दुमका: कोरोना की वजह से झारखंड में लंबे समय से स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह चल रहा है. इस दौरान कई ऐसे रोजगार हैं, जो बंद हो चुके हैं, जिससे लोगों के सामने रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है. वे ईश्वर से प्रार्थना कर रहे हैं, कि जल्द इस महामारी से मुक्ति मिले, ताकि जीवन यापन सही तरीके से चल सके.
इसे भी पढे़ं: लॉकडाउन में कोलकाता से बस की आवाजाही बंद हुई तो बढ़ गए फल के दाम, सेब हुआ लाल, अनार-नारंगी भी सुर्ख
लोगों के रोजगार पर कोरोना का दुष्प्रभाव
कोरोना महामारी की वजह से पिछले कई सप्ताह से झारखंड में मिनी लॉकडाउन लगा है. इससे आवश्यक सेवाओं को छोड़ लगभग सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद है, या निर्धारित समय के लिए खुल रहा है. इस वजह से कई ऐसे काम धंधे बंद हैं. मिट्टी के सामानों को बनाने वाले कुम्हार समाज का काम भी बंद है. दुमका में लगभग पांच सौ लोग मिट्टी के सामान बनाने का कार्य करते हैं. ये लोग सालोंभर मिट्टी का प्याला बनाते हैं और बेचते हैं, लेकिन पर लॉकडाउन में चाय दुकान को खोलने की इजाजत नहीं है. पूरे शहर के साथ-साथ जिले की चाय दुकान बंद है, जिसके कारण कुम्हार का बनाया प्याला नहीं बिक रहा है. मिट्टी कारोबार से जुड़े लोगों की आर्थिक स्थिति कमजोर होते जा रही है.
इसे भी पढे़ं: किफायती आवास परियोजना: गरीबों को जल्द मिलेगा सपनों का घर, दुमका में 160 फ्लैट का निर्माण
कोरोना महामारी दूर करने की ईश्वर से प्रार्थना
दुमका सदर प्रखंड के दुधानी पंचायत के रहने वाले मनोज पंडित से ने बताया कि मिट्टी के बर्तनों की बिक्री अच्छी है, हमने अपने कार्य में सहयोग के लिए 10 लोगों को अपने घर में रोजगार दिया था, लेकिन जब से लॉकडाउन लगा है उसके बाद से काम करने के लिए रखे 10 लोगों को घर वापस भेज दिया है, इस समय कारोबार चौपट है, जिसके कारण आर्थिक स्थित कमजोर होने लगी है. मनोज पंडित भगवान से जल्द कोरोना महामारी खत्म करने की प्रार्थना कर रहे हैं.
स्थिति में हो रहा है सुधार
झारखंड में कोरोना के केस लगातार घट रहे हैं. 10 मई को मौजूदा लॉकडाउन का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. उम्मीद की जा रही है कि अब धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो जाएगी, जिसके बाद आम लोगों की भी जिंदगी पटरी पर आने लगेगी.