दुमकाः जिला प्रशासन के अवैध पत्थर कारोबार पर कार्रवाई करते हुए 65 क्रशर प्लांट को ध्वस्त किया. साथ ही आठ कारोबारियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज किया गया. प्रशासन की इस कार्रवाई से इलाके में हड़कंप है.
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जिला के शिकारीपाड़ा प्रखंड में वर्षों से चल रहे पत्थर के अवैध कारोबार (illegal stone business in Dumka) पर बड़ी कार्रवाई हुई है. जिला प्रशासन के द्वारा बनाई गयी 15 टीम द्वारा बिना वैध कागजात वाले 65 स्टोन क्रशर प्लांट को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया. इसके साथ ही 8 लोगों के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज कराया गया है. शनिवार सुबह ही शिकारीपाड़ा के पत्थर औद्योगिक क्षेत्र में जिला प्रशासन की दर्जनों गाड़ियां कार्रवाई के लिए पहुंच गयी. इस कार्रवाई के लिए 15 टीम का गठन किया गया, हर टीम में 11 लोग शामिल रहे.
इसके बाद सभी टीम अलग अलग एरिया में चली गयी. उनके द्वारा क्रशर प्लांट संचालकों से कागजात की डिमांड की गयी. कागजात में कमी पाते ही प्लांट को बुलडोजर से ध्वस्त करना शुरू कर दिया गया. इसके साथ ही कई ऐसे भी संचालक थे जो जांच टीम को देख मौके से फरार हो गए, वैसे क्रशर प्लांट को भी ध्वस्त किया गया. यह कार्रवाई एसडीएम महेश्वर महतो के नेतृत्व में चला. उनके साथ एसडीपीओ, डीएफओ, डीएमओ सहित प्रशासन और पुलिस के कई पदाधिकारी मौजूद रहे.
देर शाम दुमका के उपायुक्त रविशंकर शुक्ला भी मौके पर पहुंच गए. उन्होंने कार्रवाई की समीक्षा की और फिर शिकारीपाड़ा रेलवे रैक प्वाइंट पहुंचे. जहां से पत्थरों को मालगाड़ी में भरकर राज्य के कई इलाकों में भेजा जाता है वहां उन्होंने वहां आवश्यक जांच पड़ताल की. इस पूरी कार्रवाई में चार हाईवा और एक पोकलेन भी जब्त किया गया है. इसके साथ ही अवैध क्रशर संचालकों पर एफआईआर भी दर्ज हुआ है.
पत्थर माफिया के हौसले होंगे पस्तः एक साथ 65 क्रशर प्लांट पर बुलडोजर चलने से एक तरफ पत्थर माफियाओं के हौसले चकनाचूर होंगे. वहीं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जो इस तरह के काला कारोबार पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं उसे अमलीजामा पहनाया जा सकेगा. यहां एक और कार्रवाई की बात करें तो शुक्रवार को दुमका के शिकारीपाड़ा के वन क्षेत्र में लगभग 300 टन कोयला जब्त किया गया था, जिसमें 29 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है.