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सम्मेद शिखरजी मामला: मंत्री चम्पई सोरेन ने कहा- सरकार कर रही है अध्ययन - DHANBAND NEWS

धनबाद पहुंचे परिवहन मंत्री चम्पई सोरेन (Transport Minister Champai Soren) ने पारसनाथ को पर्यटक स्थल घोषित किए जाने के मामले में अपनी सरकार का पक्ष लेते हुए कहा कि हमारी सरकार सर्व धर्म सम्मान में विश्वास करती है और सम्मेद शिखर (Sammed Sikhar) मामले में अध्य्यन कर रही है. इस मौके पर उन्होंने हेमंत सरकार के कामों को भी गिनवाया.

Transport Minister Champai Soren
परिवहन मंत्री चंपई सोरेन
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Published : Jan 4, 2023, 2:56 PM IST

मंत्री चम्पई सोरेन ने दी जानकारी

धनबाद : सरायकेला विधायक परिवहन मंत्री चम्पई सोरेन (Transport Minister Champai Soren) बुधवार को धनबाद पहुंचे. सर्किट हाउस में कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया. पारसनाथ को तीर्थ स्थल से पर्यटन स्थल बनाने पर उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि हमारी पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है. मामले का अध्ययन किया जा रहा है. सीएम ने भी मामले को लेकर अपना बयान दिया है. इसके साथ ही चम्पई सोरेन ने हेमंत सरकार (Hemant Sarkar) की उपलब्धियों को मीडिया के सामने रखा.


यह भी पढ़ें: जमशेदपुर में सीएम हेमंत सोरेन ने भाजपा पर 'उगली आग', पब्लिक पर की राहत की बारिश

मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार गठन के साथ ही कोरोना महामारी ने दस्तक दे दी. दो सालों तक सरकार कोरोना महामारी से निपटने में उलझी रही. राज्य की जनता को बचाने के लिए हेमंत सरकार ने कोरोना काल मे ऐतिहासिक कदम उठाये. प्रवासी मजदूरों को हवाई जहाज, रेल व बस से लाने का काम हेमंत सरकार ने किया. जो किसी अन्य राज्य में नहीं किया गया.

एक साल जो शेष बचा उसमें कई विकास के काम हेमंत सरकार ने किए. जो दूसरी सरकार अब तक नहीं कर सकी. उन्होंने कहा कि झारखंड की भौगोलिक स्थिति बिल्कुल अलग है. जंगल के बीच में लोग रहते हैं. वैसे जगहों में बसे लोगों को पेंशन स्कीम पहुंचाने का काम किया गया. आज एक भी लोग नही मिलेंगे, जिन्हें पेंशन का लाभ नहीं मिलता है. जिन्होंने कभी बीडीओ सीओ को नहीं देखा था.

उनके घर बीडीओ, सीओ पहुंचकर 'आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वारा कार्यक्रम' के माध्यम से जनता के कार्यों व उनकी समस्याओं का निदान कराया गया. आंगनबाड़ी सेविकाओं के ऊपर पिछली सरकार ने लाठियां चलवाई. आज वही आंगनबाड़ी सेविकाएं सरकार के लिए धन्यवाद रैली निकाल रही है. विद्यार्थियों के लिए दो गुना छात्रवृत्ति बढ़ाने और सरकारी स्कूलों को एक मॉडल स्कूल सरकार बनाने जा रही है.

यहां के आदिवासी और मूलवासियों को 75 फीसदी नियोजन देने को लेकर कानून बनाई गई है. झारखंड को सोने की चिड़िया कही जाती है. लेकिन यहां के आदिवासी और मूलवासी को सोने की चिड़िया से दूर रखा गया था. अब वे धीरे- धीरे उस सोने की चिड़िया के पास आ रहे हैं. विपक्ष के पास अब कोई मुद्दा नहीं बच गया है.

मंत्री चम्पई सोरेन ने दी जानकारी

धनबाद : सरायकेला विधायक परिवहन मंत्री चम्पई सोरेन (Transport Minister Champai Soren) बुधवार को धनबाद पहुंचे. सर्किट हाउस में कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया. पारसनाथ को तीर्थ स्थल से पर्यटन स्थल बनाने पर उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि हमारी पार्टी सभी धर्मों का सम्मान करती है. मामले का अध्ययन किया जा रहा है. सीएम ने भी मामले को लेकर अपना बयान दिया है. इसके साथ ही चम्पई सोरेन ने हेमंत सरकार (Hemant Sarkar) की उपलब्धियों को मीडिया के सामने रखा.


यह भी पढ़ें: जमशेदपुर में सीएम हेमंत सोरेन ने भाजपा पर 'उगली आग', पब्लिक पर की राहत की बारिश

मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार गठन के साथ ही कोरोना महामारी ने दस्तक दे दी. दो सालों तक सरकार कोरोना महामारी से निपटने में उलझी रही. राज्य की जनता को बचाने के लिए हेमंत सरकार ने कोरोना काल मे ऐतिहासिक कदम उठाये. प्रवासी मजदूरों को हवाई जहाज, रेल व बस से लाने का काम हेमंत सरकार ने किया. जो किसी अन्य राज्य में नहीं किया गया.

एक साल जो शेष बचा उसमें कई विकास के काम हेमंत सरकार ने किए. जो दूसरी सरकार अब तक नहीं कर सकी. उन्होंने कहा कि झारखंड की भौगोलिक स्थिति बिल्कुल अलग है. जंगल के बीच में लोग रहते हैं. वैसे जगहों में बसे लोगों को पेंशन स्कीम पहुंचाने का काम किया गया. आज एक भी लोग नही मिलेंगे, जिन्हें पेंशन का लाभ नहीं मिलता है. जिन्होंने कभी बीडीओ सीओ को नहीं देखा था.

उनके घर बीडीओ, सीओ पहुंचकर 'आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वारा कार्यक्रम' के माध्यम से जनता के कार्यों व उनकी समस्याओं का निदान कराया गया. आंगनबाड़ी सेविकाओं के ऊपर पिछली सरकार ने लाठियां चलवाई. आज वही आंगनबाड़ी सेविकाएं सरकार के लिए धन्यवाद रैली निकाल रही है. विद्यार्थियों के लिए दो गुना छात्रवृत्ति बढ़ाने और सरकारी स्कूलों को एक मॉडल स्कूल सरकार बनाने जा रही है.

यहां के आदिवासी और मूलवासियों को 75 फीसदी नियोजन देने को लेकर कानून बनाई गई है. झारखंड को सोने की चिड़िया कही जाती है. लेकिन यहां के आदिवासी और मूलवासी को सोने की चिड़िया से दूर रखा गया था. अब वे धीरे- धीरे उस सोने की चिड़िया के पास आ रहे हैं. विपक्ष के पास अब कोई मुद्दा नहीं बच गया है.

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