दुमका: आज झारखंड पुलिस खुद को आधुनिक और समय के अनुसार अपडेट करने का दावा करती है. लेकिन दुमका के थानों की स्थिति देखकर किसी का भी भ्रम टूट सकता है, क्योंकि यहां आज भी पुलिस खपरैल और जर्जर भवन से ही शहर में क्राइम कंट्रोल करती है.
इधर, टाउन थाना की स्थिति तो और भी गंभीर है, क्योंकि उपराजधानी का टाउन थाना अब भी खपरैल मकान में ही चल रहा है. यहां सबकुछ केवल कामचलाउ है. चाहे वह लोगों के रिपोर्ट दर्ज करने का सिरिस्ता हो या फिर लॉकअप. आगन्तुक कक्ष की बात करना भी यहां बेमानी होगी.
परेशान हैं ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मी
थानों की जर्जर हालत से पुलिसकर्मी परेशान है. अनुसूचित जाति जनजाति थाना प्रभारी का कहना है कि यहां काम करने में काफी समस्या आती है. उन्होंने कहा कि इसकी शिकायत पर एसपी वाई एस से भी की है. वहीं, जिले के एसपी का कहना है कि सभी थाने जो पुराने और जर्जर हो चुके हों उनके निर्माण का प्रस्ताव भेजा गया है. आने वाले वित्तीय वर्ष में इसके निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा.