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दुमका के ग्रामीण क्षेत्रों के मिनी वाटर प्लांट की स्थिति बदहाल, जनता परेशान - मिनी वाटर प्लांट

दुमका के ग्रामीण क्षेत्रों में लगाए गए मिनी वाटर प्लांट देखरेख के अभाव में बदहाल स्थिति में हैं, जिसकी वजह से ग्रामीणों को काफी परेशान हो रही है. ग्रामीणों ने प्रशासन से इसे जल्द ठीक कराने की मांग की है.

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मिनी वाटर प्लांट
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Published : May 11, 2021, 12:16 PM IST

दुमकाः जिले में पिछले कुछ वर्षों में लाखों रुपये खर्च कर ग्रामीण क्षेत्रों में सोलर ड्रिंकिंग वाटर प्लांट स्थापित किए गए, लेकिन देखरेख के अभाव में इसमें से कई खराब हो चुके हैं. इन खराब पड़े वाटर प्लान में से एक है सदर प्रखंड के हथियापाथर गांव का सोलर वाटर प्लांट. यह प्लांट मोटर खराब होने की वजह से यह लंबे समय से बंद पड़े हुए हैं.

देखें पूरी खबर

इसे भी पढ़ें- कोरोना के खिलाफ जंगः सिमडेगा में ऑक्सीजन प्लांट के लिए कोल इंडिया देगा 99 लाख


कई अन्य गांव में भी समस्या
सोलर ड्रिंकिंग वॉटर प्लांट की यह समस्या जिले के कई अन्य गांव में भी है. जामा प्रखंड के धावाडीह गांव का प्लांट लगभग 6 महीने से खराब है. वहीं जरमुंडी प्रखंड के झिलुआ में भी प्लांट खराब होने से ग्रामीण परेशान है.

क्या कहते हैं ग्रामीण
यह सोलर वाटर प्लांट ग्रामीणों के लिए काफी काम का है, क्योंकि इससे पाइप के जरिए लोगों के घरों तक पीने का पानी पहुंचाया जाता है. अब जब ये खराब हो चुके हैं तो ग्रामीण काफी परेशान है. खासकर अभी गर्मी के दिनों में वाटर लेवल काफी नीचे चला गया है. गांव के जो चापाकल है, उसे काफी चलाने के बाद पानी निकलता है. ग्रामीणों की मांग है कि खराब पड़े सोलर वाटर प्लांट को जल्द ठीक किया जाए.

डीसी ने बीडीओ को दिया निर्देश
पूरे मामले पर उपायुक्त राजेश्वरी बी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के मिनी वाटर प्लांट खराब होने की जानकारी मिली. सभी प्रखंड के बीडीओ को निर्देश दिया कि 15वें वित्त आयोग की राशि से इन समस्याओं को दूर करें. उन्होंने कहा कि जल्द ही सभी प्लांट को दुरुस्त कर दिया जाएगा.

शीघ्र पहल करने की आवश्यकता
उपायुक्त मामले में शीघ्र कार्रवाई की बात कह रही है, लेकिन यह काम जल्द होना चाहिए, ताकि ग्रामीणों को इस भीषण गर्मी में आसानी से पीने का पानी उपलब्ध हो सके.

दुमकाः जिले में पिछले कुछ वर्षों में लाखों रुपये खर्च कर ग्रामीण क्षेत्रों में सोलर ड्रिंकिंग वाटर प्लांट स्थापित किए गए, लेकिन देखरेख के अभाव में इसमें से कई खराब हो चुके हैं. इन खराब पड़े वाटर प्लान में से एक है सदर प्रखंड के हथियापाथर गांव का सोलर वाटर प्लांट. यह प्लांट मोटर खराब होने की वजह से यह लंबे समय से बंद पड़े हुए हैं.

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कई अन्य गांव में भी समस्या
सोलर ड्रिंकिंग वॉटर प्लांट की यह समस्या जिले के कई अन्य गांव में भी है. जामा प्रखंड के धावाडीह गांव का प्लांट लगभग 6 महीने से खराब है. वहीं जरमुंडी प्रखंड के झिलुआ में भी प्लांट खराब होने से ग्रामीण परेशान है.

क्या कहते हैं ग्रामीण
यह सोलर वाटर प्लांट ग्रामीणों के लिए काफी काम का है, क्योंकि इससे पाइप के जरिए लोगों के घरों तक पीने का पानी पहुंचाया जाता है. अब जब ये खराब हो चुके हैं तो ग्रामीण काफी परेशान है. खासकर अभी गर्मी के दिनों में वाटर लेवल काफी नीचे चला गया है. गांव के जो चापाकल है, उसे काफी चलाने के बाद पानी निकलता है. ग्रामीणों की मांग है कि खराब पड़े सोलर वाटर प्लांट को जल्द ठीक किया जाए.

डीसी ने बीडीओ को दिया निर्देश
पूरे मामले पर उपायुक्त राजेश्वरी बी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र के मिनी वाटर प्लांट खराब होने की जानकारी मिली. सभी प्रखंड के बीडीओ को निर्देश दिया कि 15वें वित्त आयोग की राशि से इन समस्याओं को दूर करें. उन्होंने कहा कि जल्द ही सभी प्लांट को दुरुस्त कर दिया जाएगा.

शीघ्र पहल करने की आवश्यकता
उपायुक्त मामले में शीघ्र कार्रवाई की बात कह रही है, लेकिन यह काम जल्द होना चाहिए, ताकि ग्रामीणों को इस भीषण गर्मी में आसानी से पीने का पानी उपलब्ध हो सके.

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