धनबाद: 26 नवंबर को भारत बंद बुलाया गया है. इसे लेकर सोमवार को संयुक्त मोर्चा की एक बैठक निरसा इलाके के गुरुद्वारा परिसर में आयोजित की गई. इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि इस बार का भारत बंद असरदार होगा और सरकार की नींद खुलेगी. सरकार देश को फिर से गुलामी की ओर ले जाना चाह रही है. जिस का पुरजोर विरोध किया जाएगा.
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कोल इंडिया सहित विभिन्न सरकारी उपक्रमों के निजीकरण के विरोध में संयुक्त मोर्चा ने 26 नवंबर को भारत बंद का आह्वाहन किया है. इसे लेकर सोमवार को संयुक्त मोर्चा की बैठक निरसा के गुरुद्वारा परिसर में आयोजित की गई. इस दौरान वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार देश को फिर से गुलामी कि ओर ले जाने का काम कर रही है. सरकार की ओर से सिर्फ कोल इंडिया को निजीकरण आऊट सोर्सिंग के नाम पर नहीं की जा रही है, बल्कि बीएसएनएल, रेलवे सहित अलग-अलग सेक्टरों को निजी हाथों में सौंपने का काम कर रही है, जिसका सीधा और व्यापक असर यहां काम कर रहे मजदूरों पर पड़ेगा.
वक्ताओं ने कहा कि हर हाल में सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना होगा और फैसले को वापस लेना होगा. इसको लेकर तमाम मजदूर यूनियन एक जुट होकर इसका विरोध कर रहे हैं और इस भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिलेगा.