दुमकाः प्रसिद्ध तीर्थ स्थल बासुकीनाथ में एक माह तक चलने वाले श्रावणी मेले(Shravani fair) का समापन हो गया. इस पूरे माह में कुल 28 लाख 80 हजार 590 श्रद्धालुओं ने जलार्पण कर पूजा अर्चना की. अगर इस आंकड़े को हम प्रतिदिन औसत में देखे तो लगभग एक लाख श्रद्धालु रोज बासुकीनाथ पहुंचे जो एक अच्छी संख्या कही जा सकती है.
मंदिर को विभिन्न स्रोतों से हुई 3 करोड़ से अधिक की आमदनीः इस एक माह में बासुकीनाथ मंदिर (basukinath temple)को कुल 03 करोड़ 06 लाख 438 रुपये की आमदनी प्राप्त हुई. जिसमें शीघ्र दर्शनम से 02 करोड़ 43 लाख रुपये, दान पेटी से 40 लाख 28 हजार रुपए प्राप्त हुए. जबकि गोलक से लगभग 5 किलोग्राम चांदी और 16 लाख 93 हजार नगद मिले. वहीं अन्य आंकड़ों की बात करें तो राज्य सरकार द्वारा निर्मित टेंट सिटी में 67हजार 217 लोगों को आवासन की सुविधा मिली. वहीं खोया पाया शिविर में 13 हजार 112 लोगों को उनके परिजनों से मिलाया गया.
मेले के समापन के अवसर पर एक कार्यक्रम का हुआ आयोजनः श्रावणी मेले(Shravani fair) के समापन के अवसर पर शुक्रवार की देर शाम एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ. जिसमें संथाल परगना (santhal pargana)के डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल, एसपी अंबर लकड़ा, उप विकास आयुक्त कर्ण सत्यार्थी, बासुकीनाथ पंडा, धर्मरक्षिणी सभा के अध्यक्ष मनोज पंडा, पूर्व राज्यसभा सदस्य अभय कांत प्रसाद समेत कई प्रशासनिक और पुलिस के अधिकारी के साथ स्थानीय स्तर के गणमान्य लोगों ने भाग लिया. क्या कहते हैं उप विकास आयुक्तः समापन समारोह के अवसर पर अपने संबोधन में दुमका के उप विकास आयुक्त कर्ण सत्यार्थी ने कहा कि कोरोना की वजह से दो वर्षों से श्रावणी मेला (Shravani fair)का आयोजन नहीं हुआ था. उस वक्त के जो अधिकारी - कर्मचारी - जवान कार्यरत हैं वे इस जिले से चले गए थे. इसलिए मेले का सफल संचालन करना एक चुनौती थी. लेकिन स्थानीय और दूसरे जगहों से आए प्रशासन और पुलिस के कर्मियों ने काफी मेहनत की और इस मेले का सफलतापूर्वक संचालन किया. उन्होंने आशा जताई कि इस वर्ष का जो अनुभव है, वह आने वाले वर्ष में काम आएगा और श्रावणी मेला(Shravani fair) ज्यादा बेहतर तरीके से संपन्न होगा.क्या कहते हैं डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडलः संथाल परगना प्रक्षेत्र(santhal pargana regeion) के डीआईजी सुदर्शन प्रसाद मंडल ने मेले के सफल संचालन के लिए सबों को बधाई देते हुए कहा कि यह मेला कुशल प्रबंधन और बेहतर समन्वय का नतीजा है कि बिना किसी शिकायत और अप्रिय घटना के यह समाप्त हुआ. इसके लिए सबों ने काफी मेहनत की है. डीआईजी ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि नर सेवा ही नारायण सेवा है. यह भावना रखकर काम किया गया और श्रद्धालुओं को हर सुविधा प्रदान करने का प्रयास किया. जिसका सकारात्मक परिणाम सामने आया.एक उम्मीद आने वाला साल होगा और बेहतरः श्रावणी मेला (Shravani fair) 2022 में 2019 के मुकाबले लगभग आठ लाख श्रद्धालु अधिक आए, लेकिन इस बार बेहतर आमदनी कि आस लेकर आए दुकानदारों को अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई. कई कारणों की वजह से श्रद्धालुओं की परचेजिंग कैपिसिटी कम देखी. हम यह उम्मीद करते हैं कि आने वाले वर्ष में श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ेगी साथ ही साथ दूरदराज और स्थानीय दुकानदारों को भी अच्छी आमदनी प्राप्त होगी ताकि वे भी मेला समाप्ति के बाद खुशी - खुशी अपने घर लौटे.