दुमका: भीषण गर्मी की वजह से मयूराक्षी नदी का जलस्तर कम होता जा रहा है. मयूराक्षी नदी से शहरी और ग्रामीण दोनों जगहों की पेयजलापूर्ति होती है. ऐसे में लोगों को जलसंकट से जुझना पड़ सकता है. गौरतलब है कि मयूराक्षी नदी पर बने मसानजोर डैम का जलस्तर 367 फीट तक पहुंच गया है. जलस्तर 360 तक पहुंचने के बाद जलापूर्ति बाधित होने की आशंका बढ़ जाएगी.
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दुमका के उप विकास आयुक्त अभिजीत सिन्हा ने कहा कि इस मामले को लेकर जल्द ही पेयजल विभाग, सिंचाई विभाग और नगर परिषद के अधिकारी के साथ विचार कर कोई हल निकाला जाएगा. गौरतलब है कि मसानजोर डैम पर भले ही पश्चिम बंगाल का स्वामित्व है, लेकिन झारखंड सरकार इसी से लोगों को पेयजल उपलब्ध कराती है. वर्तमान समय में मसानजोर डैम से दुमका शहरी जलापूर्ति सहित आधा दर्जन गांव जलापूर्ति योजना पर निर्भर है. डैम का जो रिजर्व वाटर क्षेत्र दूर-दूर तक अलग-अलग क्षेत्रों में फैला है, उसमें इंटेक वेल बनाकर उससे जलापूर्ति की योजना संचालित हो रही है. इसमें दुमका शहरी जलापूर्ति के लिए सदर प्रखंड के बास्कीचक गांव में इंटेक वेल बनाया गया है.
बास्कीचक गांव में ही एक और इंटेक वेल है जिससे ग्रामीण जलापूर्ति योजना संचालित है, जिससे लगभग 15 गांव को पानी दिया जा रहा है. वहीं सदर प्रखंड के धाज़ापाड़ा, पारशिमला, रानीबहाल, महेशबथान और मसलिया प्रखण्ड के कोलारकोन्दा और शीतपहाड़ी गांव में भी इंटेक वेल बनाए गए हैं. इन सभी से लगभग एक सौ गांव में पीने का पानी पहुंचता है. कुल मिलाकर कहे तो मयूराक्षी नदी के पानी पर ही दुमका में शहरी और ग्रामीण जलापूर्ति योजना निर्भर है और उसका पानी लगातार कम होता जा रहा है.