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ग्रामीणों ने किया थाना का घेराव, पंचेत डैम जलाशय में महीन जाल से मछली मारने का विरोध

निरसा के पंचेत डैम जलाशय में महीन जाल के प्रयोग से मछली मारने के विरोध में ग्रामीणों ने झामुमो के बैनर तले कालूबथान ओपी का घेराव किया. मछली व्यवसायियों ने कहा कि अवैध तरीके से मछली पकड़े जाने के कारण मछली व्यवसायी को समुचित मात्रा में मछली नहीं मिल पा रही है.

Villagers protested against killing fish with fine nets in Nirsa
पंचेत डैम जलाशय से महीन जाल से मछली मारने के विरोध में ग्रामीणों ने कालूबथान ओपी का किया घेराव
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Published : Mar 5, 2021, 10:09 AM IST

धनबाद: निरसा के पंचेत जलाशय मतस्यजीवी संग्राम समिति की ओर से झारखंड मुक्ति मोर्चा के बैनर तले गुरुवार को सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण कालू बथान ओपी पहुंचे. जहां उन लोगों ने पंचेत डैम में महीन जाल का इस्तेमाल कर जीरा मछली मारने और कालूबथान ओपी की कार्यशैली के खिलाफ जमकर हंगामा किया.

ये भी पढ़ें- मुठभेड़ में JJMP कमांडर की मौत की जांच करेगी CID, केस का अनुसंधान टेकओवर करने का आदेश

लोगों ने आरोप लगाया कालू बथान पुलिस के संरक्षण में एक गिरोह की ओर से घातक जाल का प्रयोग कर छोटे-छोटे मछलियों को फंसया जाता है. इसकी वजह से छोटी-छोटी मछलियां मर जाती हैं. इसका असर मछली व्यवसाय करने वालों पर पड़ रहा है. इस मछली व्यवसाय में सैकड़ों परिवार लगे हुए हैं. उन लोगों की ओर से अवैध तरीके से मछली पकड़े जाने के कारण मछली व्यवसायी को समुचित मात्रा में मछली नहीं मिल पा रही है. ग्रामीणों ने मांग की कि इस तरह का जाल का प्रयोग नहीं किया जाए, जिससे कि छोटी मछली मर जाय.

धनबाद: निरसा के पंचेत जलाशय मतस्यजीवी संग्राम समिति की ओर से झारखंड मुक्ति मोर्चा के बैनर तले गुरुवार को सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण कालू बथान ओपी पहुंचे. जहां उन लोगों ने पंचेत डैम में महीन जाल का इस्तेमाल कर जीरा मछली मारने और कालूबथान ओपी की कार्यशैली के खिलाफ जमकर हंगामा किया.

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लोगों ने आरोप लगाया कालू बथान पुलिस के संरक्षण में एक गिरोह की ओर से घातक जाल का प्रयोग कर छोटे-छोटे मछलियों को फंसया जाता है. इसकी वजह से छोटी-छोटी मछलियां मर जाती हैं. इसका असर मछली व्यवसाय करने वालों पर पड़ रहा है. इस मछली व्यवसाय में सैकड़ों परिवार लगे हुए हैं. उन लोगों की ओर से अवैध तरीके से मछली पकड़े जाने के कारण मछली व्यवसायी को समुचित मात्रा में मछली नहीं मिल पा रही है. ग्रामीणों ने मांग की कि इस तरह का जाल का प्रयोग नहीं किया जाए, जिससे कि छोटी मछली मर जाय.

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