्या का समाधान करता है. ऐसे में एक बार फिर से ईटीवी भारत ने अपने सरोकार को निभाया है. दुमका के सिद्धो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली साहिबगंज और पाकुड़ की चार छात्राएं दुमका के कड़हलबिल गांव में किराए के कमरे में रह रही थी. वह लॉकडाउन में अपने घर नहीं जा सकी और उसका राशन - पैसा सब कुछ समाप्त हो गया था. इस खबर को ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया, जिसके बाद चारों छात्राओं को मदद पहुंची.
मदद के लिए बढ़े कई हाथ
ईटीवी भारत पर जैसे ही यह खबर प्रकाशित हुई, वैसे ही कई लोग चारों की मदद के लिए सामने आए. स्थानीय लोगों ने उनके घर खाद्यान्न के साथ-साथ अन्य जरूरत के सामान पहुंचाना शुरू कर दिया. चूंकि मामला स्टूडेंटस का था इसलिए छात्र संगठन भी मदद के लिए सामने आया. सीसीएस नामक छात्र संगठन के सदस्य सबसे पहले अनाज और अन्य सामान लेकर उनके घर पहुंचे. इसके साथ ही कई अन्य लोगों ने भी अपने स्तर पर मदद की है.
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सब ने दिया ईटीवी भारत को धन्यवाद
राशन पाने के बाद छात्राओं ने ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि हम काफी मुश्किल में थे, जिसमें ईटीवी भारत ने हमारी मदद की. इधर उनको मदद करने वालों ने भी कहा कि इन छात्राओं की परेशानी आप के जरिए समाज तक पहुंची है. इस वजह से ही सभी को मदद पहुंच पाई है.
एसकेएम यूनिवर्सिटी के सिंडिकेट सदस्य ने भी ईटीवी भारत को दिया धन्यवाद
चारों छात्राएं सिद्धो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय की हैं. ये सभी कड़हलबिल गांव में रहती हैं. वहां के निवासी गुंजन मरांडी ने भी ईटीवी भारत को धन्यवाद देते हुए कहा कि इन छात्राओं की स्थिति काफी नाजुक थी, लेकिन खबर चलने के बाद इन्हें राहत मिली है.
हमारा आग्रह, बताएं अपनी परेशानी
इन छात्राओं के सामने भोजन की समस्या हो गई थी, लेकिन अब इनके पास पर्याप्त खाद्य सामग्री है. हमारा निवेदन है कि अगर ऐसे कोई भी जरूरतमंद हैं तो वह हम तक अपनी बात पहुंचाएं हम बनेंगे आपकी आवाज.