दुमका: झारखंड की उपराजधानी में आयोजित दो दिवसीय बांस मेला का गुरूवार को समापन हो गया. इस मेले में देश के अलग-अलग राज्यों के 5,000 से अधिक बांस उत्पादों का निर्माण करने वाले कारीगरों ने भाग लिया. सभी कारीगरों के लिए यहां का अनुभव बहुत ही बेहतरीन रहा.
बांस कारीगरों ने क्या कहा
इस मेले में आए कारीगर धुनीराम महली और मिथलेश कुमार का कहना है कि बांस मेले में शिरकत करने से उन्हें बहुत कुछ जानने-समझने को मिला. यहां आकर सभी ने अपने हुनर को एक-दूसरे से साझा किया. वहीं बांस हस्तशिल्प विधा में माहिर कुछ विशेषज्ञ भी आये थे जिन्होंने काफी कुछ सिखाया. यह उनके हुनर को और निखारेगा. मेले में विभिन्न राज्यों से कारीगर आए थे, ऐसे में सभी जगह के लोगों के अलग-अलग उत्पाद को देखकर भी उन्होंने बहुत कुछ सीखा.
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बांस हस्तशिल्प व्यवसायियों के लिए भी मेला एक सुखद अनुभव
दुमका में लगे बांस कारीगर मेला में बांस हस्तशिल्प के उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगी थी. इस दौरान दूर-दराज के व्यवसायियों ने अपना स्टॉल लगाया. मेले में आए महाराष्ट्र के गजेंद्र देवड़ेकर ने कहा कि यह मेला उनके लिए बहुत अच्छा अनुभव देने वाला रहा. यहां सामानों की भी बहुत बिक्री हुई. वहीं अलग-अलग लोगों से काफी सीखने को मिला.
बता दें कि दुमका में दो दिवसीय बांस कारीगर मेला समापन के अवसर पर सीएम रघुवर दास ने जिले में बांस पार्क बनाने की भी घोषणा की है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बांस कारीगरों को चीन, वियतनाम भेजा जाएगा.