धनबाद: जिले में आवारा कुत्तों का आतंक बढ़ता ही जा रहा है. शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SNMMCH) में आवारा कुत्तों के शिकार हुए लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. कुत्तों के इस आतंक से आम लोग तो परेशान हैं ही, अस्पताल प्रबंधन की भी नींद उड़ी हुई है.
कोयलांचल की सड़कों पर वफादार कहलाने वाले कुत्तों ने अब भेड़ियों का रूप अख्तियार कर लिया है. आए दिन सड़क पर चलने वाले आम लोगों को आवारा कुत्ते अपना शिकार बना रहे हैं. एशियन एमएमसीएच अस्पताल के ताजा आंकड़ों के अनुसार हर दिन लगभग 70 मामले कुत्ते के काटने के पहुंच रहे हैं. एआरवी डिपार्टमेंट के इंचार्ज रॉबिन दत्त ने बताया कि रविवार को अस्पताल के ओपीडी में छुट्टी रहती है, जिसके कारण सोमवार को कुत्ते के काटने के मामले में वृद्धि देखी जाती है, सोमवार को यह आंकड़ा 170 से भी पार हो जाता है.
क्या है रेबीज बीमारी
रेबीज एक जानलेवा बीमारी है जो कुत्तों के काटने से होती है. अगर समय पर इसका इलाज नहीं कराया जाए तो मनुष्य की जान जा सकती है. जिला पशुपालन पदाधिकारी उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि इस जानलेवा बीमारी से बचने के लिए आवारा कुत्तों को एंटी रैबीज वैक्सीन दी जाती है, ताकि अगर कुत्ता मनुष्यों को काटे तो रैबीज ना हो. उन्होंने बताया कि 15 से 20 दिनों के अंदर एंटी रैबीज वैक्सीन लगाने का अभियान चलाया जाएगा, निगम की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि आवारा कुत्तों का शिकार होने से लोगों को कैसे बचाया जाए. वहीं, इस संबंध में नगर आयुक्त ने कहा कि एक एनजीओ से बातचीत चल रही है, डॉग कैचर से आवारा कुत्तों को पकड़वाकर शहर से बाहर छोड़ देने की योजना है.