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दुमका में लगातार तेज आंधी और बारिश के कारण फसल बर्बाद, किसान परेशान

दुमका में तेज आंधी और बारिश के कारण खेत में लगे मकई के फसल बर्बाद हो गए. किसानों ने कहा कि लगातार हो रही बारिश के कारण बहुत नुकसान हुआ है.

Crop wasted due to rain in Dumka
तेज आंधी और बारिश के कारण फसल हुई बर्बाद
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Published : Apr 27, 2020, 11:45 AM IST

दुमका: उपराजधानी में पिछले एक सप्ताह में कई बार तेज आंधी और बारिश होने से किसानों को काफी नुकसान पहुंचा है. खासतौर पर जिले के जरमुंडी प्रखंड के कई गांव में मकई की जो फसल लगी हुई थी वो खेत में ही गिर गये.

तेज आंधी और बारिश के कारण फसल हुई बर्बाद

किसानों का कहना है कि बारिश के कारण सभी फसलें बर्बाद हो रही हैं. उन्होंने कहा कि अब उस मकई के पौधों को पशुओं का चारा बनाने के लिए काटकर खेत से हटा रहे हैं. उनका कहना है इसे खेत से नहीं हटाएंगे, तो यह चारा के भी लायक नहीं रहेगा. इधर, बहुत सारे किसानों ने 1 महीने पहले ही मकई का बीज लगाया था. उनका पौधा लगभग 2 फीट का हो चुका था, लेकिन लगातार बारिश की वजह से सभी पौधें बर्बाद हो गए.

ये भी पढ़ें- गढ़वा में 2 बच्चे पाए गए कोरोना पॉजिटिव, कार्रवाई में जुटा प्रशासन

किसानों का कहना है कि काफी मेहनत से इसे लगाया था और हमारा काफी नुकसान हुआ है. वह झारखंड सरकार से मदद की अपेक्षा रख रहे हैं. किसानों को इस बेमौसम बारिश से जो नुकसान हुआ उसे देखने के लिए जरमुंडी के जिला परिषद सदस्य जयप्रकाश मंडल जो खुद प्रगतिशील किसान हैं और उन्हें राज्य सरकार ने पिछले वर्ष इजराइल भी भेजा था. उन्होंने गांव-गांव जाकर किसानों की फसलों का हाल देखा. किसानों ने कहा कि स्थिति काफी दयनीय है. खासतौर पर लगातार मौसम की बेरुखी ने उन्हें तोड़ कर रख दिया है. राज्य सरकार के स्तर पर कोई निर्णय लेकर इन्हें मदद पहुंचाने की आवश्यकता है. हालांकि वर्तमान में झारखंड सरकार कोरोना संक्रमण, लॉकडाउन से जूझ रही है. लेकिन थोड़ा समय इन परेशान किसानों के लिए भी निकाल कर इनको राहत देने की पहल करनी चाहिए.

दुमका: उपराजधानी में पिछले एक सप्ताह में कई बार तेज आंधी और बारिश होने से किसानों को काफी नुकसान पहुंचा है. खासतौर पर जिले के जरमुंडी प्रखंड के कई गांव में मकई की जो फसल लगी हुई थी वो खेत में ही गिर गये.

तेज आंधी और बारिश के कारण फसल हुई बर्बाद

किसानों का कहना है कि बारिश के कारण सभी फसलें बर्बाद हो रही हैं. उन्होंने कहा कि अब उस मकई के पौधों को पशुओं का चारा बनाने के लिए काटकर खेत से हटा रहे हैं. उनका कहना है इसे खेत से नहीं हटाएंगे, तो यह चारा के भी लायक नहीं रहेगा. इधर, बहुत सारे किसानों ने 1 महीने पहले ही मकई का बीज लगाया था. उनका पौधा लगभग 2 फीट का हो चुका था, लेकिन लगातार बारिश की वजह से सभी पौधें बर्बाद हो गए.

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किसानों का कहना है कि काफी मेहनत से इसे लगाया था और हमारा काफी नुकसान हुआ है. वह झारखंड सरकार से मदद की अपेक्षा रख रहे हैं. किसानों को इस बेमौसम बारिश से जो नुकसान हुआ उसे देखने के लिए जरमुंडी के जिला परिषद सदस्य जयप्रकाश मंडल जो खुद प्रगतिशील किसान हैं और उन्हें राज्य सरकार ने पिछले वर्ष इजराइल भी भेजा था. उन्होंने गांव-गांव जाकर किसानों की फसलों का हाल देखा. किसानों ने कहा कि स्थिति काफी दयनीय है. खासतौर पर लगातार मौसम की बेरुखी ने उन्हें तोड़ कर रख दिया है. राज्य सरकार के स्तर पर कोई निर्णय लेकर इन्हें मदद पहुंचाने की आवश्यकता है. हालांकि वर्तमान में झारखंड सरकार कोरोना संक्रमण, लॉकडाउन से जूझ रही है. लेकिन थोड़ा समय इन परेशान किसानों के लिए भी निकाल कर इनको राहत देने की पहल करनी चाहिए.

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