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दुमका में बांस मेला कार्यक्रम का समापन, कारीगरों ने कहा- यहां आना एक सुखद अनुभव - झारखंड की उपराजधानी

दुमका में बांस मेला कार्यक्रम का समापन हो गया. इस अवसर पर यहां आए कारीगरों ने कहा कि मेले में आना उनके लिए सुखद अनुभव रहा.

दुमका बांस मेले में कारीगर
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Published : Sep 19, 2019, 10:04 PM IST

दुमका: झारखंड की उपराजधानी में आयोजित दो दिवसीय बांस मेला का गुरूवार को समापन हो गया. इस मेले में देश के अलग-अलग राज्यों के 5,000 से अधिक बांस उत्पादों का निर्माण करने वाले कारीगरों ने भाग लिया. सभी कारीगरों के लिए यहां का अनुभव बहुत ही बेहतरीन रहा.

देखें पूरी खबर

बांस कारीगरों ने क्या कहा
इस मेले में आए कारीगर धुनीराम महली और मिथलेश कुमार का कहना है कि बांस मेले में शिरकत करने से उन्हें बहुत कुछ जानने-समझने को मिला. यहां आकर सभी ने अपने हुनर को एक-दूसरे से साझा किया. वहीं बांस हस्तशिल्प विधा में माहिर कुछ विशेषज्ञ भी आये थे जिन्होंने काफी कुछ सिखाया. यह उनके हुनर को और निखारेगा. मेले में विभिन्न राज्यों से कारीगर आए थे, ऐसे में सभी जगह के लोगों के अलग-अलग उत्पाद को देखकर भी उन्होंने बहुत कुछ सीखा.

यह भी पढ़ें- दुमका में बांस कारीगर मेला सम्पन्न, CM रघुवर दास ने की बांस पार्क बनाने की घोषणा

बांस हस्तशिल्प व्यवसायियों के लिए भी मेला एक सुखद अनुभव
दुमका में लगे बांस कारीगर मेला में बांस हस्तशिल्प के उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगी थी. इस दौरान दूर-दराज के व्यवसायियों ने अपना स्टॉल लगाया. मेले में आए महाराष्ट्र के गजेंद्र देवड़ेकर ने कहा कि यह मेला उनके लिए बहुत अच्छा अनुभव देने वाला रहा. यहां सामानों की भी बहुत बिक्री हुई. वहीं अलग-अलग लोगों से काफी सीखने को मिला.
बता दें कि दुमका में दो दिवसीय बांस कारीगर मेला समापन के अवसर पर सीएम रघुवर दास ने जिले में बांस पार्क बनाने की भी घोषणा की है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बांस कारीगरों को चीन, वियतनाम भेजा जाएगा.

दुमका: झारखंड की उपराजधानी में आयोजित दो दिवसीय बांस मेला का गुरूवार को समापन हो गया. इस मेले में देश के अलग-अलग राज्यों के 5,000 से अधिक बांस उत्पादों का निर्माण करने वाले कारीगरों ने भाग लिया. सभी कारीगरों के लिए यहां का अनुभव बहुत ही बेहतरीन रहा.

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बांस कारीगरों ने क्या कहा
इस मेले में आए कारीगर धुनीराम महली और मिथलेश कुमार का कहना है कि बांस मेले में शिरकत करने से उन्हें बहुत कुछ जानने-समझने को मिला. यहां आकर सभी ने अपने हुनर को एक-दूसरे से साझा किया. वहीं बांस हस्तशिल्प विधा में माहिर कुछ विशेषज्ञ भी आये थे जिन्होंने काफी कुछ सिखाया. यह उनके हुनर को और निखारेगा. मेले में विभिन्न राज्यों से कारीगर आए थे, ऐसे में सभी जगह के लोगों के अलग-अलग उत्पाद को देखकर भी उन्होंने बहुत कुछ सीखा.

यह भी पढ़ें- दुमका में बांस कारीगर मेला सम्पन्न, CM रघुवर दास ने की बांस पार्क बनाने की घोषणा

बांस हस्तशिल्प व्यवसायियों के लिए भी मेला एक सुखद अनुभव
दुमका में लगे बांस कारीगर मेला में बांस हस्तशिल्प के उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगी थी. इस दौरान दूर-दराज के व्यवसायियों ने अपना स्टॉल लगाया. मेले में आए महाराष्ट्र के गजेंद्र देवड़ेकर ने कहा कि यह मेला उनके लिए बहुत अच्छा अनुभव देने वाला रहा. यहां सामानों की भी बहुत बिक्री हुई. वहीं अलग-अलग लोगों से काफी सीखने को मिला.
बता दें कि दुमका में दो दिवसीय बांस कारीगर मेला समापन के अवसर पर सीएम रघुवर दास ने जिले में बांस पार्क बनाने की भी घोषणा की है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बांस कारीगरों को चीन, वियतनाम भेजा जाएगा.

Intro:दुमका -
झारखंड की उपराजधानी दुमका में आयोजित दो दिवसीय बांस मेला संपन्न हो गया । इस मेले में देश के अलग-अलग राज्यों के 5000 से अधिक बांस उत्पाद को निर्माण करने वाले कारीगरों ने भाग लिया । सभी कारीगर यहां आकर अपने हुनर को एक दूसरे से साझा किया । वहीं बांस हस्तशिल्प विधा मे माहिर कुछ विशेषज्ञ भी आये थे इन्होंने भी काफी कुछ सिखाया ।


Body:क्या कहा बास कारीगरों ने ।
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मेला में अलग-अलग राज्यों से आये कारीगरों ने बताया कि उनके कई तरह के बांस से बने उत्पाद देखें कुछ को तो वह बनाते थे कुछ को बनाने की कला जान पाये । उन्होंने कहा कि काफी कुछ सीखने को मिला है इस मेले में । बांस कारीगर धुनीराम मोहली और मिथलेश कुमार ने बताया कि इस बांस कारीगर मेला में आना काफी बढ़िया रहा और बहुत कुछ जानने समझने का मौका मिला ।

बाईंट - धुनीराम मोहली , बांस कारीगर
बाईंट - मिथलेश कुमार, बांस कारीगर


Conclusion:महाराष्ट्र आए बांस हस्तशिल्प के व्यवसायी ने कहा - बढ़िया अनुभव ।
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दुमका में लगे बांस कारीगर मेला में बांस हस्तशिल्प के उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगी । दूरदराज के व्यवसायियों अपना स्टॉल भी लगाया । महाराष्ट्र के गजेंद्र देवड़ेकर ने कहा कि बहुत अच्छा अनुभव मिला । सामानों की बिक्री भी खूब हुई । उन्होंने बताया कि बहुत सारे कारीगर आकर हमारे उत्पादों को देखा और कहा कि हम भी ऐसे उत्पाद बनाएंगे ।

बाईट - गजेन्द्र देवड़ेकर , बांस हस्तशिल्प , व्यवसायी , महाराष्ट्र

फाईनल वीओ -
जब कोई बड़ा आयोजन होता है और उसमें कलाकारों या कारीगरों को बुलाया जाता है तो जाहिर है कि एक दूसरे से वे अपने हुनर साझा करेंगे और अपने अनुभव साझा करेंगे । इस दूसरे से जानकारियां साझा करेंगे । कुछ ऐसा ही हुआ दुमका के पास कारीगर मेला में ।
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