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कटीली झाड़ियों में तब्दील हो गया दुमका का बॉटनिकल गार्डन, प्रशासन ने मोड़ ली मुंह - दुमका की खबरें

1994 में विकसित हुआ दुमका के कुरुआ पहाड़ के बॉटनिकल गार्डन की रौनक अब खत्म हो गई है. कभी यहां रौनक बनी रहती थी. यहां झारखंड, बिहार और बंगाल के क्षेत्रों से पर्यटक घूमने आते थे, लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है. पहाड़ के ऊपर बने इस सृष्टि बॉटनिकल गार्डन में तरह-तरह के खूबसूरत पेड़-पौधे, रंग-बिरंगे फूल, शो ट्री और हर्बल ट्री लगाए गए थे, लेकिन अब इसकी जगह कटीली झाड़ियों ने ले ली है.

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कटीली झाड़ियों में तब्दील हो गया दुमका का बॉटनिकल गार्डन
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Published : Nov 30, 2020, 9:49 PM IST

दुमका: जिले के सदर प्रखंड के कुरुआ पहाड़ पर 1994 में बॉटनिकल गार्डन विकसित किया गया था. इसका उद्घाटन तात्कालीन केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामेश्वर ठाकुर ने किया था. पहाड़ के ऊपर बने इस सृष्टि बॉटनिकल गार्डन (वानस्पतिक उद्यान) में तरह-तरह के खूबसूरत पेड़-पौधे, रंग-बिरंगे फूल, शो ट्री और हर्बल ट्री लगाए गए थे. बाद में 2006 में झारखंड के तात्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने यहां बच्चों के लिए एक मनोरंजन पार्क का उद्घाटन किया था.

देखें स्पेशल खबर

दूरदराज से यहां आते थे पर्यटक

दुमका के कुरुआ पहाड़ के ऊपर स्थापित इस सृष्टि बॉटनीकल गार्डन को देखने दुमका ही नहीं, बल्कि झारखंड, बिहार और बंगाल के अगल-बगल क्षेत्रों के लोग भी आते थे, लेकिन पिछले एक दशक से दुमका प्रशासन इस खूबसूरत उद्यान के प्रति लापरवाह हो गया. प्रशासनिक उदासीनता की वजह से इसके रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया जाने लगा. पर्यटक निराश होने लगे और धीरे-धीरे यहां आना बंद कर दिया. अब तो यह बिल्कुल बदहाल हो चुका है. पहाड़ के ऊपर जहां काफी खूबसूरत तरीके से आकर्षक फूल और औषधीय पौधे लगाए गए थे, उसकी जगह अब कटीली झाड़ियों ने ले ली है. यहां मौजूद पत्थरों से बने जीव-जंतु टूट-फूट गए हैं.

ये भी पढ़ें-लालू यादव के कथित फोन कॉल पर जेल प्रशासन ने सौंपी रिपोर्ट, कटघरे में सुरक्षा अधिकारी

पहाड़ के ऊपर बना बूट हाउस और कैंटीन हुआ बेकार

लोगों को आकर्षित करने के उद्देश्य से पहाड़ के ऊपर जूते के आकार का एक मीनार बनाया गया था, जिसे बूट हाऊस के नाम जाना जाता था. उस पर चढ़कर लोग फोटो शूट कराते थे, साथ ही यहां एक कैंटीन भी बनाया गया था, जहां लोग स्वादिष्ट व्यंजन का आनंद लेते थे, लेकिन यह सब बीते दिनों की बात हो गई है. कैंटीन बंद हो चुका है और बूट हाउस देखने अब कोई नहीं आता है.

चली गई बॉटनिकल गार्डन की रौनक

यहां के ग्रामीणों का कहना है कि इसका शानदार इतिहास रहा है. वह एक शानदार वक्त था, जब कुरुआ पहाड़ पर सृष्टि बॉटनिकल गार्डन डेवलप किया गया था, लेकिन अब तो सब कुछ समाप्त हो गया. लगता ही नहीं, कि यह पार्क है. वे सरकार से इस दिशा में आवश्यक पहल की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि इसे फिर से सजाया संवारा जाए. ताकि, इसका रौनक फिर से लौटे और यह गुलजार नजर आए.

ये भी पढ़ें-भारत को सबसे पहले मिलेगी कोरोना वैक्सीन : अदार पूनावाला

सांसद सुनील सोरेन ने किया पार्क का निरीक्षण

दुमका सांसद सुनील सोरेन ने इस खूबसूरत कुरुआ पहाड़ के ऊपर स्थित बॉटनिकल गार्डन की स्थिति पर चिंता जताई. उनका कहना है कि यह बेहतर पर्यटन केंद्र था, लेकिन अब ऐसी स्थिति नहीं है. उन्होंने कहा कि वो इसे औषधीय पार्क के रूप में विकसित करेंगे. यहां आर्युवेदिक दवाओं का प्रयोगशाला स्थापित किया जाएगा, जहां आयुर्वेदिक औषधियों का ट्रेनिंग भी दिया जाएगा.

देखरेख के अभाव में नष्ट बॉटनिकल गार्डन

दुमका के कुरुआ पहाड़ पर स्थित बॉटनिकल गार्डन देखरेख के अभाव में नष्ट हो गया. सांसद सुनील सोरेन की नजर उस पर पड़ी है और उन्होंने केंद्र सरकार की राशि से इसे बेहतर करने की बात कही है. उम्मीद की जानी चाहिए कि निकट भविष्य में कुरुआ पहाड़ का सृष्टि बॉटनिकल गार्डन अपने पुराने अस्तित्व से बेहतर स्थिति में नजर आएगा.

दुमका: जिले के सदर प्रखंड के कुरुआ पहाड़ पर 1994 में बॉटनिकल गार्डन विकसित किया गया था. इसका उद्घाटन तात्कालीन केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री रामेश्वर ठाकुर ने किया था. पहाड़ के ऊपर बने इस सृष्टि बॉटनिकल गार्डन (वानस्पतिक उद्यान) में तरह-तरह के खूबसूरत पेड़-पौधे, रंग-बिरंगे फूल, शो ट्री और हर्बल ट्री लगाए गए थे. बाद में 2006 में झारखंड के तात्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने यहां बच्चों के लिए एक मनोरंजन पार्क का उद्घाटन किया था.

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दूरदराज से यहां आते थे पर्यटक

दुमका के कुरुआ पहाड़ के ऊपर स्थापित इस सृष्टि बॉटनीकल गार्डन को देखने दुमका ही नहीं, बल्कि झारखंड, बिहार और बंगाल के अगल-बगल क्षेत्रों के लोग भी आते थे, लेकिन पिछले एक दशक से दुमका प्रशासन इस खूबसूरत उद्यान के प्रति लापरवाह हो गया. प्रशासनिक उदासीनता की वजह से इसके रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया जाने लगा. पर्यटक निराश होने लगे और धीरे-धीरे यहां आना बंद कर दिया. अब तो यह बिल्कुल बदहाल हो चुका है. पहाड़ के ऊपर जहां काफी खूबसूरत तरीके से आकर्षक फूल और औषधीय पौधे लगाए गए थे, उसकी जगह अब कटीली झाड़ियों ने ले ली है. यहां मौजूद पत्थरों से बने जीव-जंतु टूट-फूट गए हैं.

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पहाड़ के ऊपर बना बूट हाउस और कैंटीन हुआ बेकार

लोगों को आकर्षित करने के उद्देश्य से पहाड़ के ऊपर जूते के आकार का एक मीनार बनाया गया था, जिसे बूट हाऊस के नाम जाना जाता था. उस पर चढ़कर लोग फोटो शूट कराते थे, साथ ही यहां एक कैंटीन भी बनाया गया था, जहां लोग स्वादिष्ट व्यंजन का आनंद लेते थे, लेकिन यह सब बीते दिनों की बात हो गई है. कैंटीन बंद हो चुका है और बूट हाउस देखने अब कोई नहीं आता है.

चली गई बॉटनिकल गार्डन की रौनक

यहां के ग्रामीणों का कहना है कि इसका शानदार इतिहास रहा है. वह एक शानदार वक्त था, जब कुरुआ पहाड़ पर सृष्टि बॉटनिकल गार्डन डेवलप किया गया था, लेकिन अब तो सब कुछ समाप्त हो गया. लगता ही नहीं, कि यह पार्क है. वे सरकार से इस दिशा में आवश्यक पहल की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि इसे फिर से सजाया संवारा जाए. ताकि, इसका रौनक फिर से लौटे और यह गुलजार नजर आए.

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सांसद सुनील सोरेन ने किया पार्क का निरीक्षण

दुमका सांसद सुनील सोरेन ने इस खूबसूरत कुरुआ पहाड़ के ऊपर स्थित बॉटनिकल गार्डन की स्थिति पर चिंता जताई. उनका कहना है कि यह बेहतर पर्यटन केंद्र था, लेकिन अब ऐसी स्थिति नहीं है. उन्होंने कहा कि वो इसे औषधीय पार्क के रूप में विकसित करेंगे. यहां आर्युवेदिक दवाओं का प्रयोगशाला स्थापित किया जाएगा, जहां आयुर्वेदिक औषधियों का ट्रेनिंग भी दिया जाएगा.

देखरेख के अभाव में नष्ट बॉटनिकल गार्डन

दुमका के कुरुआ पहाड़ पर स्थित बॉटनिकल गार्डन देखरेख के अभाव में नष्ट हो गया. सांसद सुनील सोरेन की नजर उस पर पड़ी है और उन्होंने केंद्र सरकार की राशि से इसे बेहतर करने की बात कही है. उम्मीद की जानी चाहिए कि निकट भविष्य में कुरुआ पहाड़ का सृष्टि बॉटनिकल गार्डन अपने पुराने अस्तित्व से बेहतर स्थिति में नजर आएगा.

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