दुमका: झारखंड की उपराजधानी दुमका के जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित है बाबा बासुकीनाथ धाम. अभी सावन का महीना चल रहा है और सावन माह में यहां एक माह तक चलने वाला राजकीय श्रावणी मेला लगता है. वैसे तो यहां श्रद्धालु पूरे साल आते हैं लेकिन, श्रावणी मेला में श्रद्धालुओं की संख्या काफी बढ़ जाती है. अभी झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल समेत पूरे देश से श्रद्धालु हजारों की संख्या में रोज बाबाधाम पहुंच रहे हैं. यहां वे बाबा बासुकी की पूजा अर्चना कर और शिवलिंग पर जलार्पण करते हैं. बासुकीनाथ के प्रति भक्तों की असीम श्रद्धा है.
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बासुकीनाथ को फौजदारी बाबा कहते हैं: बासुकीनाथ मंदिर के पंडा धर्मरक्षिणी सभा के अध्यक्ष मनोज पंडा से ईटीवी भारत ने बात की और उनसे जाना कि आखिरकार क्या वजह है, क्या आकर्षण है कि हजारों श्रद्धालु प्रतिदिन देश के कोने-कोने से यहां खींचे चले आते हैं और भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं. मनोज पंडा ने बताया कि बाबा बासुकी की महिमा अपरंपार है. यहां भक्त सच्चे मन से जो भी मांगते हैं, भगवान शिव उनकी मनोकामना जरूर पूरी करते हैं. मनोज पंडा कहते हैं कि भक्तों द्वारा बासुकीनाथ को फौजदारी बाबा भी कहा जाता है क्योंकि यहां जो भी मांगा जाता है भोलेनाथ उसे जल्द से जल्द पूरा करते हैं.
बासुकीनाथ आए बिना नहीं पूरी होती यात्रा: साथ ही साथ एक धार्मिक मान्यता यह भी है कि सावन माह में श्रद्धालु सुल्तानगंज से गंगाजल लाकर देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथ को अर्पित करते हैं लेकिन, उनकी यात्रा तभी पूर्ण मानी जाती है जब वे बासुकीनाथ धाम आकर यहां भी पूजा अर्चना करते हैं और शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित करते हैं. बाबा बासुकी की महिमा का बखान करते हुए पंडा कहते हैं कि हमने अनगिनत लोगों की मनोकामनाएं यहां पूरी होते देखी है, उन्हें मनोवांछित फल की प्राप्ति हुई है.
क्या कहते हैं श्रद्धालु: बासुकीनाथ मंदिर में ईटीवी भारत ने दूरदराज से आए कई श्रद्धालुओं से बात की. वे बाबा के भक्ति में लीन दिखें. यहां आकर वे अपनेआप को भोलेबाबा को समर्पित कर देते हैं. शिवलिंग पर जलार्पण के बाद उनके चेहरे पर काफी ताजगी था. सुल्तानगंज से जिन्होंने यात्रा शुरू की थी, वह यहां आकर समाप्त हुई लेकिन, उनकी सारी थकावट बाबा बासुकी के दर्शन मात्र से खत्म हो गई. भक्तों ने बताया कि वे लोग वर्षो से यहां आ रहे हैं. पहले उनके दादा-परदादा यहां आते थे और अब वे उसी परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि 'यहां आकर हम सच्चे मन से जो भी मन्नत मांगते हैं बाबा उसे पूरा करते हैं. हमारी झोली उन्होंने खुशियों से भर दी है. यही वजह है कि हम बाबा बासुकी के दरबार दौड़े चले आते हैं.'
बाबा बासुकी सबों को दे आशीर्वाद: श्रद्धालुओं ने कहा जिस तरह से भक्तों की असीम श्रद्धा बाबा बासुकी के प्रति है, हम भी भगवान शिव से यही मनाते हैं कि जो भी भक्त यहां कष्ट को झेलते हुए पूजा अर्चना के लिए पहुंचते हैं, बाबा उनकी मनोकामना पूरी करें. भोलेनाथ दयालु हैं, औघड़ दानी है, यही वजह है कि लोग पीढ़ी दर पीढ़ी यहां आशीर्वाद पाने आ रहे हैं.