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SPECIAL: दुमका में 40 हजार लोगों को मिला PM आवास योजना का लाभ, बिरसा आवास के निर्माण में भी तेजी

दुमका में 2016 -19 इन चार वर्षों में पीएम आवास 36 हजार की संख्या में बनाने का लक्ष्य था. 33 हजार 500 पीएम आवास को पूर्ण कर लिया है. साथ ही आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय को मिलने वाले बिरसा आवास का भी निर्माण जोरों पर है. साढ़े तीन हजार बिरसा आवास का निर्माण हो चुका है.

40 हजार लोगों को मिला आवास योजना का लाभ
40 हजार लोगों को मिला आवास योजना का लाभ
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Published : Sep 24, 2020, 6:03 PM IST

दुमका: जिले में केंद्र और राज्य सरकार की ओर से गरीब और जरूरतमंदों को मुफ्त में घर देने की योजना वर्षो से चली आ रही है. हाल के दिनों में प्रधानमंत्री आवास का निर्माण जोरों पर है. वहीं जिले में बिरसा आवास और बाबासाहब भीमराव अंबेडकर आवास का भी निर्माण तेजी से चल रहा है, जिससे घर का सपना रखने वाले हर व्यक्ति का सपना पूरा होगा.

देखें स्पेशल स्टोरी
दुमका उपायुक्त राजेश्वरी बी ने दी जानकारी

दुमका उपायुक्त राजेश्वरी बी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में यह जानकारी दी कि 2016 से 2019 इन चार वर्षों में दुमका में पीएम आवास 36 हजार की संख्या में बनाने का लक्ष्य था. डीसी ने बताया कि इस लक्ष्य के 36 हजार लोगों में 33 हजार 500 पीएम आवास को पूर्ण कर लिया है.

उपायुक्त ने यह भी बताया कि आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय को मिलने वाले बिरसा आवास का भी निर्माण जोरों पर है. साढ़े तीन हजार बिरसा आवास का निर्माण हो चुका है. इसके साथ ही ऐसी विधवा महिला जिनका नाम 2011 में आर्थिक गणना की सूची में नहीं है. उन्हें सरकार की ओर से बाबासाहब भीमराव अंबेडकर आवास दिया जाता है. हाल के वर्षों में 2000 बाबासाहब भीमराव अंबेडकर आवास का निर्माण करवाया गया है.

अपूर्ण आवास की हो रही समीक्षा

उपायुक्त राजेश्वरी भी कहती है कि जो आवास अपूर्ण हैं, वे उसके कारणों की समीक्षा कर रहीं हैं. इसकी समीक्षा कर संबंधित अधिकारियों को यह निर्देश दिया जाता है कि अपूर्ण आवास के बाधाओं को दूर करते हुए उसे जल्द पूरा किया जाए, ताकि जरूरतमंदों को समय पर लाभ मिल सके.

इसे भी पढे़ं:- फीस जमा न होने पर स्कूल ने शिक्षा मंत्री की नातिन को क्लास से निकाला


पंचायत की मुखिया की है बड़ी भूमिका

ग्रामीण क्षेत्रों में जिस भी पीएम आवास का निर्माण हो रहा है. उसके लाभुकों का भौतिक सत्यापन और अनुशंसा उस पंचायत के मुखिया की ओर से किया जा रहा है. दुमका मुखिया संघ के अध्यक्ष चंद्रमोहन हांसदा कहते हैं कि उनकी ड्यूटी यह होती है कि सामाजिक-आर्थिक जनगणना के अनुसार जिन लोगों के नाम की अनुशंसा पीएम आवास के लिए हुई है. उनकी अभी क्या स्थिति है.

वे बहुत लाभुकों का भौतिक सत्यापन करते हैं और फिर अनुशंसा भी करते हैं. मुखिया चंद्रमोहन सरकार को यह सुझाव देते हैं कि शहरी क्षेत्र में पीएम आवास के लिए ढाई लाख रुपया आवंटित होते हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में एक लाख बीस हजार है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में पैसों की जरूरत ज्यादा पड़ती है क्योंकि जो भी बिल्डिंग मेटेरियल है, उसे ढोकर काफी दूर ले जाना पड़ता है. फिर ऐसी कोई स्थिति नहीं है कि ग्रामीण क्षेत्र में घर बनाने का लागत कम हो. वे सरकार से मांग करते हैं कि शहरी क्षेत्र की तरह ग्रामीण क्षेत्र में भी पीएम आवास की राशि बढ़ाई जाए.

जिला प्रशासन को रखनी चाहिए पैनी नजर

जिला प्रशासन सरकार की आवास योजनाओं को जमीन पर उतारने का काम करती है. यहां जरूरत इस बात की है कि आवास योजनाओं की सही मॉनिटरिंग हो, ताकि जरूरतमंदों को उनका हक आसानी से और सही तरीके से प्राप्त हो सके.

दुमका: जिले में केंद्र और राज्य सरकार की ओर से गरीब और जरूरतमंदों को मुफ्त में घर देने की योजना वर्षो से चली आ रही है. हाल के दिनों में प्रधानमंत्री आवास का निर्माण जोरों पर है. वहीं जिले में बिरसा आवास और बाबासाहब भीमराव अंबेडकर आवास का भी निर्माण तेजी से चल रहा है, जिससे घर का सपना रखने वाले हर व्यक्ति का सपना पूरा होगा.

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दुमका उपायुक्त राजेश्वरी बी ने दी जानकारी

दुमका उपायुक्त राजेश्वरी बी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में यह जानकारी दी कि 2016 से 2019 इन चार वर्षों में दुमका में पीएम आवास 36 हजार की संख्या में बनाने का लक्ष्य था. डीसी ने बताया कि इस लक्ष्य के 36 हजार लोगों में 33 हजार 500 पीएम आवास को पूर्ण कर लिया है.

उपायुक्त ने यह भी बताया कि आदिम जनजाति पहाड़िया समुदाय को मिलने वाले बिरसा आवास का भी निर्माण जोरों पर है. साढ़े तीन हजार बिरसा आवास का निर्माण हो चुका है. इसके साथ ही ऐसी विधवा महिला जिनका नाम 2011 में आर्थिक गणना की सूची में नहीं है. उन्हें सरकार की ओर से बाबासाहब भीमराव अंबेडकर आवास दिया जाता है. हाल के वर्षों में 2000 बाबासाहब भीमराव अंबेडकर आवास का निर्माण करवाया गया है.

अपूर्ण आवास की हो रही समीक्षा

उपायुक्त राजेश्वरी भी कहती है कि जो आवास अपूर्ण हैं, वे उसके कारणों की समीक्षा कर रहीं हैं. इसकी समीक्षा कर संबंधित अधिकारियों को यह निर्देश दिया जाता है कि अपूर्ण आवास के बाधाओं को दूर करते हुए उसे जल्द पूरा किया जाए, ताकि जरूरतमंदों को समय पर लाभ मिल सके.

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पंचायत की मुखिया की है बड़ी भूमिका

ग्रामीण क्षेत्रों में जिस भी पीएम आवास का निर्माण हो रहा है. उसके लाभुकों का भौतिक सत्यापन और अनुशंसा उस पंचायत के मुखिया की ओर से किया जा रहा है. दुमका मुखिया संघ के अध्यक्ष चंद्रमोहन हांसदा कहते हैं कि उनकी ड्यूटी यह होती है कि सामाजिक-आर्थिक जनगणना के अनुसार जिन लोगों के नाम की अनुशंसा पीएम आवास के लिए हुई है. उनकी अभी क्या स्थिति है.

वे बहुत लाभुकों का भौतिक सत्यापन करते हैं और फिर अनुशंसा भी करते हैं. मुखिया चंद्रमोहन सरकार को यह सुझाव देते हैं कि शहरी क्षेत्र में पीएम आवास के लिए ढाई लाख रुपया आवंटित होते हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में एक लाख बीस हजार है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र में पैसों की जरूरत ज्यादा पड़ती है क्योंकि जो भी बिल्डिंग मेटेरियल है, उसे ढोकर काफी दूर ले जाना पड़ता है. फिर ऐसी कोई स्थिति नहीं है कि ग्रामीण क्षेत्र में घर बनाने का लागत कम हो. वे सरकार से मांग करते हैं कि शहरी क्षेत्र की तरह ग्रामीण क्षेत्र में भी पीएम आवास की राशि बढ़ाई जाए.

जिला प्रशासन को रखनी चाहिए पैनी नजर

जिला प्रशासन सरकार की आवास योजनाओं को जमीन पर उतारने का काम करती है. यहां जरूरत इस बात की है कि आवास योजनाओं की सही मॉनिटरिंग हो, ताकि जरूरतमंदों को उनका हक आसानी से और सही तरीके से प्राप्त हो सके.

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