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शिबू सोरेन के नाम पर होगा झारखंड के सबसे लंबे पुल का नामकरण, सीएम हेमंत सोरेन ने की घोषणा

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Oct 30, 2023, 8:20 PM IST

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मयूराक्षी नदी पर बने राज्य के सबसे लंबे पुल का उद्घाटन कर दिया. इस पुल का नाम शिबू सोरेन के नाम पर रखा जायेगा. उद्घाटन समारोह में सीएम ने मंच इसकी घोषणा की है. Jharkhand longest bridge named after Shibu Soren.

Jharkhand longest bridge named after Shibu Soren.
Jharkhand longest bridge named after Shibu Soren.
शिबू सोरेन के नाम पर होगा झारखंड के सबसे लंबे पुल का नामकरण

दुमका: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को राज्य के सबसे लंबे पुल का उद्घाटन किया. इस पुल का निर्माण मयूराक्षी नदी पर किया गया है. उद्घाटन समारोह में ही सीएम ने मंच से घोषणा की कि पुल का नाम शिबू सोरेन के नाम पर रखा जायेगा. इस पुल का निर्माण 198.11 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है. इसकी लंबाई 2.34 किलोमीटर है. इसका निर्माण झारखंड राज्य राजमार्ग प्राधिकार द्वारा किया गया है.

यह भी पढ़ें: झारखंड के सबसे लंबे पुल का मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे उद्घाटन, 200 करोड़ की लागत से मयूराक्षी नदी पर हुआ है निर्माण

इस पुल में कुल 52 स्पैन हैं. इसकी चौड़ाई 16 मीटर है, लेकिन पुल के बीच में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए आठ स्पेन में पुल की चौड़ाई 30 मीटर तक बढ़ा दी गई है. इस पुल से एक ओर मयूराक्षी नदी की कल-कल करती धारा तो दूसरी ओर मसानजोर पर्वतमालाओं का नयनाभिराम दृश्य पर्यटकों को काफी लुभायेगा.

मंत्री बादल पत्रलेख सहित कई जनप्रतिनिधि थे मौजूद: राज्य के सबसे लंबे पुल के उद्घाटन के मौके पर राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, राजमहल सांसद विजय हांसदा, शिकारीपाड़ा विधायक नलिन सोरेन, जामा विधायक सीता सोरेन भी मौजूद थी. यहां खास बात यह रही कि विधायक बसंत सोरेन जिनके विधानसभा क्षेत्र में यह ब्रिज बनकर तैयार हुआ है, वे इस कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे. इसके साथ सरकार के कई विभागों के सचिव और पथ निर्माण विभाग के वरीय अभियंता भी मौजूद थे. इस पुल का शिलान्यास 2018 में रघुवर सरकार के समय हुआ था.

लोगों को लंबे समय से पुल के निर्माण का था इंतजार: बता दें कि 1950 के दशक में जब मयूराक्षी नदी पर मसानजोर बांध का निर्माण हुआ था तो कई गांव जिला मुख्यालय से कट गये थे. लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा लेकिन अब वे फिर से जिला मुख्यालय से सीधे जुड़ जायेंगे. जिला मुख्यालय की दूरी 10 किलोमीटर कम हो जायेगी.

इस पुल के निर्माण से मकरमपुर, काला बगान, कोलारकोंडा, आसनपानी, धरमपुर, सिन्दूरपुर, छुआपानी, राजपाड़ा समेत रानीश्वर प्रखंड के दर्जनों गांवों के हजारों लोगों को काफी फायदा होगा. इसके साथ ही यह पश्चिम बंगाल को जोड़ने का नया वैकल्पिक मार्ग बन गया. इससे दुमका शहर के लोगों के लिए सिउड़ी, आसनसोल, शांतिनिकेतन की दूरी भी कम हो जायेगी. इससे कृषि, पर्यटन, रोजगार और शिक्षा के क्षेत्र में सभी को लाभ होगा. इस पुल के अलावा मुख्यमंत्री ने दुमका में 132 करोड़ रुपये की लागत वाली 23 सड़क योजनाओं का भी शिलान्यास और उद्घाटन किया.

केन्द्र सरकार पर साधा निशाना: लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार लोगों के सर्वांगीण विकास के लिए दिन-रात काम कर रही है. ये पुल आपके लिए तैयार था जो बनकर तैयार था. आज हम आपके लिए और भी कुछ करना चाहते हैं लेकिन हमें केंद्र सरकार से सहयोग नहीं मिल रहा है. केंद्र सरकार झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. हमने अबुआ आवास देने की घोषणा की है जो पीएम आवास से भी बेहतर है. सभी जरूरतमंदों को पेंशन योजना से जोड़ा जा रहा है

शिबू सोरेन के नाम पर होगा झारखंड के सबसे लंबे पुल का नामकरण

दुमका: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को राज्य के सबसे लंबे पुल का उद्घाटन किया. इस पुल का निर्माण मयूराक्षी नदी पर किया गया है. उद्घाटन समारोह में ही सीएम ने मंच से घोषणा की कि पुल का नाम शिबू सोरेन के नाम पर रखा जायेगा. इस पुल का निर्माण 198.11 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है. इसकी लंबाई 2.34 किलोमीटर है. इसका निर्माण झारखंड राज्य राजमार्ग प्राधिकार द्वारा किया गया है.

यह भी पढ़ें: झारखंड के सबसे लंबे पुल का मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन करेंगे उद्घाटन, 200 करोड़ की लागत से मयूराक्षी नदी पर हुआ है निर्माण

इस पुल में कुल 52 स्पैन हैं. इसकी चौड़ाई 16 मीटर है, लेकिन पुल के बीच में पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए आठ स्पेन में पुल की चौड़ाई 30 मीटर तक बढ़ा दी गई है. इस पुल से एक ओर मयूराक्षी नदी की कल-कल करती धारा तो दूसरी ओर मसानजोर पर्वतमालाओं का नयनाभिराम दृश्य पर्यटकों को काफी लुभायेगा.

मंत्री बादल पत्रलेख सहित कई जनप्रतिनिधि थे मौजूद: राज्य के सबसे लंबे पुल के उद्घाटन के मौके पर राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख, राजमहल सांसद विजय हांसदा, शिकारीपाड़ा विधायक नलिन सोरेन, जामा विधायक सीता सोरेन भी मौजूद थी. यहां खास बात यह रही कि विधायक बसंत सोरेन जिनके विधानसभा क्षेत्र में यह ब्रिज बनकर तैयार हुआ है, वे इस कार्यक्रम में मौजूद नहीं थे. इसके साथ सरकार के कई विभागों के सचिव और पथ निर्माण विभाग के वरीय अभियंता भी मौजूद थे. इस पुल का शिलान्यास 2018 में रघुवर सरकार के समय हुआ था.

लोगों को लंबे समय से पुल के निर्माण का था इंतजार: बता दें कि 1950 के दशक में जब मयूराक्षी नदी पर मसानजोर बांध का निर्माण हुआ था तो कई गांव जिला मुख्यालय से कट गये थे. लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा लेकिन अब वे फिर से जिला मुख्यालय से सीधे जुड़ जायेंगे. जिला मुख्यालय की दूरी 10 किलोमीटर कम हो जायेगी.

इस पुल के निर्माण से मकरमपुर, काला बगान, कोलारकोंडा, आसनपानी, धरमपुर, सिन्दूरपुर, छुआपानी, राजपाड़ा समेत रानीश्वर प्रखंड के दर्जनों गांवों के हजारों लोगों को काफी फायदा होगा. इसके साथ ही यह पश्चिम बंगाल को जोड़ने का नया वैकल्पिक मार्ग बन गया. इससे दुमका शहर के लोगों के लिए सिउड़ी, आसनसोल, शांतिनिकेतन की दूरी भी कम हो जायेगी. इससे कृषि, पर्यटन, रोजगार और शिक्षा के क्षेत्र में सभी को लाभ होगा. इस पुल के अलावा मुख्यमंत्री ने दुमका में 132 करोड़ रुपये की लागत वाली 23 सड़क योजनाओं का भी शिलान्यास और उद्घाटन किया.

केन्द्र सरकार पर साधा निशाना: लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारी सरकार लोगों के सर्वांगीण विकास के लिए दिन-रात काम कर रही है. ये पुल आपके लिए तैयार था जो बनकर तैयार था. आज हम आपके लिए और भी कुछ करना चाहते हैं लेकिन हमें केंद्र सरकार से सहयोग नहीं मिल रहा है. केंद्र सरकार झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है. हमने अबुआ आवास देने की घोषणा की है जो पीएम आवास से भी बेहतर है. सभी जरूरतमंदों को पेंशन योजना से जोड़ा जा रहा है

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